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TATANAGAR : आरपीएफ की महिला कांस्टेबल ने अधेड़ बुकिंग क्लर्क को क्यों मारा थप्पड़, जानिये कारण

TATANAGAR : आरपीएफ की महिला कांस्टेबल ने अधेड़ बुकिंग क्लर्क को क्यों मारा थप्पड़, जानिये कारण
टाटानगर स्टेशन का सेकेंड इंट्री काउंटर जहां हुई घटना
  • यात्री के भड़काने पर आरपीएफ कांस्टेबल गीता कुमारी ने खोया आपा, वर्दी का अनुशासन हुआ तार-तार
  • चक्रधरपुर डीआरएम व सीनियर कमांडेंट तक पहुंचा मामला, सीसीटीवी फुटेज खोल रहा आरोपों के राज

JAMSHEDPUR.  रेलवे में आरपीएफ (Railway protection Force) को अनुशासित बल माना जाता है. वर्दी में अधिकारी व जवानों की अवांछित हरकतों से बल की छवि व अनुशासन दोनों दागदार होते हैं. मुंबई जा रही जयपुर एक्सप्रेस (Jaipur Express Firing) में आरपीएफ जवान चेतन कुमार द्वारा की गयी फायरिंग में एएसआई और तीन यात्रियों की मौत की चर्चा खत्म भी नहीं हुई थी कि टाटानगर (TATANAGAR RAILWAY STATION) में सोमवार एक अगस्त की रात वर्दी में ऑन डयूटी महिला कांस्टेबल गीता कुमारी ने अधेड़ उम्र के बुकिंग क्लर्क एसबी सिंह को तमाचा जड़कर बल की अनुशासित छवि पर प्रश्न चिह्न लगा दिया है.  (RPF constable slaps booking clerk)

सवाल यह उठाया जा रहा कि अगर गीता कुमारी का एसबी सिंह से कोई विवाद हुआ ही था तो क्या उसके लिए यही सजा उपयुक्त थी ? आरपीएफ की वर्दी में तैनात गीता कुमारी ने क्या खुद को सिस्टम से ऊपर समझ लिया और न्याय कर दिया ? क्या उनके सामने और कोई रास्ता नहीं रह गया था जो उन्होंने आनन-फानन में यह कदम उठा लिया ? क्या जयपुर फायरिंग में चेतन कुमार की तरह गीता कुमारी भी अपना आपा खो बैठी  थीं जो उन्होंने यह कदम उठा लिया? वह भी अपने से दोगुनी उम्र के व्यक्ति के ऊपर, वह भी काउंटर से बाहर बुलाकर जो ऑन डयूटी कर्मचारी था.

यहां यह बात भी चर्चा में है कि अगर गीता कुमारी ने अपना आपा खो दिया था और अगर उनकी हाथों में हथियार होता तो क्या जयपुर एक्सप्रेस फायरिंग की तरह आज टाटानगर भी देश के पटल पर चर्चा का बिंदु बन गया होता ? ये तमाम सवाल दो रेलकर्मियों के बीच उत्पन्न बकझक, टीका-टिप्पणी के बाद हाथापायी को लेकर उठ खड़े हुए है. इन तमाम सवालों के जबाव आरपीएफ (Railway protection Force) के अधिकारियों को तलाशने है जिनके पास इस मामले की जांच का जिम्मा है.

TATANAGAR : आरपीएफ की महिला कांस्टेबल ने अधेड़ बुकिंग क्लर्क को क्यों मारा थप्पड़, जानिये कारणबात आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट पी शंकर कुट्टी और डीआरएम अरुण जे राठौर तक पहुंच चुकी है. देखने में यह छोटी जरूर लगे लेकिन डिवीजन में ऑन डयूटी रेलकर्मियों के आचार-व्यवहार के इस मामले में दोनों अधिकारियों द्वारा तय किया जाने वाला दिशा-निर्देश ही भविष्य में होने वाली परिस्थिति के मानक तय करेगा. अब कॉमर्शियल से जुड़े एसबी सिंह और आरपीएफ से जुड़ी गीता कुमारी के मामले में कार्रवाई की दिशा पर दोनों विभागों के सैकड़ों कर्मचारियों की निगाह टिकी हुई है.

ऐसा नहीं है कि सिर्फ आरपीएफ की महिला कांस्टेबल ने बुकिंग क्लर्क को काउंटर से बुलाकर तमाचा जड़ा, जबाव में बुकिंग क्लर्क एसबी सिंह ने भी यही व्यवहार दोहराया. हाथापायी की घटना भले ही सीसीटीवी में भी कैद होती गयी लेकिन टाटानगर रेलवे स्टेशन के सेकेंड इंट्री काउंटर पर टेपों चालक, यात्री व दूसरे लोग यह तमाशा लाइव देखा. हद तो तब हो गयी जब न्याय प्रक्रिया को अपने हाथ लेने वाली महिला जवान शिकायत लेकर न्याय की फरियाद करने भी खुद पहुंच गयी. उन्होंने पहल करते हुए आरपीएफ पोस्ट प्रभारी संजय कुमार तिवारी को भी बुला लिया और डायरी में ऑन डयूटी स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार की रिपोर्ट भी दर्ज करा डाली.

रात के 10 से 11 बजे की तक चले घटनाक्रम के बाद मौके पर पहुंचे आरपीएफ प्रभारी संजय कुमार तिवारी (Railway protection Force) ने सक्रियता दिखाते अपने पद के पावर का पूरा इस्तेमाल किया और बुकिंग कर्मचारी एसबी सिंह को शराब के नशे में डयूटी करने की आशंका जताते हुए रेलवे अस्पताल में लेकर जाकर मेडिकल करा दिया. रिपोर्ट जो भी आये लेकिन यह सब कुछ ऑन डयूटी कर्मचारियों के साथ हुआ, जिसमें परेशानी आम यात्रियों को हुई क्योंकि इस विवाद के बीच टिकट काउंटर पर टिकट देने वाला कोई नहीं था.

महिला जवान और बुकिंग कर्मचारी अपने-अपने समर्थन में जो भी तर्क दे प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रात ड्यूटी में आये एसबी सिंह ने महिला जवान को तत्काल आरक्षण के लिए बनायी जाने वाली लिस्ट के लिए खुद जाकर पेपर और रिक्वीजिशन स्लीप दिया था. तब तक सब कुछ सौहार्द पूर्ण चल रहा था. इस बीच पुरुलिया की टिकट के लिए एक यात्री काउंटर पर पहुंचा. उस समय पुरुलिया की ट्रेन नहीं थी. एसबी सिंह ने टिकट नहीं दिया. इससे यात्री हंगामा मचाने लगा. एसबी सिंह ने महिला जवान को इसमें हस्तक्षेप करने को कहा ओर टिप्पणी की कि काउंटर पर हंगामा हो रहा और आप मौन है. जवान पर टिप्पणी करता हुए एसबी सिंह काउंटर के भीतर चला गया.

एसबी सिंह की टिप्पणी महिला कांस्टेबल को नागवार गुजरी. उसने सामने बैठे यात्री से जानना चाहा कि काउंटर क्लर्क क्या टिप्पणी कर रहा था. उस यात्री ने भी क्लर्क की टिप्पणी को कुछ बढ़ाकर पेश कर दिया. फिर क्या था गीता कुमारी आपा खो बैठीं और एसबी सिंह को काउंटर से बाहर बुलाया. काउंटर से बाहर आते ही उसने अधेड़ एसबी सिंह को तमाचा जड़ दिया. इससे अप्रत्याशित एसबी सिंह ने भी उसी भाषा में प्रतिउत्तर दे दिया. अब यह मामला जांच के दायरे में है, इसलिए सामने आने वाली रिपोर्ट का इंतजार है…

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