- विजिलेंस, कानूनी मामला व सेफ्टी केस से जुड़े मामलों में नहीं लागू होगा कानून
नई दिल्ली. रेलवे में कई साल से जांच के दायरे में लटके तमाम मामलों को खत्म करने का निर्देश रेलवे बोर्ड ने दिया है. 15 दिसंबर के बाद ऐसे लंबित केसों को खत्म मान लिया जायेगा. इसका फायदा सैकड़ों रेलकर्मियों को होगा. बोर्ड के प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुधीर कुमार ने 3 दिसंबर को जारी आदेश में 6 माह से अधिक समय से लंबित मेजर और तीन माह से अधिक समय से लंबित माइनर पेनाल्टी वाले केसों की जांच 10 दिन के भीतर पूरा करने को कहा है. जांच में फैक्ट फाइंडिंग सामने नहीं आने की स्थिति में सभी केस को 15 दिसंबर के बाद खत्म मान लिया जायेगा. रेलवे बोर्ड ने अपने आदेश में यह साफ का है कि नये आदेश में विजिलेंस केस, सेफ्टी मामलों से जुड़े केस और कानूनी मामलों का सामना कर रहे रेलकर्मियों को राहत नहीं मिलेगी.
रेलवे बोर्ड डायरेक्टर के अनुसार हर जोन में डीएनएआर के 185 मेजर पेनेल्टी 85 केस माइनर पेनेल्टी वाले केस लंबित है. मेजर पेनाल्टी में छह माह और माइनर केस में 3 माह का समय दिया जाता है लेकिन ये मामले कई सालों से पेंडिंग है. रेलवे बोर्ड ने माना कि कार्रवाई के निष्पादन के इंतजार में रेलकर्मी मानसिक रूप से प्रताड़ित होते है और इसका असर उनके काम पर पड़ता है. अधिकांश मामलों में केस लंबित रखकर जांच के नाम पर कर्मचारियों को भयादोहित किया जाता है. इसके बाद बोर्ड ने 15 दिसंबर तक लंबित मामलों को खत्म करने का निर्देश दिया है.