- 620 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का जमशेदपुर और सिंहभूम के सांसद ने किया उदघाटन, नहीं आया कोई विधायक
- चालू योजनाओं का साल भर बाद उदघाटन समारोह आयोजित कर बड़ा बजट खर्च करने पर उठे सवाल
- कार्यक्रम में राजनीति दल, स्वयंसेवी संगठन, रेलवे की किसी सलाहकार समितियों के सदस्यों को भी नहीं भेजा बुलावा
जमशेदपुर से सुनील मिश्रा. चक्रधरपुर मंडल रेल प्रशासन ने टाटानगर में सोमवार को वृहद आयोजन कर 620 करोड़ की योजनाओं का उदघाटन किया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री रघुवर दास को आमंत्रित किया गया था, लेकिन शहर में मौजूद होने के बावजूद सीएम रेलवे के आयोजन में शामिल नहीं हुए. मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में जमशेदपुर के सांसाद विधुत वरण महतो और सिंहभूम सांसद लक्ष्मण गिलुवा ने कार्यक्रम के उदघाटन की औपचारिका पूरी की.
टाटानगर में आयोजित उदघाटन समारोह में रेल प्रशासन की ओर से बतौर अतिथि डीआरएम रांची, पीसीसीएम एसइआर, सांसद व सभी विधायकों को तो आमंत्रित किया गया था लेकिन यात्री सुविधाओं से सीधे जुड़े कार्यक्रम में विभिन्न राजनीति दलों के स्थानीय नेता, स्थानीय स्वयंसेवी संगठन, बुद्धिजीवि और यहां तक की रेलवे सलाहकार समितियों के सदस्यों को आमंत्रित नहीं किया गया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी के बाद चंद गिने-चुने लोगों की उपस्थिति से इतने बड़े आयोजन की जरूरत पर सवाल उठाये जाने लगे है. कई रेलकर्मियों की जुबान पर सोमवार को इस बात की चर्चा रही कि जब उदघाटन की जाने वाली यात्री सुविधाएं एक साल से अधिक अंतराल से चालू है तो अब अचानक उनके उदघाटन की क्या जरूरत आन पड़ी थी? कहीं इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य कुछ और तो नहीं था? तो क्या सीएम के नहीं आने से यह उद्देश्य खटाई में पड़ गया है?
बहरहाल, अहम सवालों के बीच उदघाटन की जाने वाली यात्री सुविधओं के बारे में जान लिया जाना भ्री जरूरी हो जाता है. टाटानगर स्टेशन पर स्केलेटर और लिफ्ट की सुविधा एक साल पूर्व ही बहाल हो चुकी है. बकायदा स्टेशन डायरेक्टर ने लिफ्ट का उदघाटन कर उसकी विध्रिवत शुरुआत तक की दी थी. टाटानगर स्टेशन पर सांसद निधि से दाे माह पूर्व ही कुर्सियां लगायी गयी थी जिनका उपयोग यात्री कर रहे हैं. टाटानगर, सीनी व चक्रधरपुर में सौर पैनल भी काफी समय पहले ही लगाया जा चुका है और उसका उपयोग किया जा रहा है. राजखरसावां-डांगोवापोसी थर्ड लाइन का अभी मुख्य संरक्षा आयुक्त ने निरीक्षण किया है लेकिन उस पर ट्रेनों को चलाने की हरी झंडी अब तक नहीं मिल सकी है. रजरप्पा मंदिर के अनुरूप रामगढ़ कैंट रेलवे स्टेशन का पुन: विकास, केंद्रपोसी व पांड्रासाली स्टेशन पर ऊपरी पुल का निर्माण के अलावा आदित्यपुर स्टेशन पर प्लेटफॉर्म का विस्तार किया गया है. इसमें थर्ड लाइन को छोड़कर सभी यात्री सुविधओं का उपयोग हो रहा है. ऐसे में साल भर बाद मुख्यमंत्री से चल रही योजनाओं के उदघाटन करने का प्रयास और उसका औचित्य समक्ष से परे है?
बड़े ही ताम-झाम से भारी भरकम बजट खर्च कर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के नहीं आने को समन्वय की चूक माना जा रहा है. मुख्यमंत्री आम तौर पर जनउपयाेग से जुड़े किसी आयोजन में अधिक समय देते है बावजूद रेलवे के कार्यक्रम में सीमए के नहीं आने को लेकर चर्चा तेज है. चर्चा तो यहां तक हो रही है क्या मुख्यमंत्री तक यह जानकारी पहले से पहुंचा दी गयी थी कि उदघाटन के लिए तय यात्री सुविधाओं का उपयोग एक साल से अधिक समय से हो रहा है और ऐसे आयोजन में उनकी मौजूदगी मान्य व्यवस्थाओं के अनुकूल सही नहीं है? बताया जाता है कि स्टील सिटी फुटबॉल के समापन समारोह में मंडल रेल प्रशासन ने बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित किया था जो कतिपय कारणों से आयोजन में शामिल नहीं हो सकी थी.
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