- जोन में अपने तरह का पहले प्रयास में रेलकर्मियों तक पहुंचकर बताये जा रहे टिप्स
अहमदाबाद. कोरोना की वैश्विक महामारी की पिछली दो लहरों में अहमदाबाद मंडल में रेलकर्मी साथियों तथा उनके परिजनों को काफी जान-माल का नुकसान उठाना पड़ा है. वैश्विक घटनाओं को देखते हुए कोरोना की तीसरी लहर से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. इसे ध्यान में रखकर अहमदाबाद डीआरएम दीपक कुमार झा के निर्देशन में सीनियर डीएमई, अभिषेक कुमार सिंह ने डीएमई यू सी शुक्ला के सहयोग से एक कोविड रिलीफ टीम का गठन किया है.
पूरे पश्चिम रेलवे में अपने तरह का यह प्रथम प्रयास है. आने वाले समय में संभवित कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए कोविड रिलीफ टीम कर्मचारियों से मिलकर उन्हें क्या-क्या सावधानी रखनी है तथा संक्रमित होने की स्थिति में उन्हें क्या कदम उठाने हैं, इसकी जानकारी दे रही है. जागरूक के लिए चलायी जा रही मुहिम के तहत कोविड रिलीफ टीम ने 5 जुलाई को सुबह 11.00 बजे आरओएच डिपो वटवा में रेलकर्मचारियों से मिलकर उन्हें जागरूक किया.
कोविड अवेरनेस केम्प में डीएमई अहमदाबाद यूसी. शुक्ला और सीसीआर वटवा लॉबी संजय सूर्यबली, फार्मासिस्ट, वटवा कुणाल के अलावा एसएसई C&W, ROH वटवा राहुल परमार उपस्थित थे. बड़ी संख्या में उपस्थित कर्मचारियों ने टीम का स्वागत किया एवं उनके सुझाव को ध्यानस से सुना. यह मुहीम अहमदाबाद मंडल यांत्रिक विभाग द्वारा चलाई जा रही है। टीम में शामिल WREU अहमदाबाद के संयुक्त मंडल मंत्री संजय सूर्यबली ने कोविड काल में अपने अनुभव सहयोगियों को बताये कि किस तरह कोरोना ने अपनों को अपनों से दूर कर दिया. अस्पताल में किस तरह लोग एक-एक पल जिंदगी की जंग लड़ते रहे. ऐसे में आने वाले समय में बचाव के लिए हम क्या-क्या उपाय करें ताकि उस कठित स्थिति से हमें रू-ब-रू न होना पड़े. इसके लिए जरूरी बचाव और एहतियात के उपाय भी उन्होंने रेलकर्मियों को बताये.
मालूम हो कि कोरोना के पहले व दूसरे संक्रमण काल में यूनियन के संयुक्त मंडल मंत्री संजय सूर्यबली ने आगे बढ़कर सहयोगात्मक भूमिका निभायी. लाचार व बीमार लेागों को अस्पताल पहुंचाया तो उनके इलाज के लिए अपनी और से सहयोग देने के साथ ही रेल प्रशासन से भी जरूरी मदद दिलायी.
अनुकंप नियुक्ति के लिए सत्यापन के साथ-साथ सभी प्रक्रियाएं, डीआरएम ने दी स्वीकृति
कोरोना काल ने अपनों को हमसें दूर कर दिया. कई रेलकर्मी परिवार इससे प्रभावित हुए है. ऐसे में पीड़ित परिवार को तत्काल मदद पहुंचाने के लिए अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया को तेज करने का अनुरोध WREU ने पीएनएम मीटिंग में डीआरएम से किया था. यूनियन ने डीआरएम को बताया कि सामान्यतः उम्मीदवार की शैक्षिक योग्यता का सत्यापन करने की प्रक्रिया लंबी होती है और जब तक वो नहीं होती है नियुक्ति की अन्य प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती है.
इससे कोरोना काल में मृत्यु के कारण अनुकंपा आधारित नियुक्तियां प्रदान करने में विलंब होगा. मंडल मंत्री दिनेश पंचाल ने डीआरएम को सुझाव दिया था कि डॉक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन की प्रक्रिया के साथ-साथ नियुक्ति की परीक्षा समेत दूसरी प्रक्रिया भी पूरी की जाये ताकि नियुक्ति में विलंब न हो. WREU अहमदाबाद के संयुक्त मंडल मंत्री संजय सूर्यबली ने बताया कि डीआरएम ने यूनियन के प्रस्ताव को मान लिया है. अब डॉक्युमेंट्स वेरीफिकेशन करने की शर्त पर नियुक्ति की तमाम प्रक्रिया पूर्ण करने के आदेश दिये गये है. इसका फायदा कोरोना से पीड़ित परिवारें राहत मिलेगी.