Earning from ticketless passengers. पश्चिम मध्य रेलवे ने एक माह में ही बेटिकट यात्रियों के खिलाफ अभियान चलाकर तीन डिवीजन से 13 करोड़ 41 लाख रुपये की कमाई कर ली है. यह कमाई बतौर जुर्माना बेटिकट यात्रियों, अनबुक लगेज के मामलों से वसूली की गयी है. रेलवे जोन का यह निर्धारित लक्ष्य से 22 प्रतिशत अधिक है.
रेलवे की कमाई में हमेशा से ही बेटिकट यात्रियों का बड़ा प्रतिशत रहा है. काउंटर सेल गिरने पर हमेशा से ही औचक जांच अभियान पर जोर दिया जाता है और इस तरह रेलवे इस स्रोत से अतिरिक्त कमाई करने में कामयाब रहता है. इस कार्य को लेकर जुर्माना वसूलने वाले टीटीई में करोड़पतियों का नाम भी शामिल है. हर साल ऐसे लोगों को सम्मानित भी किया जाता है.
हालांकि यह माना जाता रहा है कि राजस्व बढ़ाने के फेर में कई बार टिकट निरीक्षण गैरकानूनी तरीके भी आजमाते हैं और ऐसे कई मामले भी सामने आये है. फिलहाल पमरे में अप्रैल माह में ट्रेनों के भीतर व स्टेशनों पर चलाए गए जांच अभियान में एक लाख 88 हजार यात्रियों को बिना टिकट यात्रा करते पकड़ने जाने की बात सामने आयी है.
यह अभियान जोन के जबलपुर, भोपाल एवं कोटा मंडलों में अप्रैल माह में चलाया गया. इसके बाद रिपोर्ट में यह बात सामने आयी कि अभियान में पकड़े केस और अतिरिक्त किराया एवं जुर्माना सहित कुल 13 करोड़ 41 लाख रूपए का राजस्व रेलवे को मिला है. बताया जाता है कि 2023 में एक माह में 9 करोड़ 63 लाख रूपए का राजस्व रेलवे को आया था.
जोनल टीम ने अपने अभियान में तीन हजार केस से 27 लाख का जुर्माना वसूला. जबकि जबलपुर मंडल में टिकट निरीक्षकों ने बेटिकट, अनबुक लगेज आदि के मामलेां में 76 हजार केस पकड़कर पांच करोड़ 76 लाख रुपये का जुर्माना किया. वहीं भोपाल मंडल में 70 हजार केस से 4 करोड़ 91 लाख रुपये की वसूली की गयी. साल 2023 में 59 हजार केस से रेलवे को 3 करोड़ 81 लाख रुपये का जुर्माना आया है. वहीं कोटा मण्डल ने 39 हजार केस बनाकर 02 करोड़ 47 लाख रुपये का जुर्माना वसूला है. बीते साल कोटा डिवीजन ने 34 हजार केस से 02 करोड़ 08 लाख रुपये का जुर्माना वसूला था.
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