- 25 लाख से अधिक के नुकसान का अनुमान, टाटा स्टील ने रेलवे के समक्ष जतायी नाराजगी
- सीनियर कमांडेंट की औचक जांच में भी लाइन किनारे पड़े मिले वैगन के 30 पीलर
जमशेदपुर से धमेंद्र. आरपीएफ की सक्रियता की पोल खोलते हुए चोरों ने शुक्रवार को दिन-दहाड़े टाटानगर एफसीआइ गोदाम से सटे मार्सलिंग यार्ड चूना भट्ठा में मालगाड़ी रैक से सैकड़ों की संख्या में पीलर काट डाला. उस समय मालगाड़ी टाटा स्टील में प्लेस हो रही थी. बताया जाता है कि चोरी से लगभग 25 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है. लोहे के कई पीलर चोर उठाकर ले गये जबकि रेलवे ट्रैक पर पड़े कई पीलर को टाटा स्टील के सुरक्षा कर्मियों ने अपने कब्जे में ले लिया.
घटना की सूचना मिलते ही चक्रधरपुर मंडल के सीनियर कमांडेंट इब्राइम शरीफ भागे-भागे शनिवार को टाटानगर पहुंचे और घटना स्थल का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में रेलवे लाइन के किनारे से तीन दर्जन से अधिक मालगाड़ी वैगन से काटे गये पीलर बरामद किये गये है. इस घटना ने आरपीएफ की तमाम सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है. स्वयं सीनियर कमांडेंट ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए यह जानना चाहा है कि जब इतनी बड़ी संख्या में मालगाड़ी रैक से पीलर को तोड़ दिया गया तो सुरक्षा बल के जवान कहां थे? हालांकि इस प्राइवेट साइडिंग बातकर आरपीएफ पदाधिकारी अपनी जिम्मेदारी से कन्नी काटना चाह रहे हे. आरपीएफ की सीआइबी विंग ने घटना की पूरी जानकारी आरपीएफ आईजी को भेजी है. जिसमें चोरी को लेकर सुरक्षा की लापरवाही को उजागर किया गया है.
मालगाड़ी रैक से पीलर उखाड़े जाने के कारण टाटा स्टील से माल डिस्पैच किये जाने में भी परेशानी आयी है. मालगाड़ी रैक पर लगे पीलर से क्वायल को बांधा जाता है. रैक से पीलर उखाड़ लिये जाने के बाद कंपनी के सुरक्षाकर्मी बड़ी संख्या में पीलर उठाकर कंपनी के भीतर ले गये जिन्हें फिर से रेलवे रैक से बेल्डिंग कर जोड़ा गया.
चोरी के बाद यार्ड से बरामद पीलर ले जाते कर्मचारी (देखे वीडियो में)
स्क्रैप माफिया के हवाले यार्ड, आरपीएफ जवान को बना लेते हैं बंधक
टाटानगर यार्ड में स्क्रैप माफिया को बोलबाला है. बताया जाता है कि यार्ड में दिनदहाड़े चोरी तभी संभव है जब आरपीएफ के आला अधिकारियों की इसमें मूक सहमति रहे. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कई बार चोरी का विरोध करने पहुंचे आरपीएफ जवानों को स्क्रैप टाल संचालकों ने बंधक बनाकर घंटों अपने कब्जे में रखा और चोरी का माल खपाने के बाद उन्हें छोड़ दिया. आरपीएफ के कुछ जवानों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर रेल हंट को हाल के दिनों में हुई एक घटना का हवाला देते हुए बताया कि स्पेशल का एक आरपीएफ जवान जब यार्ड में गया तो स्क्रैप माफियाओं ने अपने कब्जे में ले लिया. उसका मोबाइल छीन लिया गया और बाइक को अपने कब्जे में रखा गया. कई घंटे बाद जवान का मोबाइल व बाइक स्क्रैप टाल संचालकों ने वापस किया. हालांकि इस घटना को चुपचाप छुपा लिया गया. एक अन्य जवान के साथ भी यहीं घटना छह माह के अंतराल पर दोहरा चुकी है. यही कारण है कि यार्ड में चोरी की सूचना होने के बावजूद कोई जवान उधर का रुख नहीं करते.