- ट्रेन परिचालन का देश व्यापी विरोध, हर जगह काला बिल्ला लगाकर रेलकर्मियों ने किया प्रदर्शन
- समय का पालन सुनिश्चित कराने के लिए रेलवे ने झोंकी पूरी ताकत, फिर भी ट्रेन हो गयी लेट
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
रेलवे में निजीकरण के एजेंडें पर आग बढ़ रही केंद्र सकरार ने तमाम विरोध के बीच लखनऊ से नई दिल्ली के बीच पहली प्राईवेट ट्रेन ” तेजस ” का संचालन 4 अक्टूबर को पूरा कर लिया है. कर्मचारियों की नाराजगी और विरोध प्रदर्शन के बीच लखनऊ में 9.55 बजे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हरी झंडी दिखवाकर ट्रेन को रवाना किया गया. इस मौके पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव समेत तमाम अधिकारी मौजूद थे. हालांकि गाजियाबाद में उत्तरी रेलवे मजदूर यूनियन के कार्यकर्ताओं ने तेजस को आठ मिनट तक रोकने का दावा किया है. इस दौरान सुरक्षा बल के जवानों से रेलकर्मियों की झड़प भी हुई. इसके बाद ट्रेन को आगे रवाना कर दिया गया. छह अक्टूबर से यह ट्रेन रोजाना चलेगी. मंगलवार को छोड़कर तेजस लखनऊ से सुबह 6.10 बजे से दिल्ली के लिए रवाना होगी जो वापसी में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से शाम 4 बजकर 9 मिनट पर लखनऊ के लिए रवाना होगी.
तेजस को निजीकरण की दिशा में पहल बताते हुए शुक्रवार को आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के नेतृत्व में लोको पायलटों और गार्ड ने देश के विभिन्न स्टेशनों पर प्रदर्शन किया. इसे रेलवे के निजीकरण की दिशा में पहला कदम बताते हुए रेलकर्मियों ने आज का दिन काला दिवस के रूप में मनाया. उधर ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के आह्वान पर आज नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन और एनई रेलवे मजदूर यूनियन ने भी तेजस के परिचालन को लेकर जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया. ट्रेन रवाना होने से पहले महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन से मिलकर उन्हें पत्र सौंपा और चेतावनी दी कि रेल मंत्रालय कर्मचारियों से टकराव का रास्ता छोड़े और ट्रेनों का संचालन रेल कर्मचारियों को ही करने दे.
इसके बाद रेल प्रशासन ने महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा व एआईआरएफ के प्रतिनिधिमंडल को स्पष्ट किया कि कोई भी बड़ा फैसला बिना यूनियन की सलाह के नहीं किया जाएगा. तेजस को लेकर चेयरमैन ने बताया कि इस ट्रेन में ड्राईवर, गार्ड, स्टेशन मास्टर, मेन्टीनेंस सभी कुछ रेलकर्मचारी करेंगे, चूंकि ये प्रीमियम ट्रेन है, इसलिए इसमें आईआरसीटीसी को इनवाल्व किया गया है. चेयरमैन ने नेताओं से विरोध का रास्ता छोड़कर आयोजन में शामिल होने की अपील की लेकिन शिवगोपाल मिश्रा ने उसे ठुकरा दिया. हालांकि कॉमरेड मिश्रा ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन को यह आश्वासन जरूर दे दिया कि वह आयोजन में कोई व्यवधान पैदा नहीं करेंगे. इसके बाद तय हुआ कि जल्दी ही दिल्ली में बैठक कर पूरे मामले पर विस्तार से बात की जायेगी. उधर तेजस के दिल्ली पहुँचने पर भी दिल्ली मंडल के रेल कर्मचारियों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया.
सरकार टकराव का रास्ता छोड़े, वरना बड़ी कीमत चुकानी होगी : शिवगोपाल मिश्रा
नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन और एनई रेलवे मजदूर यूनियन के विरोध प्रदर्शन के बीच रेलकर्मियों को संबोधित करते हुए महामंत्री कॉमरेड शिवगोपाल मिश्रा ने कहाकि यह समय एकजुट होकर अपनी ताकत को बढ़ाने का है. अगर रेलवे को बचाना है तो एक बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहना होगा, सरकार की नीयत साफ नहीं है, भारतीय रेल को कमजोर करने की एक सुनियोजित साजिश चल रही है. अगर हम तेजस ट्रेन के आधुनिक कोच बना सकते हैं तो इसका संचालन भी कुशलतापूर्वकर कर सकते हैं. महामंत्री ने कहाकि अभी तो ये शुरुआत है, मंत्रालय ने ऐलान किया है कि ऐसी ही 150 और ट्रेन चलाने का सरकार का इरादा है. फैडरेशन का मानना है कि ये छुपे रास्ते से निजीकरण की कोशिश है, जिसे हम कामयाब नहीं होंने देंगे.
महामंत्री ने कहाकि सरकार के 100 दिन के कार्ययोजना से ही साफ हो गया कि उसकी नीयत साफ नहीं है. अब हमें तय करना है कि सरकार के मंसूबे को पूरा होने दें, या फिर संघर्ष का रास्ता अपनाते हुए अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ें . महामंत्री ने युवाओं और महिलाओं का आह्वान किया कि उन्हें अभी भारतीय रेल में काफी साल नौकरी करनी है, इसलिए होने वाले आंदोलन के लिए उन्हें सबसे आगे रहना होगा. श्री मिश्रा ने कहाकि जो हालात है, उसमें अब भारतीय रेल का चक्का जाम करना ही एकमात्र विकल्प रह गया है, हम सरकार से बात कर रहे है, लेकिन जब हमें लगेगा कि अब बातचीत से कोई रास्ता नहीं निकलने वाला है तो चक्का जाम करना ही होगा. इस सभा को एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री के एल गुप्ता, अध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी और एनआरएमयू के मंडल मंत्री आर के पांडेय ने भी संबोधित किया. विरोध प्रदर्शन में एनआरएमयू के केंद्रीय उपाध्यक्ष एस यू शाह, आर ए मीना, कोषाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव , मंडल मंत्री उपेन्द्र सिंह, शैलेन्द्र सिंह और अरुण गोपाल मिश्रा समेत तमाम बडे नेता मौजूद थे.