- कुछ स्टेशनों पर सुविधा सस्ती तो कुछ में मुफ्त होनी की उम्मीद
- मंडल रेल प्रबंधकों को इसका अधिकार दिया गया है
नई दिल्ली .रेलवे बोर्ड ने एक नये प्रस्ताव में छोटे रेलवे स्टेशनों पर शौचालय का इस्तेमाल करने पर शुल्क की व्यवस्था में परिवर्तन का अधिकार मंडल रेल प्रबंधकों को दे दिया है. इससे कुछ स्टेशन पर शौच का इस्तेमाल सस्ता तो कुछ में नि:शुल्क भी होने की उम्मीद है. अभी समय में सशुल्क शौचालय नीति ऐसे शौचालयों का निर्माण करने वाले ठेकेदारों को उसके इस्तेमाल की दर तय करने की इजाजत देती है, हालांकि यह बाजार कीमत पर होती है. नयी नीति के अनुसार, मंडल रेल प्रबंधकों को इसका अधिकार दिया गया है कि वे यह निर्णय करें कि वे इन शौचालयों को जनता के इस्तेमाल के लिए सशुल्क रखना चाहते हैं या मुफ्त रखना चाहते हैं.
दो फरवरी को बोर्ड की बैठक के बाद रेलवे बोर्ड का सात फरवरी की तिथि वाला एक पत्र सभी जोनल रेलवे को भेजा गया है. इसमें कहा गया है, ‘‘सभी डीआरएम को इसका अधिकार दिया गया है कि वे स्थान विशिष्ट मूल्यांकन करे और इसका निर्णय करें कि सशुल्क शौचालय को एक कमाई वाले ठेके के तौर पर लिया जाए या एक सेवा वाले ठेके के तौर पर.” सेवा ठेके में शौचालय मुफ्त होगा या इस्तेमालकर्ता से नाम मात्र का शुल्क लिया जाएगा.
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सशुल्क शौचालय नीति की समीक्षा की जरूरत तब महसूस हुई, जब यह रिपोर्ट आयी कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत पर्याप्त संख्या में शौचालयों का निर्माण नहीं हो रहा है और छोटे ग्रामीण रेलवे स्टेशनों पर लोग इन शौचालयों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.