- 8000 टन लोडिंग , 4 इंडेंटेड रेक व 43 पार्सल ट्रेनों से जोन को 3.61 करोड़ का राजस्व मिला
- लॉकडाउन से 16 अप्रैल तक पश्चिमी रेलवे को 442.63 करोड़ के अनुमानित नुकसान
रेलहंट ब्यूरो , नई दिल्ली
पश्चिमी रेलवे ने कोरोना के संक्रमण के बीच आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति समेत चिकित्सा उपकरणों और दवाओं की सप्लाई सुनिश्चित करके लिए 1 अप्रैल से 16 अप्रैल के बीच 0.83 मिलियन टन की लोडिंग की. इस अवधि में रेलवे का कंटेनर लोडिंग 1.94 मिलियन टन है, जिसमें पश्चिम रेलवे ने कुल लोडिंग का लगभग 43% लोड किया है. पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रविंद्र भाकर ने जारी प्रेस बयान में बताया है कि लॉकडाउन की बाधाओं के बावजूद जोन उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर रहा है. 1 अप्रैल से 16 अप्रैल के बीच 652 रेक चलाये गये. इस तरह यह सुनिश्चित किया गया है कि आवश्यक वस्तुओं और साथ ही चिकित्सा उपकरणों की निरंतर आपूर्ति जारी रहे.
रविंद्र भाकर, मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी, पश्चिम रेलवे
डब्ल्यूआर की पार्सल विशेष ट्रेनों का व्यापक प्रचार-प्रसार अखबारों के साथ-साथ सोशल मीडिया और एसएमएस के माध्यम से भी किया जा रहा है, ताकि व्यापारी अपने पार्सल की बुकिंग कर सकें, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि लोगों के लिए जरूरी चीजों की कोई कमी नहीं है. 23 मार्च से 16 अप्रैल तक 12 दूध के विशेष कंटेनर चलाए गए. 8000 टन से अधिक का भार और वैगनों के 100% उपयोग से 1.44 करोड़ रुपये का राजस्व जोन को मिला है. इसी तरह, 1864 टन तक ले जाने वाली 4 इंडेंटेड रेक को 100% उपयोग के साथ चलाया गया, जिससे 77 लाख रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ.
इसके अलावा, आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 43 कोविद 19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी इस अवधि के दौरान चलाई गईं, जिसके लिए अर्जित आय 1.4 करोड़ रुपये थी. श्री भाकर ने बताया कि 17 अप्रैल, 2020 को देश के विभिन्न भागों में डब्ल्यूआर से चार पार्सल विशेष ट्रेनें रवाना हुईं, जैसे कि बांद्रा टर्मिनस – लुधियाना, दादर – भुज, सूरत – भागलपुर और अहमदाबाद – गुवाहाटी. 22 अप्रैल से 16 अप्रैल, 2020 तक लॉकडाउन अवधि के दौरान, माल गाड़ियों की कुल 1560 रेक का इस्तेमाल 3.36 मिलियन टन की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है. 3475 मालगाड़ियों को अन्य रेलवे के साथ जोड़ा गया, जिनमें 1760 ट्रेनें सौंपी गईं और 1715 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाया गया.
पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकरों (आरएमटी) के 61 मिलेनियम पार्सल रेक को आवश्यक वस्तुओं जैसे दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की आपूर्ति के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया है. 16 अप्रैल, 2020 तक पश्चिमी रेलवे पर कुल नुकसान 442.63 करोड़ रुपये (उपनगरीय + गैर-उपनगरीय सहित) का अनुमान लगाया गया है. इसके बावजूद, पश्चिम रेलवे ने रुपये वापस करने के लिए सुनिश्चित किया है. अब तक टिकट रद्द करने के लिए 199.55 करोड़ का नुकसान जोन को हुआ है. यह ध्यान देने योग्य है कि इस धनवापसी राशि में अकेले मुंबई डिवीजन 97.46 करोड़ की राशि लौटायी गयी है. अब तक 29.82 लाख यात्रियों ने पूरे पश्चिम रेलवे में टिकट रद्द कराया है.
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