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रेलवे के मर्जर प्रस्ताव के समर्थन में उतरे ट्रैक मेंटेनर, कहा- खोने को कुछ नहीं

रेलवे के मर्जर प्रस्ताव के समर्थन में उतरे ट्रैक मेंटेनर, कहा- खोने को कुछ नहीं
  • फेडरेशन ने कहा – विभागों के मर्जर व मल्टी स्किल के रेलकर्मियों की संख्या कम करने की सरकार की है साजिश
  • ट्रैकमैन के अन्य विभागों में विलय का विरोध करने वाले फेडरेशनरों का बहिष्कार करेगा एसोसिएशन : आरकेटीए 

रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली

रेलवे में सर्विस मर्जर को लेकर शुरू की गयी प्रक्रिया का भारी विरोध के बीच इंजीनियरिंग विभाग से जुड़े ट्रैक मेंटेनरों का बड़ा तबका उसके समर्थन में आ गया है. रेलवे ट्रैक मेंटेनरों का तर्क है कि अब तक रेलवे के फेडरेशन और नेताओं ने उनके लिए कुछ नहीं किया और अब उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं बचा है. अलबत्ता मल्टी स्कील योजना और विभागों के मर्जर की योजना से तीन लाख 50 हजार से अधिक ट्रैकमनों को लाभ मिलने की उम्मीद जगी है. उनका कहना है कि भी ट्रैकमैन के लिए पदोनंति का कोई मार्ग नही है लेकिन मर्जर से उनके अन्य विभागों में जाने का रास्ता खुल जायेगा.

रेल मंत्रालय ने मकैनिकल इंजिनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग, स्टोर, पर्सनल, ट्रैफिक और सिविल इंजिनियरिंग सर्विस कैडर को संयुक्त करने का निर्णय पूर्व से ले रखा है जिसकी प्रक्रिया चल रही है. हालांकि इस मर्जर में मेडिकल और सुरक्षा को अलग रखा गया है. उधर दूसरी ओर मल्टी स्कील मर्जर के नाम पर शुरू की गयी रेलवे की पहल का विरोध शुरू हो गया है. इसमें कहा जा रहा है कि सरकार का यह फैसला एकतरफा है और इस फैसले से ट्रेनों के संचालन पर बुरा असर पड़ेगा.

रेलवे के मर्जर प्रस्ताव के समर्थन में उतरे ट्रैक मेंटेनर, कहा- खोने को कुछ नहींसरकार की पहल से ट्रैक मेंटेनरों की पदोन्नति का रास्ता खुलेगा. वह गार्ड, ड्राइवर, टीसी ओर स्टेशन मास्टर बन सकेंगे. ट्वीटर और ई-मेल से लाखों की संख्या में ट्रैकमैन सरकार को अपनी सहमति भेज रहे. विरोध करने वाले फेडरेशन का हम बहिष्कार करेंगे.

अनिल कुमार सैनी, महामंत्री, आरकेटीए, WCR

आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन इसके खिलाफ सात दिवसीय जागरूकता अभियान चला रहा है जिसके अगले चरण में 8 जून को सभी जोन और मंडलों में विरोध प्रदर्शन की योजना है. फेडरेशन का तर्क है कि रेलवे बोर्ड ने जो दो- तीन विभागों को मिलाकर मल्टी स्किल कमेटी का गठन किया है, वह रेलकर्मियों के हितों के विरुद्ध है. विभागों के मर्जर व मल्टी स्किल के नाम पर रेल कर्मचारियों की संख्या कम करने की साजिश रची जा रही है. इससे रेल कर्मचारियों की संख्या के साथ उनके पदोन्नति के अवसर भी कम दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि रेलवे में पहले से ही हर विभाग में कर्मचारियों की संख्या कम है. यदि मल्टी स्किल मर्जर लागू होग तो हर कर्मचारी पर काम का बोझ बहुत बढ़ जाएगा. ऐसे मे काम के दौरान दुर्घटना का जोखिम काफी बढ़ जाएगा.

उधर रेल कर्मचारी ट्रैकमेंटनेर एसोसिएशन आरकेटीए ने विभागों के विलय का पुरजोर समर्थन करते हुए मल्टी स्कील योजना का हम स्वागत किया है. एसोसिएशन के वेस्ट सेंट्रल रेलवे के महामंत्री अनिल सैनी ने जारी बयान में कहा कि सरकार की इस पहल पर ट्रैकमैन वर्ग में आशा की किरण नजर आ रही है कि अब उन्हें भी अन्य विभाग में जाने का अवसर मिलेगा. इससे पदोनंति का चैंनल खुलेंगे, अब वह भी गार्ड, ड्राइवर ओर स्टेशन मास्टर बन सकेंगे.

रेल एसोसिएशन के महामंत्री अनिल कुमार सैनी ने बताया कि ट्वीटर और ई-मेल से लाखों की संख्या में ट्रैकमैन वर्ग के लोग अपनी सहमति रेलवे को भेज रहे है. हमारा मानना है कि विभाग के विलय हो जाने से जो शिक्षित ट्रैकमैन है उसके लिए अन्य विभाग में जाने के रास्ते खुलेंगे ओर वह भी टीसी, गार्ड, ड्राइवर, ओर स्टेशन मास्टर बन सकेंगे. ट्रैकमैन एसोसिएशन ने रेलवे के वर्तमान फेडरेशनों को भी चेतावनी दी है कि अगर ट्रैकमैन के अन्य विभागों में विलय का विरोध किया गया तो उनका संगठन उसका बहिष्कार कर देगा. इसके लिए उन्होंने दोनों फेडरेशन के महामंत्री को अनुरोध पत्र भी लिखा है.

रेलवे के मर्जर प्रस्ताव के समर्थन में उतरे ट्रैक मेंटेनर, कहा- खोने को कुछ नहीं

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