नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे पुल की ओवरआर्च का काम 13 अगस्त शनिवार को गोल्डन जॉइंट (आखिरी जोड़) लगाने के साथ ही पूरा हो गया. इस मौके पर यहां काम करने वालों ने तिरंगा फहराया और आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया. ब्रिज का निर्माण कोंकण रेलवे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के तहत हुआ है. इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 28,000 करोड़ रुपए है.
इस मौके पर कोंकण रेलवे के चेयरमैन और एमडी संजय गुप्ता ने कहा कि ब्रिज को बनाने में खराब मौसम, सर्दी, ऊंचाई आदि की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्विटर पर चिनाब ब्रिज का वीडियो शेयर किया है. गोल्डन जॉइंट सिविल इंजीनियर्स की ओर से दिया गया एक टर्म है. गोल्डन जॉइंट वह जॉइंट है, जिसमें किसी नए पाइपिंग कंपोनेंट की वेल्डिंग मौजूदा लाइन से कर दी जाती है. गोल्डन जॉइंट के जरिए हाई स्ट्रेंथ फ्रिक्शन ग्रिप (HSFG) बोल्ट की मदद से ब्रिज और ब्रिज ओवरआर्क डेक के दो हिस्सों को जोड़ दिया जाएगा.
Golden joint work completed.
Deck closure ceremony at the world’s highest rail bridge.
Jai Hind 🇮🇳!#ChenabBridge #ArchBridge pic.twitter.com/bqUYLcTJhv— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) August 13, 2022
दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल-आर्च रेलवे ब्रिज रियासी जिले में बक्कल और कौड़ी के बीच बनाया गया है. 1.3 किमी लंबे रेल ब्रिज की नदी तल से ऊंचाई 359 मीटर है. यह 324 मीटर ऊंचे एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है. ब्रिज 17 केबल्स पर टिका है. इस पुल पर 8 तीव्रता वाले भूकंप का असर नहीं होगा. यह 260 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा को सह सकता है.
ब्रिज में ब्लास्ट लोड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. इस कारण किसी भी विस्फोट और प्रेशर का ब्रिज पर असर नहीं होगा. 111 किमी लंबे कटरा और बनिहाल मार्ग पर रेल ब्रिज बनने से कश्मीर रेलमार्ग के जरिए देश से जुड़ जाएगा. अभी बनिहाल और बारामूला के बीच रेल है, पर कटरा-बनिहाल के बीच नहीं है. माना जा रहा है कि इस साल दिसंबर तक इसे जनता को सौंप दिया जाएगा.