- रेलवे मेंस यूनियन ने ओबीसी व एएलआरएसए के साथ मिलकर बनायी विरोध की रणनीति
- यूनियनों में बिखराव का फायदा उठाकर प्रबंधन ने टाटा के छह हजार रेलकर्मियों की परेशानी से मुंह मोड़ा
जमशेदपुर से धमेंद्र. चक्रधरपुर मंडल रेल प्रबंधन ने कुछ दिन की चुप्पी के बाद अपनी कार्य योजना को अंजाम देते हुए टाटानगर एपीओ कार्यालय को क्लोज डाउन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. मंडल रेल प्रशासन ने तत्काल आदेश जारी कर एपीओ कार्यालय में तैनात कुल 23 में से 18 कर्मचारियों को तबादला कर दिया है. फौरी तौर पर पांच कर्मचारियों को यहां बनाये रखा गया है. एपीओ कार्यालय के 18 कर्मचारियों का तबादला सीनी व चक्रधरपुर किया गया है. हालांकि रेलवे मेंस यूनियन ने आनन-फानन में बैठक बुलाकर ओबीसी व एएलआरएसए संगठनों के साथ प्रबंधक के इस फैसले का विरोध करने का एलान किया है. 29 अगस्त को एपीओ कार्यालय पर अपराहन 3.30 बजे यूनियन नेता अपना विरोध दर्ज करायेंगे.
दरअसल, रेलमंडल में यूनियनों में आपसी मनमुटाव व बिखराव का फायदा उठाते हुए प्रबंधन ने एपीओ कार्यालय को धीरे-धीरे क्लोज करने की प्रक्रिया शुरू की है. टाटानगर से एपीओ कार्यालय हटाने का निर्णय पुराना है. पूर्व में रेलवे मेंस कांग्रेस, रेलवे मेंस यूनियन समेत अन्य संगठनों ने इसका यह कहकर विरोध जताया था कि प्रबंधन के इस निर्णय से टाटा समेत ब्रांच लाइन स्टेशनों छह हजार से अधिक रेलकर्मी प्रभावित होंगे. इसके बाद रेल प्रबंधन ने अपनी योजना को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया था. एक बार फिर यूनियनों में आपसी ताना-तानी का फायदा उठाते हुए प्रबंधन ने एपीओ कार्यालय को क्लोज करने की गुप्त रणनीति का खुलासा कर दिया है.
टाटानगर में एपीओ कार्यालय 1986 में खोला गया था. मेंस यूनियन कार्यालय मे 28 अगस्त को आयोजित बैठक में ओबीसी एसोसिएशन और ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन ने इस निर्णय का विरोध करने की रणनीति बनायी. इसके तहत 29 अगस्त को 3.30 बजे एपीओ कार्यालय पर यूनियन के नेता व कार्यकर्ता विरोध दर्ज करायेंगे. विरोध को सफल बनाने के लिए कर्मचारियों से संपर्क अभियान भी तेज करने की बात कही गयी है.
मेस यूनियन के केंद्रीय जोनल उपाध्यक्ष शिवाजी शर्मा ने रेल प्रशासन के इरादों को सफल नहीं होने देने की बात कही है. मंडल संयोजक जवाहरलाल ने कहा कि अगर कर्मचारियों का सहयोग मिला तो प्रबंधन के इस निर्णय का कड़ा विरोध किया जायेगा. इसके अलावा ओबीसी के सागर प्रसाद और एएलआरएसए के पारस कुमार ने भी विरोध में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहने की बात कही है.
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