- आला अधिकारियों के आदेश व कनीय अधिकारी की अनुशंसा को ठेंगे पर रखने से सुखियों में आया मामला
- कर्मचारी के ड्यूटी रोस्टर से की गयी छेड़छाड़, नियम के विपरीत जाकर किया गया सुधार
जमशेदपुर से धमेंद्र कुमार. चक्रधरपुर रेलमंडल वाणिज्य विभाग में एक मामला इन दिनों काफी सुखियों में है. टाटानगर से जुड़े इस मामले की चर्चा में रहने के पीछे विभाग के एक अधिकारी द्वारा निजी खुन्नस में की गयी वह कार्रवाई है जो आला अधिकारियों के आदेश और कनीय कर्मचारियों की अनुशंसा को दरकिनार कर आनन-फानन में रौब दिखाने के लिए कर तो दी गयी पर केस में उलझने की आशंका होने पर दो कदम पीछे हटकर अपनी चूक को नियमों के विपरीत जाकर सुधारा भी गया. अब यह मामला वाणिज्य विभाग में सुखियों में है. मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह मुद्दा राजनीतिक रंग लेते हुए सीनियर डीसीएम से लेकर डीआरएम तक पहुंच चुका है.
दरअसल, घटना टाटानगर सीएफओ के कर्मचारी कार्तिक कुमार शर्मा के तबादले से शुरू हुई. कार्तिक कुमार शर्मा का तबादला टाटानगर बुकिंग केंद्र में किया गया जो हमेशा से कई मामलों को लेकर विवादास्पद रहा है. रेलवे बोर्ड के आदेश् पर संवेदनशील पदों पर तैनात कर्मियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर किये जाने की प्रक्रिया चल रही है. इस दौरान ही 14 मई 2018 को निकाली गयी सूची में कार्तिक शर्मा का तबादला सीएफओ से टाटानगर बुकिंग केंद्र कर दिया गया था. हालांकि लगभग 350 से अधिक किये गये तबादलों में सुविधा के अनुसार कर्मचारियों ने नये स्थानों पर ज्वाइन किया. कई कर्मचारी ऐसे भी है जिन्होंने आज की तिथि में भी नये स्थान पर प्रभार नहीं लिया है. बताया जाता है कि तबादला सूची जारी होने के बाद मई माह से ही टाटानगर के वाणिज्य निरीक्षण (सीआई) द्वारा खास तौर पर कार्तिक कुमार शर्मा पर नये स्थान यानी टाटानगर बुकिंग में ज्वाइन करने के लिए दबाव बनाया जाने लगा था. दबाव से परेशानी होकर कार्तिक शर्मा ने अपनी परेशानियों के हवाला देते हुए सीनियर डीसीएम से गुहार लगायी और उन्हे कुछ समय ले लिया. यह बात वाणिज्य निरीक्षक को नागवार गुजरी हालांकि सीनियर डीसीएम की स्वीकृति के कारण उन्होंने तब चुप्पी साध ली.
एक माह की निर्धारित अवधि बीतते ही वाणिज्य निरीक्षक ने फिर से कार्तिक शर्मा पर बुकिंग केंद्र में ज्वाइन करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया. 14 जून को कार्तिक शर्मा सीएफओ में डयूटी पर थे. इस दौरान सीनियर डीसीएम के आदेश पर लंच आवर के बाद कार्तिक शर्मा ने बुकिंग केंद्र में जाकर प्रभार दे दिया. इससे बेखबर, दोपहर बाद लगभग 2.15 बजे सीएफओ पहुंचे वाणिज्य निरीक्षक (सीआई) ने इंचार्ज आरएस मुंडा से डयूटी रोस्टर मांगा. इंचार्ज आरएस मुंडा ने पूरी स्थिति बतायी और कहां कि कार्तिक शर्मा ने आधे दिन ड्यूटी की है इस अनुशंसा को आपत्ति को दरकिनार करते हुए सीआइ ने डयूटी रोस्टर (मास्टर रॉल) में कार्तिक शर्मा को अपसेंट दर्ज कर दिया.
इधर, दोपहर बाद कार्तिक शर्मा ने बुकिंग में प्रभार देकर रिलाइनिंग शुरू कर दी. इसकी पूरी सूचना विभागीय प्रमुख सीनियर डीसीएम को दी जा चुकी थी और सब कुछ उनकी जानकारी में था. वाणिज्य निरीक्षण द्वारा की गयी कार्रवाई की सूचना मिलने पर कार्तिक कुमार शर्मा ने सीएफओ इंचार्ज आरएस मुंडा के समक्ष नाराजगी जतायी और बताया कि जब उन्होंने सुबह से सीएफओ में डयूटी की तो उनकी हाजिरी कैसे काट दी गयी. सीबीओ के प्रभारी आरएस मुंडा ने स्पष्ट कि किया कि उनके विरोध करने के बावजूद यह कार्रवाई वाणिज्य निरीक्षक (सीआई) द्वारा की गयी है. वाणिज्य निरीक्षक की कार्रवाई का विरेाध करते हुए कार्तिक शर्मा की ओर से पूरी स्थिति की जानकारी सीनियर डीसीएम को दी गयी. इसके बाद कार्तिक शर्मा को बुकिंग में डयूटी करने दिया गया.
सीबीएस के आगे बेबश नजर आये सीआइ
माह के डयूटी रोस्टर भेजे जाने के अंतिम दिनों में कार्तिक शर्मा की ओर उनके पिता और रेलवे मेंस यूनियन के आला पदाधिकारी ने सीनियर डीसीएम के सामने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि रेलवे की दूसरी प्रतिद्वंद्वी यूनियन की ओर से पार्टी बनकर उनके पुत्र के खिलाफ जानबूझकर सीआइ ने यह कार्रवाई की है. जबकि मामले में सब कुछ आपके दिशानिर्देश के अनुसार ही किया गया है. उनके अनुरोध पर सीनियर डीसीएम ने कार्तिक शर्मा के डयूटी रोस्टर में सुधार करने का आदेश दिया. सीनियर डीसीएम के आदेश के बाद बेबश महसूस कर रहे सीआई ने सीएफओ इंचार्ज आरएस मुंडा को कहा कि वह कार्तिक के डयूटी रोस्टर को दुरुस्त कर डयूटी में उपस्थिति दर्शा दे. इस पर सीएफओ इंचार्ज मुंडा ने स्पष्ट कर दिया कि डयूटी रोस्टर (मास्टर रॉल) में कार्तिक शर्मा की अनुपस्थिति आपने दर्शायी है अतएव आपको ही उसमें जरूरी सुधार भी करना होगा, मैं उसमें हाथ तक नहीं लगाउंगा. आरएस मुंडा के जबाव के बाद खुद को मामले में उलझता देखकर सीआइ स्वयं 10 जुलाई 20108 को सीएफओ गये और डयूटी रोस्टर में दर्ज कार्तिक शर्मा को गैरहाजिर करने की अपनी टिप्पणी को ब्लेड से खुरचकर मिटाया और उस पर कार्तिक शर्मा को ऑन डयूटी दर्ज किया. सीआइ ने मास्टर रॉल से छेड़छाड़ की कार्रवाई को नियमों के विपरित किया. जानकारों का कहना है कि नियम के अनुसार मास्टर रॉल में एक बार दर्ज टिप्पणी के साथ छेड़छाड़ करना गलत है. सीआइ को अलग से मेमो जारी जारी यह कार्रवाई करती थी. निजी खुन्नस में रौब दिखाने को कार्तिक शर्मा की हाजिरी काट देने और फिर फंसने पर उसे ब्लेड से मिटाने की घटना की चर्चा पूरे रेल मंडल वाणिज्य विभाग में सुखियों में है.
साढ़े तीन साल से अधिक समय से एक स्थान पर जमे है विवादास्पद अधिकारी
सीआई द्वारा एक कर्मचारी को जानबूझ कर परेशानी करनी की नीयत से उसकी हाजिरी काटे जाने को लेकर चर्चा में आये तथाकथित वाणिज्य निरीक्षक निर्धारित समय अवधि से अधिक समय से टाटानगर में जमे हुए है. रेलवे यूनियन की ओर से यह सवाल डीआरएम और सीनियर डीसीएम की ओर से उठाया गया है. बताया जा रहा है कि सीआइ की टाटानगर में साढ़े तीन साल की अवधि पूरी कर हो चुकी है और संवेदनशील पदों के लिहाजा से उनका तबादला अब तक कर दिया जाना चाहिए था. बावजूद अब तक उन्हें टाटानगर में बनाये रखा गया है. इस मामले को अब यूनियन जोनल जीएम से लेकर रेलवे बोर्ड तक उठाने की तैयारी कर चुकी है. वाणिज्य विभाग में जारी इस खेल में यूनियन के कूद जाने से स्थिति काफी दिलचस्प हो गयी है.
टाटानगर बुकिंग में रोस्टर का खेल, निशाने पर कार्तिक शर्मा
कार्तिक शर्मा प्रकरण में पूरी घटना की जड़ टाटानगर बुकिंग को माना जा रहा है. बताया जाता है कि सीएफओ प्रकरण को लेकर नाराज सीआइ टाटानगर बुकिंग में कार्तिक शर्मा पर अदृश्य नजर रख रहे है. इसके लिए उनके डयूटी आने-जाने के समय से लेकर काम करने तक पर नजर रखी जा रही है. इधर, कार्तिक शर्मा ने टाटानगर बुकिंग ज्वाइन करने के बाद यहां के डयूटी रोस्टर पर सवाल उठाया. डयूटी रोस्टर में कुछ लोगों को मनपसंद डयूटी और जगह पर तैनाती को लेकर उन्होंने पूरा मामला ऊपर उठाने की चेतावनी दी है. यहां के कर्मचारियों का भी कहना है कि टाटानगर बुकिंग के रोस्टर की निष्पक्ष विजिलेंस जांच हो तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने के साथ ही सीबीएस से लेकर सीआइ की इसमें भूमिका खुद सामने आ जायेगी. यही कारण है कि येन्-केन प्रकरेण दबाव डालकर कार्तिक शर्मा का मुंह बंद करने का प्रयास किया जा रहा है. टाटानगर बुकिंग के डयूटी रोस्टर को लेकर सीबीएस पर दबाव को इसी बात से समझा जा सकता है कि पूर्व में यहां कार्य कर चुके सीबीएस नवीन कुमार अबष्ट ने दोबारा टाटानगर पार्सल से बुकिंग केंद्र भेजे जाने पर सीबीएस का प्रभार नहीं संभाला बल्कि कैश में योगदान दे दिया, वर्तमान में उनसे जूनियर संजीव कुमार सीबीएस व डयूटी रोस्टर का काम देख रहे है. देखना है कि आगे यह कहानी क्या रंग लेती है.
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