- 19 अप्रैल 2023 को सिंहपुर रेल हादसे के बाद रेलवे बोर्ड ने नौ घंटे ड्यूटी का जारी किया था फरमान
RAIPUR. वंदे भारत की सफलता का गान करने में जुटा रेल मंत्रालय जोन से लेकर डिवीजन तक अधिकारियों की लापरवाही व मनमानी पर मौन है. नया मामला (SOUTH EAST CENTRAL RAILWAY) दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर डिवीजन का सामने आया है. यहां एक विद्युत लोको पायलट को 15.30 घंटे लगातार ड्यूटी करने के लिए सीनियर डीईई (ओपी), रायपुर (Sr.DEE_OP/SECR/RAIPUR) बीएन पटेल ने स्पष्टीकरण मांगा है. लोको पायलट पर आरोप है कि उसने 22.7.2023 को 15.43 घंटे और 14.07.2023 को 15.29 घंटे लगातार ड्यूटी की.
विद्युत लोको चालक (गुड्स) जेए हुसैन/भिलाई पर निर्धारित घंटे से अधिक लगातार ड्यूटी करने का आरोप तय किया है. इसके लिए गुड्स लोको चालक जेए हुसैन से Sr.DEE_OP/SECR/RAIPUR ने स्पष्टीकरण मांगा है. उन्होंने पत्र में स्पष्ट किया है कि रेलवे बोर्ड के अलावा जोन व डिवीजन स्तर पर लोको चालकों के लिए कार्य की अवधि निर्धारित की गयी है.
#SECR_RAIPUR हादसों से सीख लेने को कोई तैयार नहीं, भिलाई का लोको चालक लगातार 15.43 घंटे करता रहा ड्यूटी, विभाग ने मांगा स्पष्टीकरण, जिम्मेदार कौन ! @drm_raipur @GMSECR @RailMinIndia @secrail pic.twitter.com/4JlVJGOeBV
— Railhunt (@railhunt) July 29, 2023
लगातार 15.30 घंटे ट्रेन चलाकर चालक ने नियमों का अनुपालन नहीं किया जो सुरक्षा और संरक्षा के लिए गंभीर तथ्य है. लोको चालक ने लंबे समय तक काम करते हुए रेलवे के संरक्षा को खतरे में डाला जो गंभीर कृत्य है और इसके लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
अब सवाल यह उठता है कि चालक के इस कृत्य के लिए वह अकेला जिम्मेदार है ? बीते कुछ माह में लगातार हो रही दुर्घटनाओं के लिए चालकों को दी जाने वाली लंबी ड्यूटी को भी एक कारण के रूप में चिह्नित किया गया है. इसके बाद भी जेए हुसैन लगातार 15.43 घंटे ट्रेन चलाते रहे और अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी? पूरा सिस्टम इस दौरान सोया रहा.
मध्य प्रदेश के सिंहपुर में खड़ी मालगाड़ी से टक्कर मराने वाला पायलट 14 घंटे से कर रहा था लगातार ड्यूटी
मालूम हो कि 19 अप्रैल 2023 को मध्य प्रदेश के सिंहपुर रेलवे स्टेशन के पास हुए बड़ा रेल हादसा हुआ था. इसमें खड़ी मालगाड़ी से दूसरी मालगाड़ी ने टक्कर मार दी थी. इसमें यह बात सामने आयी थी कि टक्कर मारने वाली मालगाड़ी का पायलट विनोद कुमार 15 घंटे सेलगातार ड्यूटी कर रहा था. नियमत: ड्राइवर की ड्यूटी नौ घंटे ही निर्धारित है. इमरजेंसी में दो घंटे अधिक ट्रेन-मालगाड़ी चलवाने का प्रावधान है. विनोद ने 18 अप्रैल शाम 3.45 से ड्यूटी शुरू की थी. 19 अप्रैल की सुबह 7.15 बजे सिंहपुर स्टेशन के पास झपकी लगने से वह सिग्नल ओवरसूट कर गया और मेनलाइन पर खड़ी मालगाड़ी में उसने टक्कर मार दी थी.
दुर्घटना के बाद रेलवे बोर्ड ने नौ घंटे से अधिक ड्यूटी नहीं कराने का जारी किया था फरमान
रेल मंत्रालय ने 24 अप्रैल को सभी जीएम को पत्र जारी कर किसी भी रनिंग स्टाफ नौ घंटे से ज्यादा ड्यूटी नहीं करने का निर्देश जारी किया था. इसमें कहा गया था कि रनिंग स्टाफ के साइन ऑन और साइन ऑफ का समय नौ घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए. यदि असामान्य हालत में इससे ज्यादा ड्यूटी करनी भी पड़े तो इसे अधिकतम दो घंटे तक बढ़ाया जा सकता है. ऐसी सूरत में क्रू को ड्यूटी खत्म करने से दो घंटे पहले सूचित करना होगा.
लोको पायलट ही बताते हैं कि इस समय ट्रेन ड्राइवर्स की भीषण तंगी है. ड्राइवर्स को 14 घंटे तक या इससे ज्यादा समय तक ट्रेन चलाना पड़ता है. ड्यूटी आवर्स ज्यादा होने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. कभी-कभी उन्हें पर्याप्त रेस्ट भी नहीं मिलता है. एक ट्रेन लेकर आए, ढंग से नींद भी नहीं ली कि फिर दूसरी ट्रेन को लेकर डेस्टिनेशन पर निकल जाना पड़ता है.