सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने नाली और ट्रैक से मल निकालने का काम करवाया
अनुसूचित जनजाति आयोग ने लिया संज्ञान, डीआरएम से मांगी जानकारी
सिकंदराबाद. दक्षिण मध्य रेलवे नांदेड के सीनियर डीएन को-आर्डिनेशन डीडी नागपुरे समेत तीन रेलवे अधिकारियों के खिलाफ अकोला रेल पुलिस ने प्रताड़ना की प्राथमिकी दर्ज की है. सीनियर डीएन को-आर्डिनेशन नागपुरे सेवानिवृत्त हो चुके है जबकि रेल पथ निरीक्षक निरंजन रवानी और कनिय अभियंता आशुतोष यादव के खिलाफ पुलिस ने अनुसूचित जाति से आने वाले रेलकर्मी प्रकाश राहुल कुमार बोदड़े की शिकायत पर प्रताड़ना की जांच शुरू कर दी है. इधर पूरे मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने नादेड़ डीआरएम से मामले में स्पष्टीकरण तबल करते हुए पूरी जानकारी मांगी है. आयोग के निदेशक डॉ ओए बेडेकरे ने 15 दिन में मान्य कारणों के साथ डीआरएम से पूरी जानकारी मांगी है.
राहुल ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया है कि 26 जनवरी 2014 को उसने ट्रैकमैन के रूप में रेलवे में सेवा शुरू की थी. एक फरवरी को उन्हें अकोला यार्ड के गैंग 16 में भेजा गया. यहां सीनियर सेक्शन इंजीनियर निरंजन रवानी ने अगस्त 2016 में उसने नाली और ट्रैक से मल निकालने का काम करवाया. उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि निचली जाति का होने के कारण घर के नजदीक नियुक्ति का प्रावधान होने के बावजूद उसे सीनियर डीएन को-आर्डिनेशन डीडी नागपुरे ने 18 अगस्त 2017 में उसका तबादला कर दिया.
23 मार्च 2018 में उसे औरंगाबाद के लासूरमें भेज दिया गया. सीनियर सेक्शन इंजीनियर निरंजन रवानी ने उसके वेतन का मास्टर रोल 26 मार्च 2018 को बंद कर उन्हें कार्यमुक्त करने का पत्र लासूर भेजा. उनके आदेश को उसने कैट में चुनौती दी. 6 जुलाई 2018 को कैट से स्थगन का आदेश जारी किया गया. इसके बावजूद उन्हें कनीय अभियंता आशुतोष यादव ने योगदान नहीं देने दिया. उसके वेतन रोस्टर बंद कर कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया गया. उसे बोनस व अन्य सुविधाएं नहीं मिल सके इसके लिए उसकी फाइल तक गायब कर दी गयी. रेलकर्मी की शिकायत पर अकोला जीआरपी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
New Delhi. The Railway Board has given an additional charge of Member (Infrastructure) to DG (HR) after the former superannuated on September 30, 2024....