जमशेदपुर से धमेंद्र. चांडिल के ट्रैक्शन डिपो में डकैती को अंजाम देने वाले गिरोह को टाटानगर आरपीएफ ने क्रेक कर बड़ी उपलब्धि अपने खाते में डाल ली है. रेल व जिला पुलिस के सहयोग से आरपीएफ की टीम ने गिरोह के अधिकांश अपराधियों को दबोच लिया है. अपराधियों की पहचान होने के कारण यह स्पष्ट हो गया है कि फरार डकैतों को भी जल्द ही जेल में डाल दिया जायेगा. इन सबके बीच आरपीएफ के अधिकारियों में इस उपलब्धि को अपने खाते में डालने की होड़ भी मच गयी है. अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर चांडिल और अनारा में डकैती को अंजाम देने वाले जमशेदपुर के इस गिरोह को क्रेक किसने किया?
अब तक मिली सूचनाओं के आधार पर गिरोह को क्रेक करने में टाटानगर आरपीएफ के प्रभारी एमके सिंह ने अहम भूमिका निभायी. अपने विभिन्न श्रोतों से उन्होंने यह पता लगाया कि चांडिल डकैती को अंजाम देने वाले गिरोह में जमशेदपुर के युवक शामिल है जो पुराना गिरोह है. इसके बाद उन्होंने सूचना जोनल आइजी को दी. वहां से गिरोह को पकड़ने की रणनीति बनायी गयी. इसमें सीआइबी के कन्हैया प्रसाद, चांडिल आरपीएफ प्रभारी के अलावा रेल पुलिस की टीम को सक्रिय किया गया. अपराधियों की गिरफ्तारी में जिला व रेल पुलिस की भूमिका सराहनीय रही. मूल रूप से जमशेदपुर में सक्रिय यह गिरोह अनारा और चांडिल रेलवे स्टेशन के ट्रैक्शन रेलवे ऑफिस में डकैती की घटना को अंजाम देने के अलावा रामगढ़ में कैश वैन लूटने की योजना बना रहा था. रेल डीएसपी नूर मूस्तफा अंसारी ने प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी. इसमें बताया गया कि मो. अतहर इकबाल, मो. फिरोज खां उर्फ बबलू, अनूप चक्रवर्ती उर्फ बंगाली और मनोज यादव उर्फ भुवर बच्चा को पकड़ा गया है. जिनके पास से पुलिस ने एक देशी कट्टा, एक गोली, भुजाली, चाकू, वाहनों के फर्जी नंबर व डकैती में उपयोग में लाये गये सामान बरामद किया है. छापेमारी में डीएसपी नूर मूस्तफा अंसारी, टाटानगर रेल थाना प्रभारी राजू, राजीव कुमार, आरपीएफ के पोस्ट प्रभारी ओसी एमके सिंह आदि की भूमिका रही .
नहीं मिला डकैती में लूटा गया सामान, खरीदार फरार
चांडिल डकैती का उदभेदन करने के बावजूद लूट का माल बरामद नहीं किया जा सका. डकैतों ने माल मानगो के उमेश सिंह के टाल में दो लाख में बेचा था. जो अब फरार है. बताया जाता है कि लूटा गया तांबा या तो कही छुपा दिया गया है अथवा उसे तत्काल कोलकाता भेजकर गला दिया गया है. हालांकि आरपीएफ की टीम उमेश सिंह के टाल के समीप स्थिति तालाब पर नजर रख रही है. माना जा रहा है कि उमेश सिंह ने लूटा गया माल इसी तालाब में छुपा दिया है. बताया जाता है कि चांडिल डकैती के दौराल रेलवे कर्मी हरेंद्र नाथ महतो का एसबीआइ एटीएम लूटा गया था जिससे रुपये की निकासी करने के कारण ही लूटेरे पुलिस की जाल में फंसे. एटीमए के सीसीटीवी फुटेज से आसनबनी गांव के हड्डी गोदाम के पास झोपड़ी में मो अतहर इकबाल को पकड़ा गया. उसने बताया कि गिरोह में 10 लोग शामिल है. 31 जनवरी को अनारा रेलवे स्टेशन के इलेक्ट्रिकल स्टोर में डकैती की घटना को इसी गिरोह ने ही अंजाम दिया था. चांडिल, मानगो , सुंदरनगर डकैती में जेल जा चुके है. डकैती गिरोह का मुख्य सरगना कपाली हिम्मत नगर निवासी रफीक अंसारी फरार है. उसी ने मो. अतहर इकबाल, मो फिरोज खां उर्फ बबलू, अनूप चक्रवर्ती उर्फ बंगाली और मनोज यादव उर्फ भुवंर बच्चा के साथ 31 जनवरी को अनारा स्टेशन में डकैती की घटना को अंजाम दिया. इसके बाद 7 फरवरी को चांडिल में डकैती की घटना को अंजाम दिया.