KOTA. मोबाइल के उपयोग को संरक्षा के लिए बड़ा खतरा मान रहे रेल प्रशासन लगातार रनिंग कर्मचारियों पर सख्ती बरतने लगा है. रेल प्रशासन ने पहले यह आदेश जारी कर रखा है कि ड्यूटी के दौरान मोबाइल का उपयोग नहीं किये जाये और रेस्ट अवधि में रनिंग कर्मचारी प्रोपर रेस्ट करें. उस दौरान रनिंग कर्मचारियों को रेस्ट रुम से बाहर जाने तक पर पाबंदी लगायी गयी है. अब नया मामला WCR के KOTA डिवीजन का सामने आया है जहां स्वयं डीआरएम पंकज शर्मा ने तीन रनिंग कर्मचारियों को रेस्ट अवधि में मोबाइल पर बात करते पाया.
शुक्रवार को निरीक्षण के दौरान डीआरएम पंकज शर्मा ने एक गार्ड और दो असिस्टेंट ड्राइवर को रनिंग रूम के गार्डन में मोबाइल पर बात करते देखा. पूछने पर गार्ड-ड्राइवरों ने बताया कि उनका रेस्ट पूरा हो चुका है और वह अभी सो कर ही उठे हैं. हालांकि डीआरएम इस जवाब से असंतुष्ट नजर आये और तत्काल तीनों को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया. कार्रवाई की जद में आये एक असिस्टेंट ड्राइवर गंगापुर का, एक रतलाम का तथा गार्ड (train manager) गुना का बताया जा रहा है. हालांकि प्रशासन ने दूसरे ही दिन शनिवार सभी को ड्यूटी पर वापस बुला लिया है.
रेल प्रशासन की यह सख्ती यहीं खत्म नहीं हुई है. प्रशासन की सख्ती के कारण कई गार्ड-ड्राइवरों ने तो मोबाइल रखना ही छोड़ दिया है. इससे गार्ड-ड्राइवरों के परिजन परेशान है. नहीं नयी घटनाक्रम में कोटा में ही आठ ट्रेन मैनेजरों ( train manager) पर रेस्ट प्रोपर नहीं करने को लेकर कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि उन पर क्या कार्रवाई की गयी?
वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता ने सीनियर डीओएम को भेजे गये पत्र में स्पष्ट किया है कि 12 सितंबर से 18 सितंबर के बीच आठ ट्रेन मैनेजर ऐसे है जो आधे घंटे से अधिक समय तक रनिंग रुम से बाहर रहे. इन लोगों ने पर्याप्त रेस्ट नहीं लिया. सभी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. रेल प्रशासन के इस सख्त रुख से रनिंग कर्मचारी परेशान है और इसे रेस्ट के नाम पर ज्यादगी तक बता रहे. उनका कहना है कि यह सीधे-सीधे प्रताड़ना का कारण है.
उधर दूसरी ओर रेलवे अधिकारियों का कहना है कि रनिंग कर्मचारी सेफ्टी से जुड़े वे कर्मचारी है जिन पर हजारों यात्रियों और रेलवे के सिस्टम को संचालित करने का दायित्व होता है. प्रोपर रेस्ट नहीं लेने के कारण कई घटनाएं हो चुकी है. मंडल रेल प्रशासन के एक आला अधिकारी ने बताया कि मोबाइल बड़ा कारण है जिससे लोगों को ध्यान भटकता है और रेलकर्मी आवश्यक रेस्ट नहीं ले पाते. इसलिए रेल प्रशासन इस दिशा में लगातार सख्ती कर रहा है. रेलकर्मियों को अति आवश्यक कार्य के अलावा रेस्ट रुम से बाहर नहीं जाने को कहा गया है.
डेंजर पासिंग के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए प्रशासन गार्ड-ड्राइवरों पर लगातार सख्ती बरत रहा है. ड्यूटी के दौरान गार्ड-ड्राइवरों के मोबाइल फोन लगातार चेक किए जा रहे हैं. जांच के दौरान अब तक कई गार्ड-ड्राइवरों के मोबाइल फोन ड्यूटी के दौरान चालू मिले हैं. कई गार्ड-ड्राइवरों के मोबाइल फोन साइलेंट मोड पर थे तो कईयों के एरोप्लेन मोड पर मिले. प्रशासन ऐसे मामलों में कार्रवाई कर रहा है.
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