- चार दिन में दानापुर मंडल के डुमरावं स्टेशन पर दूसरी घटना
- पांच साल में 775 ट्रैक मैंटेनरों की मौत पटरी पर हो चुकी है
बक्सर. दानापुर रेल मंडल के डुमरांव स्टेशन पर कार्य के दौरान ट्रैक मेंटेनर उमेश राय (30 वर्ष) ग्राम उड़ियानगंज की ट्रेन की चपेट में आने से रविवार को मौत हो गई. वह मिट्ठू राय का पुत्र था. उसके पिता भी ट्रैकमैन थे. बाद में आशक्त होने पर पिता की जगह पर पुत्र उमेश राय को नौकरी मिल गई. दुर्घटना प्लेटफॉर्म के पूर्वी छोर पर डाउन लाइन पर काम करने के दौरान हुई. दुर्घटना सुबह करीब पौने दस बजे की है.
उधर दूसरी ओर पूर्व मध्य रेलवे के मुगलसराय मंडल में दशरथ यादव की मौत ट्रेन की चपेट में आकर हो गयी है. वह लाइन पर काम कर रहा था तभी किसी ट्रेन की चपेट में आ गया. उसने नवंबर 2008 में रेलवे में ज्वाइनिंग की थी. चार दिन पूर्व ही डुमराव स्टेशन के पश्चिमी छोर पर डाउन लाइन पर काम कर रहे ट्रैकमैन बबन यादव (50 वर्ष) पिता स्व. बैजनाथ यादव ग्राम डुमरी थाना सिमरी की मौत हो गयी थी. वह बक्सर-पटना पैसेंजर की चपेट में आ गया था.
दानापुर रेलमंडल में चार दिन में दूसरी घटना औरे पड़ोसी जोन में तीसरी घटना ने रेलवे की सुरक्षा प्रणाली पर सवाल उठा दिया है. डुमरावं में ट्रैकमैन उमेश की मौत की सूचना मिलते ही दानापुर एडीआरएम इंफ्रा रविश कुमार तत्काल बक्सर पहुंचे और मृतक ट्रैकमैन के शव पर माल्यार्पण किया. वहीं, परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी. एडीआरएम ने पारिवारिक लाभ के तहत तत्काल 35 हजार की राशि परिजनों को मुहैया कराई. कहा कि रेलवे के नियमानुसार सभी सुविधाएं परिजनों और मृतक के विधवा को दिया जाएगा. मृतक को दो लड़का तथा एक लड़की है.
वहीं बार-बार दुर्घटनाओं से आक्रोशित ट्रैकमैनों ने दुर्घटना पर विरोध दर्ज कराया है. उनका कहना था कि बार-बार डुमरांव स्टेशन पर ऐसी घटना की पुनरावृति से भय का माहौल बनता जा रहा है. एक सप्ताह में दो रेल कर्मियों की मौत के बाद सुरक्षा प्रणाली पर सवाल उठाए जाने लगे है. ट्रैक मेंटेनर यूनियन रेलकर्मी के परिजनों को मुआवजा और दूसरी सुविधाएं तत्काल बहाल करने की मांग मंडल रेल प्रबंधक से की है.
पांच साल में 775 ट्रैकमैन की मौत
बताया जाता है कि देशभर में पांच साल में अब तक 775 ट्रैक मैंटेनरों की मौत कार्य के दौरान पटरी पर हो चुकी है यह आंकड़ा चिंताजनक है. इसे लेकर ट्रैक मेंटेनर यूनियन ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और रेलमंत्री के समक्ष भी सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया था. बावजूद सुरक्षा के मोर्चे पर स्थिति जस के तस बनी हुई है.