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विजिलेंस के निशाने पर टाटानगर बुकिंग, हर बार मिलती है गड़बड़ी

  • 24 घंटे में तीन बार छापेमारी, दो काउंटर पर मिला कम कैश तो दो पर अधिक
  • कैश आफिस में भी कम था 30 हजार, जांच होती तो खुल जाती सिस्टम की पोली
  • सीकेपी मंडल को नहीं भाया रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी के ईमानदारी का पाठ

जमशेदपुर से धमेंद्र. टाटानगर रेलवे बुकिंग केंद्र इन दिनों विजिलेंस एजेंसियों की निशाने पर है. टिकट के मूल्य से अधिक रुपये वसूली के लिए विजिलेंस की टीम लगातार केंद्र में छापेमारी कर गड़बड़ी करने वालों केा पकड़ने का प्रयास कर रही है. बीते 24 घंटो में विजिेलेंस की अलग-अलग टीमों ने टाटानगर बुकिंग केंद्र में तीन बार छापेमारी कर गड़बड़ी पकड़ी. किसी काउंटर पर कैश अधिक मिला तो किसी काउंटर पर कम. दोनों की स्थिति में काउंटर कर्मचारी की जवाबदेही को लेकर विजिलेंस ने सवाल उठाये और रिपोर्ट बनाकर टीम ले गयी. विजिलेंस टीम अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को देगी, जहां से बुकिंग केंद्र के कर्मचारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए रिपोर्ट चक्रधरपुर मंडल मुख्यालय को भेजी जायेगी.

रेलवे बोर्ड के नियंत्रण वाली पांच सदस्यीय विजिलेंस/सीटीसी टीम ने 5 सितंबर की दोपहर में टाटानगर बुकिंग केंद्र में छापेमारी की थी. इसमें काउंटर नंबर छह और सात की जांच की गयी. इसमें काउंटर पर अधिक कैश पाया गया था. इस घटना के ठीक दूसरे दिन सुबह विजिलेंस की टीम ने दूसरी बार टाटा नगर बुकिंग केंद्र पर धावा बोला. बताया जाता है कि टीम ने दो काउंटर पर जांच की इसमें एक काउंटर पर 20 रुपये कैश कम पाया गया. जबकि दूसरे काउंटर पर कैश की स्थिति सही थी. टीम ने दोनों केस को दर्ज किया और कैश कम पाये जाने पर काउंटर क्लर्क से पूछताछ की. टीम ने स्पष्ट किया कि इसके लिए कर्मचारी को चार्जशीट किया जायेगा. सुबह की छापेमारी से रेलकर्मियों को राहत मिली भी नहीं थी कि शाम को विजिलेंस टीम ने फिर से केंद्र में धावा बोल दिया. इस बार भी दो काउंटर पर गड़बड़ी पायी गयी. वर्तमान में टाटानगर बुकिंग में आरक्षण व बुकिंग दोनों का संचालन किया जा रहा है. इस तरह विजिलेंस के निशान पर यह केंद्र अधिक आ गया है.

सही जांच का इंतजार, सिस्टम हो जायेगा तार-तार

टाटानगर बुकिेंग में घालमेल का खेल नया नहीं है. यहां डयूटी रोस्टर में भेदभाव से लेकर यात्रियों से अधिक वसूली आम बात है. दर्जनों बार शिकायत और जांच हो चुकी है लेकिन घटना के 24 घंटे बाद ही स्थिति पुरानी हो जाती है. इसके लिए जानकार सीधे तौर पर सीबीएस, स्थानीय सीआइ से लेकर मंडल के आला अधिकारियों को जिम्मेदार ठहरा रहे है जो सब कुछ जानते हुए भी इसे रोकने के लिए जरूरी पहल नहीं करते है. कुल मिलाकर कहा जा रहा है कि चक्रधरपुर रेलमंडल के आला अधिकारियों को रेलवे बोर्ड चेयरमैन अश्विनी लोहानी के ईमानदारी का पाठ नहीं भा रहा है. शायद यही कारण है कि टाटानगर में अवैध गतिविधियों को शह दी जा रही है जिसका खुलासा हर बार यात्रियों की शिकायत व विजिलेंस जांच से सामने आता है. बताया जाता है कि जिस दिन रेलवे विजिलेंस ने टाटानगर बुकिंग् में छापेमारी की, उस दिन कैश आफिस में भी 30 हजार रुपये शॉट थे. विजिलेंस छापेमारी के दौरान ही एक कर्मचारी ने आनन-फानन में अपने एटीएम से रुपये निकालकर कैश की कमी को पूरा किया. यह महज संयोग था कि विजिलेंस अधिकारियों ने कैश आफिस का रूख नहीं किया, वरना कैश के कर्मचारियों की भी पतलून गीली होनी तय थी.

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