- प्रधानमंत्री ने जान गंवाने वालों के परिजनों को दो-दो लाख व घायलों को 50,000 रुपये देने का किया है ऐलाना
KOLKATTA. पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में न्यू जलपाईगुड़ी के रंगापानी स्टेशन के पास कंचनजंगा एक्सप्रेस पर पीछे से आ रही मालगाड़ी ने टक्कर में कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 50 से अधिक पैसेंजर्स के घायल होने की भी खबर है.रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में हुए ट्रेन हादसे में मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है. इसकी घोषणा रेल मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए दी है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, “पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना दुखद है। जिन लोगों ने इस हादसे में अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है.
West Bengal Train Accident : मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख, घायलों को 50,000 रुपये देने का ऐलान
उन्होंने आगे कहा, ” मैं प्रार्थना करता हूं कि हादसे में घायल हुए लोग जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. मैंने अधिकारियों से बात की और स्थिति का जायजा लिया. प्रभावितों का सहायता के लिए बचाव अभियान जारी है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी दुर्घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं. प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी, जबकि घायलों को 50,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे. इसके बाद रेलमंत्री वैष्णव ने एक्स पर लिखा, ”पीड़ितों को बढ़ी हुई अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी, मृत्यु की स्थिति में 10 लाख रुपये और गंभीर रूप से चोटिल को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50,000 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी.”
Enhanced ex-gratia compensation will be provided to the victims;
₹10 Lakh in case of death,
₹2.5 Lakh towards grievous and ₹50,000 for minor injuries.— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) June 17, 2024
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव रेल दुर्घटना के बाद राहत और बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए सोमवार को घटनास्थल के लिए रवाना हो गए. रेल अधिकारियों से प्राप्त प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यात्री ट्रेन पटरी पर खड़ी थी, तभी मालगाड़ी ने पीछे से उसे टक्कर मार दी. भीषण टक्कर के कारण कंचनजंगा एक्सप्रेस के दो पिछले डिब्बे तुरंत ही पटरी से उतर गए, जबकि एक अन्य डिब्बा मालगाड़ी के इंजन के ऊपर, अधर में लटक गया. अधिकारियों ने बताया कि इलाके में खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है.
इस दुर्घटना ने एक वर्ष पहले ओडिशा के बहनागा बाजार के निकट हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना की यादों को ताजा कर दिया है. इस हादसे में लगभग 300 लोग मारे गए थे तथा 1,000 से अधिक लोग घायल हुए थे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि “जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, डॉक्टर, एंबुलेंस और आपदा टीमों को बचाव, राहत और चिकित्सा सहायता के लिए घटनास्थल पर भेज दिया गया है. युद्धस्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इस दुर्घटना के कारण उत्तर बंगाल और देश के पूर्वोत्तर भाग से लंबी दूरी की रेल सेवाएं प्रभावित हुईं हैं.
राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित यात्रियों के परिवहन के लिए आपातकालीन आधार पर क्षेत्र से अतिरिक्त बस सेवाएं शुरू की जा रही हैं. शुरुआती खबरों से पता चला है कि मालगाड़ी के लोको पायलट ने शायद सिग्नल को पार कर लिया होगा. हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि सिग्नलिंग सिस्टम में कोई समस्या थी या नहीं या इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है कि एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें एक-दूसरे के इतने करीब कैसे आ गईं. दार्जिलिंग से भाजपा सांसद राजू बिस्ता उन नेताओं में शामिल हैं जो बचाव कार्यों का निरीक्षण करने के लिए तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे.
कंचनजंगा एक्सप्रेस के कोच संख्या एस 6 में सवार अगरतला के एक यात्री ने बताया कि उसे अचानक तेज झटका महसूस हुआ और भीषण आवाज के साथ डिब्बा रुक गया. उसने यह भी दावा किया कि राहत और बचाव कार्यों में देरी हुई. एक टेलिविजन चैनल से बात करते हुए यात्री ने कहा कि मेरी पत्नी, बच्चा और मैं किसी तरह क्षतिग्रस्त कोच से बाहर निकले. हम अभी भी परेशान ही हैं. बचाव कार्य भी काफी देर से शुरू हुआ.