- कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक आदेश में कहा था – चलती ट्रेन से गिरकर यात्री की मृत्यु होने पर रेलवे को देना होगा मुआवजा
जयपुर रेलवे दावा न्यायाधिकरण ने ट्रेन से गिरकर यात्री की मौत के मामले में रेलवे को मृतक के परिजनों को बतौर क्षतिपूर्ति 8 लाख रुपये देने का आदेश दिया है. मामला पश्चिम-मध्य रेलवे का है. न्यायाधिकरण ने कुल राशि पर 9 फीसदी ब्याज भी देने का आदेश दिया. यह आदेश अल्लाबंदा और जरीना के क्षतिपूर्ति दावा पर सुनवाई के बाद न्यायाधिकरण ने दिया है.
पीड़ित परिवार का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता हरिशंकर गौड़ ने न्यायाधिकरण को बताया कि शाहरुख अपने चाचा के साथ 14 मार्च, 2020 को नागपुर से वनस्थली, निवाई के लिए बिलासपुर-भगत की कोठी ट्रेन में यात्रा कर रहा था. 15 मार्च की शाम सवाई माधोपुर के पास शाहरुख शौचालय की ओर गया था तभी हाथ धोने के दौरान झटका लगने और भीड़ में यात्रियों के दबाव के कारण वह ट्रेन से नीचे गिर गया.
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इस हादसे में मौके पर ही उसकी मौत हो गयी थी. दावा में ट्रेन में झटका लगने से नीचे गिरने को कारण बताते हुए 8 लाख का मुआवजा मांगा गया था. हालांकि रेलवे ने अपने तर्क में कहा कि मृतक के पास यात्रा का टिकट नहीं मिला था. जीआरपी ने आत्महत्या की आशंका जतायी थी. तर्क यह भी दिया गया कि युवक की मौत ट्रेन के पहियों के नीचे आकर हुई थी जबकि चलती ट्रेन से गिरने पर ट्रैक से उसे दूर गिरना चाहिए था. इसलिए क्षतिपूर्ति दावा गलत है. हालांकि न्यायाधिकरण ने रेलवे को 8 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.
मालूम हो कि अप्रैल 2024 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने ट्रेन से गिरकर मरने वाले यात्री के परिवार को मुआवजा देने का आदेश रेलवे को दिया था. एक मामले में रेलवे मुआवजा न्यायाधिकरण ने 2014 में चन्नापटना स्टेशन पर ट्रेन से गिरकर मरने वाली यात्री जयम्मा की मौत पर मुआवजा देने से इनकार कर दिया था. रामानगर जिले के चन्नापटना निवासी रोजामणि और अन्य ने रेलवे मुआवजा न्यायाधिकरण के आदेश को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इस पर उच्च न्यायालय ने रेलवे को यह आदेश दिया था.