- अमेरिका-ब्रिटेन पिछड़े, 2022 में सिर्फ दो देश होंगे भारत से आगे
नई दिल्ली. कुछ दिन पहले 25 दिसंबर को देश की राजधानी दिल्ली के लोगों की लाइफलाइन यानी हम सबकी ‘दिल्ली मेट्रो’ 16 बरस की हो गई. 25 दिसंबर, 2002 को सिर्फ 8 किलोमीटर से अपना पहला सफर शुरू करने वाली दिल्ली मेट्रो आज देश की नंबर वन तो वर्ष 2022 तक दुनिया की तीसरी सबसे लंबे नेटवर्क वाली मेट्रो रेल हो जाएगी. फिलहाल यह विश्व की चौथी सबसे लंबे नेटवर्क वाली रेल है.
बता दें कि 25 दिसंबर 2002 को क्रिसमस के दिन पहली बार दिल्ली मेट्रो ने शाहदरा से तीस हजारी तक रेड लाइन मेट्रो शुरू की थी. यह एक एतिहासिक लम्हा था, जिसमें हजारों लोगों ने शिरकत की थी. तब दिल्ली मेट्रो का इस कदर क्रेज था कि लोग बिना मकसद दिल्ली मेट्रो में सफर करते थे, क्योंकि उन्हें इसके सफर का तजुर्बा लेना होता था. मेट्रो का क्रेज अब भी बरकरार है. यह भी कम उपलब्धि नहीं है कि 16 साल पहले कुछ हजार यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाली मेट्रो में अब रोजाना तकरीबन 30 लाख लोग सफर करते हैं..
दिल्ली से निकल यूपी पहुंची मेट्रो
नोएडा और दिल्ली के बीच मेट्रो की पहली कनेक्टिविटी 12 नवंबर, 2009 से शुरू हुई थी. इसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने किया था और यह भी ऐलान किया था कि जल्द ही इसका विस्तार जेवर तक किया जाएगा. खैर इसका विस्तार जेवर तक न सही, ग्रेटर नोएडा तक जरूर हो चुका है और जनवरी 2019 में नोएडा-ग्रेटर नोएडा (AQUA LINE) के उद्घाटन के साथ संचालन कभी भी हो सकता है. सबकुछ ठीक रहा तो यूपी में मेट्रो जेवर तक पहुंच सकती है, क्योंकि यहां पर जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनना प्रस्तावित है. बता दें कि दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन मूल रूप से इंद्रप्रस्थ से द्वारका तक शुरू हुई थी. 12 नवंबर 2009 को, इस लाइन को यमुना बैंक से नोएडा सिटी सेंटर तक विस्तारित किया गया, जिसकी कुल लंबाई 13.1 किलोमीटर है.
Source – Jagran