नई दिल्ली. 14 अगस्त 1947 को भारत दो राष्ट्रों में विभाजित किया गया था. भारत और पाकिस्तान के बीच का विभाजन बड़े पैमाने पर पलायन, हत्या से जुड़ी मानवीय पीड़ा की दर्दनाक दास्तां है. लाखों लोगों को अपनी जमीन, घर और कीमती सामान छोड़कर सीमा के इस ओर आना पड़ा. सांप्रदायिक और धार्मिक घृणा के कारण हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों का नरसंहार किया गया.
उत्तरी राज्य विशेष रूप से विभाजन से प्रभावित थे. लूटपाट, लूटपाट और सामूहिक हत्याओं के सबसे ज्यादा मामले यहीं हुए. भयावह रूप से दुखद दिन अब विभाजन स्मरण दिवस की भयावहता के रूप में मनाया जा रहा. इस दिन को मनाने के लिए उत्तर रेलवे के स्टेशनों पर फोटो प्रदर्शनियां आयोजित की गईं. सभी पांच मंडलों के प्रमुख स्टेशनों पर प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया.
देश के लगभग 653 स्टेशनों पर प्रदर्शनी का आयोजन का विभाजन की विभिषिका को दर्शाने का प्रयास किया गया है. राजधानी में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया. इस दौरान मंत्री व अन्य लोगों ने मार्च भी किया.
इस मौके पर रेल राज्य व कपड़ा मंत्री दर्शन विक्रम जरदोश, विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, संसद डॉ हर्षवर्धन, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ वी.के. त्रिपाठी, स्वतंत्रता सेनानी डॉ. बी.एन. पांडे, महाप्रबंधक उत्तर रेलवे आशुतोष गंगल, डीआरएम दिल्ली मंडल डिंपी गर्ग के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
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