- आरकेटीए के पश्चिम मध्य रेलवे के महामंत्री ने जीएम को भेजा पत्र
- ओड-इवेन नीति से कार्य कराने और बचाव सामग्री की आपूर्ति करने की मांग
रेलहंट ब्यूरो, जबलपुर
राजस्थान एवं मध्यप्रदेश तक विस्तारित पश्चिमी मध्य रेलवे में कोरोना का संक्रमण काफी तेज गति से फैल रहा है. ऐसी विषम परिस्थिति में भी रेलवे ट्रैकमेंटेनर खुले आसमान में डैली के कार्य को अंजाम दे रहे. हालांकि रेल प्रशासन लॉकडाउन के नियमों के विपरीत ट्रैकमेंटेनरों की 100 फीसदी उपस्थिति सुनिश्चित करा रहा है जिससे हर जगह लॉकडाउन के नियम और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो रहा है. बड़ी संख्या में डयूटी पर ट्रैकमेंटेनरों को झुंड में जमा होने और काम करने स बीमारी के संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है.
रेल प्रशासन की ओर से बचाव सामग्री के नाम पर एक बार 100 मि.ली सेनीटाईजर व मास्क दिये गये है जो एक सप्ताह भी नही चल पा रहे. यही नहीं जोन में 50 साल से अधिक उम्र वाले महिला ट्रैकमेंटेनरों को भी लगा दिया जा रहा है जिससे स्थिति की गंभीरता का अंजादा लगाया जा सकता है. जबकि रेल प्रशासन की ओर से रेलकर्मियों के स्वास्थ्य परीक्षण की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. यह कहना है आरकेटीएम पश्चिम मध्य रेलवे के महामंत्री अनिल कुमार सैनी का. रेल कर्मचारी ट्रैकमेंटनेर एसोसिएशन #RKTA मध्य रेलवे के महामंत्री अनिल कुमार सैनी ने रेलवे महाप्रबंधक को पत्र लिखकर इंजीनियरिंग विभाग की स्थिति से अवगत कराते हुए इंजीनियरिंग विभाग के ट्रैकमेंटनर्स को ओड-ईवन नीति से प्रतिदिन 50 प्रतिशत की ड्यूटी देने का अनुरोध किया है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन हो सके. इसके अलावा ट्रैकमेंटनर्स का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उन्हे सेनीटाईजर एवं मास्क की आपूर्ति करने की मांग भी की गयी है.