नई दिल्ली. रेलवे बोर्ड अपने आला अधिकारियों को ‘इमोशनल इंटेलीजेंस’की ट्रेनिंग दे रहा है. इसमें जीएम/डीआरएम जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल हे. ट्रेनिंग के प्रति लेक्चर पर रेलवे 41,500 रुपये खर्च कर रही है. रेलवे ने एक कंपनी को इसके लिए अधीकृत किया है. वड़ोदरा स्थित भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी यानि ‘नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन रेलवे उर्फ ‘नायर’ में जीएम/डीआरएम के लिए ‘लीडिंग विद इमोशनल इंटेलीजेंस’ की प्रशिक्षण कार्यशाला चलाई जा रही है. इसके लिए नवी मुंबई की कंपनी ‘पार एक्सीलेंस लीडरशिप सोल्यूशंस प्रा.लि.’से करार किया गया है. कंपनी से किये गये करार के अनुसार डीआरएम के लिए तीन दिवसीय कोर्ष पर प्रति डीआरएम प्रति व्याख्यान (लेक्चर) की प्रोफेशनल फीस 41,500 रुपये + जीएसटी होगी. 17,18,19 नवंबर को डीआरएम के पहले समूह को ‘इमोशनल इंटेलीजेंस’ की ट्रेनिंग दी गयी है. 10-11 नवंबर के दो दिवसीय कोर्स में दूसरे समूह को भी ट्रनिंग हो चुकी है. तीसरा बैच 8,9,10 दिसंबर को तीन दिवसीय कोर्स में शामिल होगा. इसमें डीआरएम समेत दूसरे आला अधिकारी शामिल होंगे.
तीन चरणों में चलने वाले ‘इमोशनल इंटेलीजेंस’प्रशिक्षण में सभी जोनल महाप्रबंधक (जीएम), सभी अपर महाप्रबंधक (एजीएम), सभी 69 मंडलों के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम), रेलवे बोर्ड एवं आरडीएसओ के सभी प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स (पीईडी), सभी मुख्य कारखाना प्रबंधक (सीडब्ल्यूएम) और सभी अपर मंडल रेल प्रबंधकों (एडीआरएम) के बाद ब्रांच ऑफिसर्स के रूप में कार्यरत सभी मंडलों के एसजी/जेएजी स्तर के अधिकारियों को भी दिया जाने वाला है. इन सभी अधिकारियों के आने-जाने, रहने-खाने इत्यादि पर जो अतिरिक्त खर्च आएगा, वह कंपनी को किए जाने वाले भुगतान से अलग होगा.
नायर में अधिकारी की मौजूदगी में बाहरी प्रशिक्षण पर उठे सवाल
‘नायर’ में सक्षम अधिकारियों की मौजूदगी में बाहर से एजेंसी को ट्रेनिंग के लिए बुलावा देने पर सवाल उठाये जा रहे है. इस प्रशिक्षण पर रेलवे के लाखों रुपये खर्च होने वाले है. जबकि वड़ोदरा स्थित भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी यानि ‘नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन रेलवे उर्फ ‘नायर’में पहले से समक्ष अधिकारी मौजूद है.