- हटिया में टिकटों की एनआई कर करोड़ों रुपये का किया गया था गोलमाल, 10 हुए थे निलंबित
- काउंटर पर घोटालों को रोकने में पूरी तरह विफल रहा है रेलवे प्रशासन
रेलहंट ब्यूरो, बरेली
रेलवे के कर्मचारी अवैध उगाही के लिए सिस्टम का किस तरह गलत इस्तेमाल कर रहे है कि इसका उदाहरण एक बार फिर इज्जतनगर रेलमंडल के काशीपुर में नजर आया है. बीते दिनों हटिया का बुकिंग क्लर्क रेलवे का 2.29 लाख रुपये लेकर भाग गया था. अभी यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ कि इज्जतनगर रेलवे सुरक्षा बल की अपराध अनुसंधान शाखा (सीआइबी) ने अनारक्षित रेल टिकट में फर्जीवाड़ा में बुकिंग क्लर्क प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया है.
इज्जतनगर सीआइबी प्रभारी निरीक्षक मयंक चौधरी को मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि प्रदीप कुमार लंबी दूरी के अनारक्षित टिकट में हेराफेरी कर हर दिन सैकड़ों रुपये का घोटाला करते हैं. इससे रेलवे के राजस्व को क्षति पहुंचायी जा रही है. बुकिंग क्लर्क के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की तैयारी चल रही है. गोलमाल पकड़ने वाली टीम में इंस्पेक्टर मयंक चौधरी के अलावा, एसआइ श्रीकृष्ण जोशी, फिरु सिंह राणा, सिपाही ज्ञान सिंह, अशोक कुमार, हेमंत कुमार भारती, प्रमोद कुमार मौजूद थे. इस बीच जनसंपर्क पदाधिकारी राजेंद्र सिंह ने कहा कि
मामले में विभागीय जांच होगी. दोषी पाए जाने पर आरोपित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी. इस मामले में गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे जोन सीसीएम ने भी कड़ी कार्रवाई के संकेत दिये है. इससे पूरे मामले में गहराई से जांच के बाद अन्य पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई की गाज गिरने की बात कही जा रही है. जोन ने प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की गिरफ्तारी के बाद सीआई से रिकॉर्ड तलब किया है. इस मामले में डीसीएम ने स्टेशन के वाणिज्य अधीक्षक (सीएस) रामप्रीत को भी निलंबित कर दिया है. बताया जाता है कि आरोपित क्लर्क को बर्खास्त करने की तैयारी चल रही है.
बीते 8 अगस्त 2019 को दक्षिण पूर्व रेलवे के हटिया स्टेशन पर रेलवे बुकिंग क्लर्क स्वराज बनर्जी 2.29 लाख रुपये का रेलवे कैश लेकर फरार हो गया. की संलिप्तता पायी गयी है. इससे पूर्व हटिया स्टेशन के इसी बुकिंग काउंटर पर क्लर्कों ने आपसी मिलीभगत से जनरल टिकटों की एनआई कर रेलवे को करोड़ों रुपये का चूना लगा दिया था. रेलवे बोर्ड की जांच में यह मामला पकड़ा गया और तब हेराफेरी की पोल खुली. यह गोलमाल भी वर्षों से चल रहा था. मामला पकड़े जाने के बाद सात बुकिंग क्लर्क, एक सुपरवाइजर, एक इंस्पेक्टर और एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर (अकाउंट्स) को सस्पेंड किया गया था. इसी गोलमाल की एक आरोपी महिला क्लर्क शिल्पी मुखर्जी वर्तमान में चक्रधरपुर रेलमंडल के झारसुगुड़ा स्टेशन पर बतौर डिप्टी एसएस कामिर्शयल पदास्थापित है. घोटाले के इतिहास वाले हटिया बुकिंग काउंटर में जनवरी 2018 में काउंटर से 1.27 लाख रुपये की चोरी कर ली गयी थी. इस मामले में भी कोई मामला नहीं दर्ज कर तीन बुकिंग क्लर्क से रुपये भरवाकर मामला शांत करा दिया गया था.
हटिया में फिर गोलमाल, रेलवे कैश का 2.29 लाख लेकर भाग गया बुकिंग क्लर्क
एनआई गोलमाला में इनको किया गया था निलंबित
1. पी मंडल
2. बी राम
3. एके झा
4. बिनीता सिन्हा
5. विनीत सिंह
6. शिल्पी मुखर्जी
7. लता
8. पीके दीवान, चीफ बुकिंग सुपरवाइजर, हटिया
9. सेक्शनल कमर्शियल इंस्पेक्टर, हटिया
10. सेक्शनल टीआइए, हटिया
ऐसे करता था कालाबाजारी
पूछताछ में पता चला कि वह ड्यूटी के दौरान सबसे पहले 10 रुपये मूल्य के अनारक्षित टिकट को सिस्टम में फीड कर जारी करता था. इसके बाद प्रिंटर को बंद करके ब्लैंक टिकट निकाल लेता था. इसके अगले नंबर पर लंबी दूरी की कोई कमांड देकर ब्लैंक टिकट पर लंबी दूरी का विवरण प्रिंट कर लेता था. इस प्रक्रिया में स्लैश नंबर टिकट नंबर से अलग होने के कारण टिकट मिस मैच हो जाता था, फिर आने वाले यात्रियों को उसे बेचकर लंबी दूरी वाले टिकट को अगले नंबर पर एनआई (नॉन- इश्यूड) कर दिया जाता था जिससे लंबी दूरी का किराया सिस्टम में वापस आ जाता था. इसके बाद फर्जी टिकट को बेचकर उसका पूरा किराया (10 रुपये को छोड़कर) अपने पास रख लेता था और रेलवे के टिकट की एनआई प्रक्रिया भी सही तरीके से पूर्ण हो जाती थी.