मुंबई. पश्चिम रेलवे ने जुलाई, 2018 में बिना टिकट/अनियमित टिकट पर यात्रा करने वालों के विरुद्ध सघन अभियान चलाया. परिणामस्वरूप बिना बुक किये गये सामान सहित बिना टिकट यात्रा/अनियमित यात्रा के लगभग 1.82 लाख मामले पकड़े गये. इन मामलों में 7.43 करोड़ रु. जुर्माने से राजस्व आया. यह इसी अवधि में पिछले साल के जुर्माने से 7.77 प्रतिशत अधिक हैं. इसके अतिरिक्त 270 भिखारियों तथा 511 अनधिकृत फेरीवालों को रेल परिसर से जुर्माना वसूल कर बाहर किया गया तथा 107 व्यक्तियों को जेल भेजा गया.
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविंद्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार जुलाई, 2018 के दौरान, दलालों तथा असामाजिक तत्त्वों के विरुद्धपश्चिम रेलवे के वाणिज्य विभाग द्वारा 217 जांच की गईं. इनके परिणामस्वरूप 258 व्यक्तियों को पकड़ा गया तथा रेल अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहतमुकदमा चलाकर उनसे जुर्माना प्राप्त किया गया. जुलाई, 2018 के दौरान, सुरक्षिणी दस्ते द्वारा 12 वर्ष से अधिक उम्र के 55 स्कूली बच्चों को उपनगरीय ट्रेनों के महिला डिब्बों मेंसफ़र करते हुए पाया गया, जिन्हें वहां से हटाया गया.
पश्चिम रेलवे द्वारा बिना टिकट यात्रा करने वालों के विरुद्ध नियमित रूप से ऐसे सघन अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाती रही है. अपने अधिकृत रेल उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने तथा बिना टिकट यात्रा में कमी लाने के उद्देश्य से पश्चिम रेलवे द्वारा हमेशा कारगर कदम उठाये जाते रहे हैं. पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बिना टिकट यात्रा के कारण होने वाली राजस्व क्षति तथा इस तरह की अन्य अनियमितताओं पर कड़ी निगरानी रखी जाती है। पश्चिम रेलवे द्वारा यात्रियोंसे अपील की गई है कि वे उचित टिकट खरीदकर सम्मान के साथ यात्रा करें.