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ट्रैकमैन रमेश ने जान देकर खोली व्यवस्था की पोल, घटना से रेलमंत्री तक हो गये विचलित

ट्रैकमैन रमेश ने जान देकर खोली व्यवस्था की पोल, घटना से रेलमंत्री तक हो गये विचलित
  • AIRTU, ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर एसोसिएशन विरोध में उतरा, कार्रवाई की मांग पर धरना-प्रदर्शन 

नई दिल्ली. कानपुर उत्तर प्रदेश के पनकी धाम स्टेशन पर रेलवे ट्रैकमैन रमेश यादव की आत्महत्या करने से लेकर मौत का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो विचलित करने वाला है. सोमवार (14 फरवरी 2022) की अपराह्न 4.30 बजे कानपुर मंडल में ट्रैकमैन / खलासी (लोहार) रमेश सिंह यादव ने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या की वजह उसने स्वयं वायरल वीडियो में साले की शादी में जाने के लिए अधिकारियों द्वारा छुट्टी नहीं देना बताया है. वायरल वीडियो में रेलकर्मी रेलवे ट्रैक पर दो धड़ों में बंटा दिखाई दे रहा है. वह अन्य रेल कर्मचारियों से बातें भी कर रहा रहा.

ट्रैकमैन रमेश ने जान देकर खोली व्यवस्था की पोल, घटना से रेलमंत्री तक हो गये विचलित

वीडियो में यह दिख रहा है कि ट्रेन के नीचे आधा शरीर कटने के बाद भी कर्मचारी बिल्कुल शांत लेटा है. ऐसा लग रहा था मानो वह पटरियों पर चुपचाप लेटा है. आवाज तक नहीं निकाली. बस आंखों से आंसू निकल रहे थे. 10 मिनट बाद धीरे-धीरे उसकी आंखें बंद हो गईं.

यह दृश्य रेलवे की व्यवस्था की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है. रमेश की आत्महत्या व मौत ने रेलवे की व्यवस्था पर सवाल उठाया है तो इस घटना से मंडल से लेकर जोन तक और रेलवे बोर्ड तक के अधिकारियों को विचलित कर दिया है. 30 सेकंड के वीडियो में देखा जा सकता कि कुछ लोग ट्रैकमैन से सुसाइड करने की वजह के बारे में पूछ रहे हैं. कर्मचारी घायल अवस्था में बता रहा है कि उसे छुट्टी नहीं दी गई. साले की शादी में जाना था.

वीडियो में यह दिख रहा है कि ट्रेन के नीचे आधा शरीर कटने के बाद भी कर्मचारी बिल्कुल शांत लेटा है. ऐसा लग रहा था मानो वह पटरियों पर चुपचाप लेटा है. आवाज तक नहीं निकाली. बस आंखों से आंसू निकल रहे थे. 10 मिनट बाद धीरे-धीरे उसकी आंखें बंद हो गईं. 30 सेकंड के वीडियो में देखा जा सकता कि कुछ लोग ट्रैकमैन से सुसाइड करने की वजह के बारे में पूछ रहे हैं. कर्मचारी घायल अवस्था में बता रहा है कि उसे छुट्टी नहीं दी गई. साले की शादी में जाना था.

रेलमंत्री अश्विवनी वैष्णव तक यह मामला पहुंचा है. हालांकि अब तक रेलवे बोर्ड अथवा रेलमंत्री स्तर पर कोई बयान तो नहीं आया लेकिन ट्रैकमैन की मौत की गूंज ने चिंताओं को गहरी जरूर कर दिया है. निचले स्तर के कर्मचारी को लेकर यह मामला धीरे-धीरे शांत हो जायेगा और रेलकर्मी भी इसे भूल जायेंगे लेकिन रमेश यादव की मौत ने व्यवस्था की कई पहलूओं को उजागर करने का प्रयास किया है जो कार्य के दौरान मानसिक-शारीरिक दबाव, कार्य प्रणाली से लेकर अधिकारियों के व्यवस्था तक का खुलासा करते हैं.

ट्रैकमैन रमेश ने जान देकर खोली व्यवस्था की पोल, घटना से रेलमंत्री तक हो गये विचलितहालांकि रमेश यादव की मौत को AIRF, AIRTU, NFIR समेत तमाम संगठनों ने गंभीरता से उठाते हुए जिम्मेदारी तय कर निर्णायक कार्रवाई की मांग की है. एआईआरएफ महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने सबसे पहले प्रतिक्रिया देते हुए घटना पर दु:ख जताया और निर्णायक कार्रवाई करने की बात कही. कानपुर में स्थानीय रेलकर्मी घटना के बाद जिम्मेदारी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आंदोलित हैं. रेल प्रशासन को समझ नहीं आ रहा कि इस स्थिति को कैसे संभाले. एक ओर पीड़ित परिवार तो दूसरी ओर रेलवे कर्मचारी.

ट्रैकमैन रमेश ने जान देकर खोली व्यवस्था की पोल, घटना से रेलमंत्री तक हो गये विचलितउधर AIRTU, ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर एसोसिएशन के महामंत्री कंथाराजू एवी ने भी डीआरएम, जीएम, रेलवे बोर्ड चेयरमैन, रेलमंत्री आदि को पत्र लिखकर PWIइंचार्ज चित्रेश कुमार और कटियार पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है. रमेश यादव रेलवे में ट्रैकमैन के पद पर पनकी स्टेशन पर ही कार्यरत था. वह फजलगंज स्थित तेजाब मिल रेलवे कॉलोनी में रहता था. रमेश के साथ उसकी पत्नी और 5 साल का बेटा भी यहीं रह रहे थे. रमेश मूल रूप से भटपुरवा फतेहपुर का रहने वाला बताया जा रहा है.

AIRTU का आरेाप है कि मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर ट्रैकमैन ने आत्महत्या कर ली है. घटना पर राष्ट्रीय महामंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेन्द्र पांचाल महामंत्री कंथाराजू ने आला अधिकारियों से बात की जबकि राष्ट्रीय नायक पंकज राजपूत व NCR के Gen.secy राजेश मौर्य के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है.

इस घटना पर विरोध जताने वाले दूसरे रेलकर्मियों का कहना है कि आत्महत्या किसी समस्या का विकल्प नहीं हो सकता है. इसके लिए ऊपरी स्तर पर अधिकारियों से शिकायत व दूसरी पहल की जानी चाहिए थी. हालांकि दबाव व हताशा में उठाये गये इस कदम से रेलकर्मी विचलित जरूर हैं.

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