Connect with us

Hi, what are you looking for?

Rail Hunt

देश-दुनिया

पश्चिम रेलवे ने उधना-जलगांव दोहरीकरण रिकॉर्ड समय में किया पूरा

पश्चिम रेलवे ने उधना-जलगांव दोहरीकरण रिकॉर्ड समय में किया पूरा

मुंबई. किसी संगठन के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर एक उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करता है. पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री ए. के. गुप्ता के कुशल मार्गदर्शन में पश्चिम रेलवे संगठन की बुनियादी संरचना से जुड़ी उपलब्धियों की श्रृंखला में में एक नया अध्याय जुड़ गया है. 34 किमी के नंदुरबार-डोंडाइचा खंड के बीच दोहरीकरण कार्य की हाल ही में पूर्णता के साथ मुंबई मंडल के 305 किमी के उधना-जलगाँव खंड के पूर्ण दोहरीकरण कार्य को रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है. नंदुरबार-डोंडाइचा खंड का दोहरीकरण 15 दिनों के ब्लॉक के बाद 22 जुलाई, 2018 को 48 घंटे तक दिन-रात कार्य करते हुए सभी पाँच स्टेशनों पर नॉन इंटरलॉकिंग कार्य के साथ सफलतापूर्वक स्थापित किया गया. इसमें 15 नये टर्नआउट को यूनीमैट, टावर वैगन तथा इंजीनियरी, बिजली और सिगनल एवं दूरसंचार विभाग से 200-250 मजदूरों के सामूहिक कठिन प्रयासों से टी-28 मशीन के उपयोग से इंसर्ट किया गया.

पश्चिम रेलवे ने उधना-जलगांव दोहरीकरण रिकॉर्ड समय में किया पूरापश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविंद्र भाकर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार कुल कार्य में 45 ट्रैककिमी ट्रैक बिछाना, 54 टर्नआउट, 12 कोर आउटडोर का 900 किमी केबल बिछाना, 3000 रिले के उपयोग से इंडोर केबल वायरिंग का 30,000 को किमी, 61 सिगनल एवं 194 ट्रैक सर्किट शामिल हैं. महाप्रबंधक श्री गुप्ता ने सुनिश्चित किया कि कार्य को योजना के अनुसार एवं सभी संरक्षा अनुदेशों का पालन करते हुए पूर्ण संतुष्टि के साथ किया जाये. इस खंड की स्थापना के साथ ही पूर्ण उधना-जलगाँव खंड पूरब-पश्चिम कोरीडोर उपलब्ध करायेगा तथा इस रूट पर ट्रेनों के तेज संचालन के साथ-साथ अतिरिक्त ट्रेनों की शुरुआत भी की जा सकती है, जिससे इस क्षेत्र के स्थानीय निवासियों को काफी सुविधा होगी. यह उल्लेखनीय है कि पिछले ढाई वर्षों में 200 किमी से अधिक दोहरीकरण का कार्य पूरा एवं स्थापित किया जा चुका है, जो भारतीय रेलवे पर किसी भी दोहरीकरण की तुलना में श्रेष्ठ है.

उधना-जलगाँव खंड का विद्युतीकरण के साथ दोहरीकरण महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य के 4 जिलों अर्थात सूरत, नंदुरबार, धुले एवं जलगाँव को जोड़ता है. इस रूट पर कुल 380 पुल बनाये गये हैं, जिसमें एक महत्त्वपूर्ण, 52 बड़े एवं 327 छोटे पुल शामिल हैं. इस परियोजना को पूरा करते समय किसी भी यात्री सुविधा को नहीं छोड़ा गया है. यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कुल 66 उच्च स्तर प्लेटफॉर्म, 24 मध्यम स्तर प्लेटफॉर्म, 7 रेल स्तर प्लेटफॉर्म, 31 फुट ओवर ब्रिज, प्लेटफॉर्म शेल्टर, टॉयलेट, प्रतीक्षालय आदि की व्यवस्था विभिन्न स्टेशनों पर की गई है. आउटडोर केबल का 60,000 कोर किमी इंस्टॉल किया गया है. इस परियोजना को पूरा करने के लिए इंडोर केबल का 34,000 कोर किमी, 400 नये सिगनल, 1200 नये एलईडी लाइट, 400 पॉइंट मशीन, 3400 ग्लुड ज्वाइंट, 20,000 रिले, 100 ट्रैक सर्किट, 50 आईपीएस आदि उपलब्ध कराये गये हैं. इस परियोजना की कुल लागत 2446.85 करोड़ रु. है तथा अब तक 2100 करोड़ रु. खर्च किये जा चुके हैं. महाप्रबंधक श्री ए. के. गुप्ता के अनुभवी नेतृत्व में इस प्रकार की परियोजनाओं के साथ आगे बढ़ना पश्चिम रेलवे के लिए गर्व की बात है.

Spread the love
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

ताजा खबरें

You May Also Like

रेलवे जोन / बोर्ड

रेलवे यूनियन चुनाव में OPS नहीं बन सका मुद्दा, UPS पर सहमति जताने वाले संगठन फिर से सत्ता पर काबिज  KOLKATTA/NEW DELHI. रेलवे ट्रेड...

रेलवे जोन / बोर्ड

हाईटेक रेल-कम-रोड निरीक्षण वाहन और अत्याधुनिक रेलवे ट्रैक हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम को अश्विनी वैष्णव ने देखा  कहा – अगले पांच वर्षों में सभी रेल...

Breaking

ROURKELA. हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग के राउरकेला स्थित कलुंगा रेल फाटक के पास मंगलवार 17 दिसंबर की रात करीब साढ़े नौ बजे एक भीषण रेल...

रेलवे जोन / बोर्ड

NEW DELHI. रेलवे यूनियनों की मान्यता के चुनाव में दोनों फेडरेशन (AIRF/NFIR) फिर से केंद्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करने में सफल रहे हैं. ...