- रेलमंत्री से मिलने गये ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन को मिला फिर आश्वासन
- 18 को सांसद मार्च कर उठायेंगे आवाज, उसी दिन बनायेंगे रेल चक्का जाम की रणनीति
नई दिल्ली. माइलेज व अन्य भत्तो में बढ़ोतरी की मांग कर रहे ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन को एक बार फिर रेलमंत्री पीयुष गोयल ने आश्वासन का पिटारा थमा दिया है. गुरुवार को राष्ट्रीय महामंत्री कॉम. एमएन प्रसाद की अगुवाई में अलारसा का प्रतिनिधिमंडल रेलमंत्री से दिल्ली में मिला. संगठन की ओर से रेलमंत्री को बताया गया कि उनकी मांगों पर दो साल से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है और बार-बार आश्वासन देकर उन्हें टाला जाता रहा है. कॉम एमएन प्रसाद ने रेलमंत्री के समक्ष लोको पायलट और सहायक लोको पायलटों की लंबित मांगों को रखा और बताया कि अब तक माइलेज समेत अन्य भत्ते छठें वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में ही तय किये जा रहे है. जबकि अन्य वर्ग में रेलकर्मियों को संशोधित भत्ता मिलने लगा है. नेताओं ने सांतवें वेतन आयोग की विसंगितयों को दूर करने का अनुरोध रेलमंत्री से किया.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी से भी पांच माह पूर्व अलारसा के प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन दिया कि था कि उनकी मांगों पर रेलवे बोर्ड गंभीरता से विचार कर रहा है और जल्द ही बेहतर नतीजे सामने आयेंगे. हालांकि ऐसा कुछ हुआ नहीं और लोको पायलटों को इंतजार के अलावा कुछ नहीं मिला. 27 दिसंबर को अलारसा के प्रतिनिधिमंडल ने रेलमंत्री से मिलकर माइलेज, अवकाश, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन समेत अन्य लंबित बिंदुओं पर बात की. प्रतिनिधिमंडल में अलारसा के मंडल सचिव डीआर सैन और जोधपुर ब्रांच के सचिव राजेंद्र सिंह सैल भी मौजदू थे.
रेलमंत्री से वार्ता के बाद अलारसा नेताओं ने स्पष्ट किया है कि रेलवे उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है. उन्हें बार-बार आश्वासन देकर टाला जा रहा है जबकि वह विषम परिस्थिति में परिवार से घंटों दूर रहकर ट्रेन चलाकर यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा कर रहे है. इसके बावजूद रेलवे बोर्ड का उनके प्रति रुख काफी दु:खद है. नेताओं ने कहा कि अब उनके पास हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया है. हालांकि हड़ताल से पूर्व वह हर मुमकीन विकल्प का इस्तेमाल कर रेलवे बोर्ड को यह समझाने का प्रयास करेंगे कि उनके साथ दो साल से ज्यादती की जा रही है.
इस क्रम में 18 फरवरी को ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन के बैनर तले चालक व सहचालक सांसद मार्च कर अपनी मांग को बुलंद करेंगे. उसी दिन एसोसिएशन अपनी मांगों को लेकर रेल चक्का जाम की रणनीति को अंतिम रूप देगा और हड़ताल की घोषणा करेगा.