तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर . किसी की प्रार्थना पूरी हुई , किसी पर हो रहा विचार . यातायात – परिवहन के लिहाज से गरीबों की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों के मामले में कुछ ऐसा ही हो रहा है . यात्रियों की भारी मांग के मद्देनजर खड़गपुर – हावड़ा संभाग में लोकल ट्रेनों का परिचालन तो काफी हद तक स्वाभाविक हो गया , लेकिन खड़गपुर – भद्रक और खड़गपुर – टाटानगर सेक्शन में यह अब भी दूर की कौड़ी बनी हुई है . इससे दोनों रेलखंडों के यात्री खासे परेशान हैं .
बता दें कि कोरोना काल में ठप पड़ी रेल सेवा के दौरान आशंका जताई जा रही थी कि लोकल ट्रेनों के चलने पर संक्रमण तेजी से फैल सकता है .
यात्रियों की भारी मांग के बाद शुरुआती झिझक के साथ खड़गपुर – हावड़ा सेक्शन में लोकल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया . खड़गपुर – आदरा संभाग में भी कुछ पैसेंजर ट्रेनों के चलने से यात्रियों को राहत मिली है . लेकिन खड़गपुर – टाटानगर और खड़गपुर – भद्रक रेल खंड में अब भी इसकी बाट जोही जा रही है . यात्री संगठन लगातार इसके लिए दबाव बना रहे हैं . क्योंकि इन दोनों रेल खंडों में पहले ही लोकल ट्रेनों की भारी कमी है . यात्रियों का कहना है कि जब एक रेल मार्ग पर स्वाभाविक रुप से लोकल ट्रेनें चल रही है तो किसी खंड विशेष को इस सुविधा से वंचित क्यों किया जाए .
राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि लोकल गाड़ियों की उपयोगिता को स्वीकार करते हुए प्रभावित यात्रियों के साथ सहानुभूति जताते हैं , लेकिन कोई भी यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि परिचालन कब स्वाभाविक होगा . विरोधी दल गेंद केंद्र के पाले में डालते हैं तो भाजपा नेता वैक्सीन तैयार होने तक सावधानी जरूरी बताते हैं . वहीं संबंधित राज्य सरकार से स्वीकृति मिलने की पेंच भी गिनाते हैं . दूसरी ओर खड़गपुर रेल मंडल के वरिष्ठ मंडलीय वाणिज्यिक प्रबंधक आदित्य चौधरी कहते हैं कि इस बाबत प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया है. मंजूरी मिलते ही ट्रेनें शुरू कर दी जाएंगी .