- दैनिक भास्कर ने किया खुलासा, भड़के आरपीएफ अधिकारी
- जांच हो तो परत दर परत खुलने लगेंगे एक से बड़े एक राज
चक्रधरपुर. रेलमंडल के टाटानगर स्टेशन पर आरपीएफ ने अवैध वसूली का ठेका दे रखा है. ऑन डयूटी आरपीएफ जवान यहां एक निजी व्यक्ति को तैनात कर देते है जो उनके लिए सब्जी, पार्सल व दूसरे स्रोतों से अवैध वसूली करता है. इसका खुलासा दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट में 10 अप्रैल को किया गया है. इसमें बताया गया है कि किस तरह आरपीएफ के जवान अवैध वसूली के लिए नये तरीके आजमा रहे है.
हालांकि भास्कर के खुलासे पर आरपीएफ के पदाधिकारी व जवानों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आपत्ति जतायी है लेकिन हकीकत काफी कड़वी है. रेल हंट को मिली सूचना के अनुसार टाटानगर में पार्सल गेट पर सुनियोजित रूप से वसूली को अंजाम दिया जाता है. यहां अवैध कमाई से कई आला अधिकारी भी किसी न किसी रूप से लाभांवित होते हैं. रेलवे ने अधिकारिक रूप से पार्सल की सुरक्षा को लेकर गेट को बंद कर रखा है. बताया जाता है कि पार्सल कार्यालय गेट पर ड्यूटी के लिए कई शर्तों को पूरा करना पड़ता है.
एक सूत्र के अनुसार अगर बीते कुछ माह में पार्सल कार्यालय की ड्यूटी रोस्टर का आंकलन कर लिया जाये तो स्थिति स्वत: स्पष्ट हो जायेगी कि किस तरह कुछ खास लोगों की ही बार-बार पार्सल की डयूटी में लगायी जाता रहा है. हालांकि यह जांच के विषय है और चक्रधरपुर मंडल के नये सीनियर कमांडेंट ए अब्राहिम शरीफ की कार्यशैली अवैध वसूली और गलत धंधों को लेकर काफी सख्त रही है. ऐसा माना जा रहा है कि सीनियर कमांडेंट डयूटी रोस्टर समेत दूसरे सूत्रों से मामले की जांच कराकर सच का सामने लगायेंगे अवैध वसूली से लाभांवित होने वाले तमाम जवान और अधिकारियों पर जरूरी कार्रवाई भी की जायेगी.
चक्रधरपुर मंडल के नये सीनियर कमांडेंट ए अब्राहिम शरीफ की कार्यशैली अवैध वसूली और गलत धंधों को लेकर काफी सख्त रही है. ऐसा माना जा रहा है कि सीनियर कमांडेंट डयूटी रोस्टर समेत दूसरे सूत्रों से मामले की जांच कराकर सच का सामने लगायेंगे अवैध वसूली से लाभांवित होने वाले तमाम जवान व अधिकारियों पर कार्रवाई की जांच कर जरूरी कार्रवाई करेंगे.
पार्सल की तरह चाईबासा बस स्टैंड में दिया गया टेंडर
टाटानगर में आरपीएफ के एक बड़े अधिकारी और तथाकथित एक सूचना अधिकार कार्यकर्ता के बीच सांठगांठ जगजाहिर है. स्टेशन इलाके में यह चर्चा आम है कि टाटानगर आरपीएफ पोस्ट के ठीक सामने चाईबासा स्टैंड में लगने वाली अवैध दुकानों का ठेका उक्त अधिकारी ने तथाकथित आइटीआइ एक्टीविस्ट को ठीक उसी तरह दे रखा है जिस तरह दैनिक भास्कर ने पार्सल में वसूली का ठेका देने का खुलासा किया है. इन दुकानों से बड़ी राशि की वसूली हर माह की जाती है. यही कारण है कि जीएम, आरपीएफ आइजी और दूसरे बड़े अधिकारियों की आते ही तत्काल हटा ली जाने वाली अवैध दुकानें शाम होते ही फिर से आबाद हो जाती हैं. यह अवैध दुकानें साल के 365 दिन आरपीएफ पोस्ट के ठीक सामने लगती है जो सुरक्षा के लिए लिहाजा से काफी अहम स्थल है लेकिन अधिकारी व जवानों की नजर इस ओर नहीं जाती. उक्त तथाकथित सूचना अधिकार कार्यकर्ता आरपीएफ से लाभांवित होता है और अवैध वसूली को लेकर उठने वाली आवाज को सूचना अधिकार का गोला दागकर दबा दिया जाता है.