JAMSHEDPUR. टानगर के सभी रेलवे कॉलोनियों में कई दिनों से गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है. यहां खरकई नदी से जलापूर्ति की जाती है जिसके पानी का फिल्टेशन रेलवे कालोनी में स्थित फिल्टर हाउस में होता है. रेलकर्मी लगातार इस बात की शिकायत कर रहे थे कि आपूर्ति किया जा रहा पानी काफी गंदा और मटमैला जिसका उपयोग पीने को छोड़ दो नहाने के लिए भी नहीं किया जा सकता.
यह क्रम लगातार 20 दिनों से जारी है. कहा जा रहा है कि टाटानगर की रेल कालोनियों में नदी का बरसाती दूषित पानी की आपूर्ति कर दी जा रही है. इसकी शिकायत सहायक अभियंता और दूसरे अधिकारियों से की गयी है लेकिन अब तक उसका समाधान नहीं हो सका है. आलम यह है कि अब इस पानी से नहाने से खुजली और अन्य चर्म रोग की शिकायत आने लगी है. पूरे मामले में रेल प्रशासन का ऊपरी अमला मौन है.
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पानी पीला है और इसमें से दुर्गंध भी आ रही है. स्वतंत्र रेलवे बहुजन कर्मचारी यूनियन/SRBKU के जोनल सदस्य और शाखा सचिव निकसन कुमार ने इस मामले को टाटानगर सहायक अभियंता वन के सामने उठाया है और कहा कि यह क्रम जारी रहा तो रेलकर्मियों के कड़े विरोध का सामना रेल प्रशासन को करना पड़ेगा. यह रेलकर्मियों और उनके परिवार के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है. स्वास्थ्य मानक अनुरूप ,साफ स्वच्छ जल आपूर्ति के लिए रेलकर्मी परिवारों के साथ विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.
ADEN/TATA राजेश कुमार वर्मा ने इस मामले में विलंब से ही सही लेकिन चुप्पी तोड़ी है. व्हाट्सएप पर भेजे गये शिकायत पत्र परउन्होंने मंतव्य दिया है कि गंदे पानी की आपूर्ति के समाधान के लिए प्रयास किये जा रहे हैं और जल्द ही यह समस्या दूर हो जायेगी. SRBKU के शाखा सचिव निकसन कुमार ने रेलहंट को भेजे पत्र में बताया कि अगर यही स्थिति बनी रही तो रेलकर्मियों को साफ पानी के लिए आंदाेलन का सहारा लेना पड़ सकता है.