- इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गेनाईजेशन का 17वां वार्षिक अधिवेशन ‘मंथन’ तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित
- देश के विभिन्न हिस्सों से तीन हजार से अधिक टिकट चेकिंग स्टाफ ने की शिरकत, बनायी गयी रणनीति
- रंगारंग कार्यक्रमों में बीच देश भर से आये टिकट चेकिंग स्टाफ ने एकता का बुलंद किया नारा
खूबसूरत-सा एक पल का रिश्ता बन जाता है,
जाने कब कोई जिंदगी का हिस्सा बना जाता है,
कुछ खास लोग मिलते है जिंदगी में,
जिनसे कभी न बिछड़ने का रिश्ता बन जाता है।।
नई दिल्ली से सुमन केशव. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने चेकिंग स्टाफ को रेलवे का फेस बताकर एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह न सिर्फ सर्वश्रष्ठ प्रबंधक है बल्कि एक सुलझे हुए अभिभावक भी है. मौका था रेलवे चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन के 17वें वार्षिक आम सभा व स्वर्णजयंती समारोह सह चौथे राष्ट्रीय मीट ‘मंथन’ का. 5 सितंबर को आयोजित समारोह में लोहानी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में रेलवे चेकिंग स्टाफ को स्वच्छ व ईमानदार छवि अपनाने की सलाह देते हुए स्पष्ट कर दिया कि वह रेलवे के प्रथम पंक्ति के कर्मचारी है जो प्रतिदिन 2.50 करोड़ यात्रियेां के सामने रेलवे की छवि को प्रदर्शित करते है. लोहानी ने कहा कि आज रेलवे की जो छवि है वह रनिंग स्टाफ की बनायी हुई है. इसलिए यात्री के सीधे संपर्क में रहने वाले टिकट चेकिंग स्टाफ (टीटीइ) को अपना रोल पहचानना होगा. चेकिंग स्टाफ आज प्रण ले कि वह यात्रियों की सेवा करेंगे और भ्रष्टचार नहीं होने देंगे. हम ईमानदार संगठन की छवि चाहते है.
हम सब रेलवे के सेवक है, सबका रोल अलग-अलग है, कोई छोटा या बड़ा नहीं है, रेलवे को बुलंदियों पर ले जाना है ताकि हर कर्मचारी सीना ठोककर कह सके कि वह रेलवे का कर्मचारी है. टीटीइ कौम हर रेलकर्मी के दिल में हो.
अश्विनी लोहानी, चेयरमैन, रेलवे बोर्ड
चेयरमैन लोहानी ने चेकिंग स्टाफ पर लगने वाले भ्रष्टाचार के अधिकांश आरोपों को खारिज करते हुए यह कहकर उत्साह बढ़ाया कि वह जानते है कि संगठन में 90 फीसदी कर्मचारी ईमानदार है सिर्फ 10 फीसदी लोगों के कारण उनकी छवि खराब हो रही है. उन्हें चेकिंग स्टाफ से अनुरोध किया कि वह कोई ऐसा काम न करें जिससे उनकी छवि प्रभावित हो और रेलवे की छवि पर दाग लगे. चेकिंग कर्मचारियों पर लगने वाले विजिलेंस केस से बड़ी राहत देते हुए लोहानी ने कहा कि वह आश्वस्त करते है कि किसी चूक के लिए उन्हें कोई दंड नहीं दिया जायेगा, लेकिन चोरी व गड़बड़ी करने वालों को बख्सा भी नहीं जायेगा. लोहानी ने स्पष्ट कहा कि उन्होंने डीआरएम व जीएम को गाइड लाइन दे दिया है कि किसी भी चेकिंग स्टाफ को विजिलेंस जबरन तब तक परेशान न करें जब तक कोई ठोस सबूत नहीं हो. यहीं नहीं मामूली मामलों में विजिलेंस केस की अनुशंसा को निर्णय लेने का अधिकार भी डीआरएम को दे दिया गया है औ इसका असर है कि बड़ी संख्या में विजिलेंस की अनुशंसा व चार्जशीट को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया है.
मेरे लिए पैसेंजर से ज्यादा जरूरी स्टॉफ है
चेयरमैन लोहारी ने टिकट चेकिंग स्टाफ के प्रति सोच में बड़े बदलाव का संकेत देते हुए कहा कि उनके लिए पैसेंजर से अधिक जरूरी स्टाफ है. लोहानी ने घोषणा की कि टीटीइ रनिंग रुम को एसी किया जायेगा और वहा चालक व गार्ड रेस्ट रुम की तरह सुविधाएं मुहैया करायी जायेंगी. टीटीइ को रनिंग कर्मचारी बनाये जाने की मांग पर लोहानी ने स्पष्ट कहा कि यह मुद्दा जटिल है लेकिन वह उन्हें आश्वस्त करना चाहते है कि इसे सकारात्मक सोच के साथ हल किया जायेगा. हालांकि उन्होंने इसमें कुछ तकनीकी पेचिदगियों का जिक्र किया और कहा कि इसमें कुछ समय लग सकेता है. लोहानी ने कहा कि चेकिंग स्टाफ के 36000 कैडर है जिसमें 29000 आन रोल है. 7000 बहाली करती है जिसमें 50 फीसदी पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है शेष को भी जल्द भर दिया जायेगा ताकि चेकिंग स्टाफ को तनाव कम हो सके.
पहला चेयरमैन जिसने टीटीइ के बारे में सोचा : मेंबर कमर्शियल
समारोह में रेलवे बोर्ड के एडिशनल मेंबर कमर्शियल आरडी शर्मा ने बताया कि रेलवे बोर्ड का चेयरमैन बनने के बाद लोहानी पहले व्यक्ति है जिन्होंने उन्हें बुलाकर कहा कि हमें टीटीइ की दशा सुधारनी है, जबकि इससे पहले कभी इस मुद्दे को डिस्कस ही नहीं किया गया था. जब चेयरमैन को यह बताया गया कि विजिलेंस केस के कारण चेकिंग स्टाफ अपना 100 फीसदी प्रदर्शन नहीं कर पाते तो, सीआरबी लोहानी ने तत्काल फोन लगाकर सभी जीएम और डीआएम को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करें कि किसी चेकिंग स्टाफ को जबरन परेशान न किया जाये. अतिरिक्त मेंबर कमर्शियल ने यह कहकर अपने शब्दों को विराम दिया कि
” हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा”.
अंग्रेजों के समय का कानून बदला जायेगा : जगदंबिका
समारोह में सांसद जगदंबिका पाल ने अपने संबोधन में कहा कि जरूरतमंद के लिए जो अपनी सीट छोड़ देता हे वह टीटीइ है. विवेकानंद की पंक्तियों के साथ चेकिंग स्टाफ की तारीफ करते हुए पाल ने कहा कि “धन्य हो वह जीवन जो दूसरे के काम आये” यह कहावत टीटीइ की पूरा करते है. सांसद पाल ने टीटीइ के लिए अंग्रेजों के बनाये कानून में संशोधन करने की जोरदार वकालत की और कहाकि इसके लिए जरूरी पहल करते हुए संविधान में संशोधन किया जायेगा.
टीटीइ के बिना मेने जीवन की कहानी अधूरी : मनोज तिवारी
समारोह में मौजूद दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व गायब मनोज तिवारी ने यह कहकर जमकर तालियां बटोरी की उनके जीवन की कहानी लिखी जाये तो वह टीटीइ के बिना पुरी ही नहीं होगी. रंगारंग कार्यक्रमों में बीच समारोह को टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष डॉ. मुकेश गौतम, आर सी भारद्वाज, एएल राव, जेएस गोलवेलकर समेत सभी जोन के अध्यक्ष व सचिव समेत अन्य परदाधिकारियों ने संबोधित किया. समारोह में एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली सीटीआइ धाविका सुधा सिंह भी मौजूद थी. 17वें वार्षिक व चौथे राष्ट्रीय नेशनल चेकिंट स्टाफ मीट में देश भर से लगभग तीन हजार से अधिक टीटीइ शामिल हुए. इस मौके नयी कमेटी का भी गठन किया गया. इन शब्दों के साथ सीआरबी समारोह से विदाई दी गयी.
सोच बदल दो सितारे बदल जायेंगे,
नजर बदल दो नजारे बदल जायेंग,
जरूरत नहीं कश्ती बदलने की,
हवाएं बदल दो किनारे बदल जायेंगे।।
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