1962 में अपने स्थापना के बाद से सिविल डिफेंस ने बनायी है अलग पहचान
रेलहंट ब्यूरो, वाराणसी
चीन युद्ध के बाद 1962 में विदेशों में संचालित नागरिक सुरक्षा संगठनों की तर्ज पर सिविल डिफेंस की स्थापना देश में की गयी है. तब से आज तक सिविल डिफेंस के वार्डेन से लेकर वोलंटियर्स तक बड़ी घटनाओं में राहत व बचाव कार्य से लेकर भीड़ को नियंत्रित करने, प्राकृतिक व मानव निर्मित आपता में महती भूमिका निभाते आये है. इसी क्रम में वाराणसी के डीएलडब्ल्यू सेंटर में आल इंडिया रेलवे सिविल डिफेंस की 8 जुलाई से 12 जुलाई तक तक ट्रेनिंग कार्यक्रम में वोलंटियर्स को राहत व बचाव की विभिन्न तकनीकी बारिकियों से अवगत कराया गया. विभिन्न सत्र में आयोजित ट्रेनिंग सेशन में सिविल डिफेंस के प्रतिनिधि राहत व बचाव की तकनीकी बारीरियों से अवगत हुए और प्रायोगिक ट्रेनिंग में उसे जमीन पर उतारकर अपने बुलंद हौसले के जौहर भी दिखाये. रेलवे के विभिन्न जोन से आये प्रतिनिधियों को 13 जुलाई को लिखित परीक्षा के बाद समारोह पूर्वक विदाई और प्रमाणपत्र का वितरण भी किया गया.
ट्रेनिंग शिड्यूल के अनुसार 8 जुलाई की सुबह डिप्टी कंट्रोलर/सीनियर सीडीआई/सीडीआई का परिचय सत्र आयोजित किया गया. इसमें दूसरे सत्र में एसएन मिश्रा ने प्रतिभागियों को सिविल डिफेंस के विभिन्न चरण की जानकारी दी. इसके बाद एसके दुबे ने यूएक्सबी और सुनील कुमार ने मॉडल रूम से अवगत कराया. 9 जुलाई को सीनियर सीडीआई ने वार्डेन सर्विस और वीएस पांडेय ने फायर फाइटिंग की जानकारी दी. इसी सत्र में एसके दुबे ने रिस्क्यू ऑपरेशन और सुनील कुमार ने आपात स्थिति में फर्स्ट एड की बारीकियां प्रतिनिधियों का बतायी. 10 जुलाई के ट्रेनिंग सत्र में संतोष कुमार ने सीडी कंम्युनिकेशन के बारे में विस्तार से बताया. इसी सत्र में वीएस पांडेय ने प्रायोगिक रूप से प्रतिभागियों को फायर फाइटिंग की जानकारी दी. इसके बाद एसएन मिश्रा ने फर्स्ट एड एंड आपात स्थिति में दी जाने वाली सीपीआर से प्रतिनिधियों को अवगत कराया.
11 जुलाई के कार्यक्रम में संजय श्रीवास्तव ने आपात स्थिति में रिस्क्यू और उमेश श्रीवास्तव ने आपात सहयोग में पहुंच के उपायों की जानकारी ट्रेनिंग के माध्यम से दी. 12 जुलाई को सभी सीडीआई को एसके दुबे ने खतरनाक पोजिशन में भवन से लोगों को बचाने के तरीकों के बारे में बताया. अंतिम दिन 13 जुलाई के कार्यक्रम में प्रतिभागियों की लिखित परीक्षा ली गयी. जिसमें अधिकांश प्रतिभागियों ने बेहतर प्रदर्शन कर अपनी ट्रेनिंग की सार्थकता को परिभाषित किया. इसके बाद आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र का वितरण किया गया. डीएलडब्यू में आयोजित सिविल डिफेंस की इस ट्रेनिंग में देश के विभिन्न रेलवे विभागों से 10 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इसमें दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर मंडल अंतर्गत टाटानगर रेलवे लोको इलेक्ट्रिक शेड से एकमात्र महिला प्रतिनिधि के रूप में गीता कुमारी शामिल हुई. अन्य प्रतिनिधियों में पूर्वोतर रेलवे के गोरखपुर से संजय कुमार सिंह, राजेश सिंह, वाईवी शुक्ला, एनई रेलवे के दरभंगा से अरुण कुमार अकेला, दीपक कुमार पासवान, डीएल डब्लयू वाराणसी से संजय कुमार पांडेय, उमेश विश्वकर्मा, अनुज कुमार, टाटानगर से कल्याण कुमार साव शामिल हुए.
New Delhi. The Railway Board has given an additional charge of Member (Infrastructure) to DG (HR) after the former superannuated on September 30, 2024....