पटना से गोपाल पांडेय. रेलवे बोर्ड ने अपने एक आदेश में सभी मंडल रेल प्रबंधकों के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी की है. इसके लिए रेलवे एक्ट में जरूरी संसोधन किया गया है. नये अधिकार के तहत अब मंडल रेल प्रबंधक ग्रुप डी में 1800 ग्रेड पे वाले कर्मचारी (पीयून, गैंगमैन, खलासी, अनस्किल्ड व सेमीस्किल्ड) का तबादला एक विभाग से दूसरे विभाग अथवा डिवीजन में कर सकेंगे. इसके लिए मंडल रेल प्रबंधकों को अतिरिक्त अधिकार दिया गया हैु. ग्रुप सी से जुड़े रेलकर्मियों को नये प्रावधान में विभागीय तबादला अब डीआरएम के आदेश से हो सकेगा.
नये आदेश के बाद रेलकर्मियों को अब इंजीनियरिंग से कामर्शियल अथवा कामर्शियल से इंजीनियरिंग अथवा दूसरे विभागों में जाने की अनुमति के लिए जोनल स्तर पर आवेदन के निष्पादन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. यह आवेदन जरूरी प्रक्रिया के बाद मंडल स्तर पर डीआरएम के आदेश से निष्पादित किया जा सकेगा. माना जा रहा है कि रेलवे बोर्ड के नये आदेश से सैकड़ों की संख्या में विभाग बदलने के इच्छुक रेलकर्मियों को फायदा होगा. अब उनके आवेदनों का निष्पादन समय अवधि में किया जा सकेगा.
यहां यह बताना जरूरी होगा कि 3.11.2017 को रेलवे बोर्ड ने मंडल रेल प्रबंधकों यानि डीआरएम को पूर्व में दी गयी शक्तियों में कटौती करते हुए अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों का विभाग बदलने पर रोक लगा दिया था. पूर्व की तरह यह अधिकार जोनल मुख्यालय को दे दिया गया था. रेलवे बोर्ड ने यह कदम कुछ मडल में डीआरएम द्अवारा अपने अधिकार का दुरुपयोग करने की सूचना और विरोध के बाद यह कदम उठाया था. बताया जाता है कि पूर्व में मिले इस अधिकार के तहत कई मंडल में ऐसे अधिकारियों के विभाग बदल दिए गए जिनका कसूर सिर्फ इतना था कि वह विभागीय प्रमुख को संतुष्ट नहीं कर सके थे. बाद में बोर्ड ने डीआरएम से दिये गये अधिकार वापस ले लिये थे.
एक बार फिर डीआरएम को कुछ शक्तियों को वापस करने की पहल की गयी है. ऐसा कार्य में बार-बार आने वाली तकनीकी परेशानियों के तत्कालीक निवारण के लिये किया गया है. नये आदेश में डीआरएम को नन-गजटेड रैंक के कर्मचारियों का विभाग बदलने का अधिकार दे दिया गया है.
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