जमशेदपुर : टाटानगर एपीओ को हस्तांतरित करने की योजना को अमलीजामा पहनाते हुए रेल प्रबंधन ने सोमवार को तबादला सूची वाले 18 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से रिलीज करने का आदेश जारी कर दिया है. सीनियर डीपीओ ने टाटानगर एपीओ को आदेश दियाा कि तबादला सूची वाले सभी रेल कर्मियों को मंगलवार द्वितीय पाली के बाद हर हाल में रिलीज कर दिया जाए. हालांकि गोपनीय रूप से जारी किया गया यह आदेश लीक हो गया और आनन-फानन में योजनाबद्ध तरीके से रेलवे मेंस यूनियन के नेता सहयोगी संगठन के नेताओं के साथ मंगलवार की सुबह एपीओ कार्यालय पर जमा हो गए. एक वार मेंस यूनियन के बैनर तले संयुक्त मोर्चा ने टाटानगर एपीओ के स्थानरण के खिलाफ शांति पूर्वक धरना प्रदर्शन किया. धरना प्रदर्शन में आदित्यपुर और टाटा के तमाम रेल कर्मचारियों ने एकजुट होकर हिस्सा लिया. यूनियन के कड़े विरोध के बाद रेल प्रबंधन में रिलीज़ आर्डर को लेकर चुप्पी साध ली और इस तरह मंगलवार को प्रस्तावित तबादला रिलीज आदेश पढ़ता मिला नहीं किया जा सका.
मेंस यूनियन के केंद्रीय उपाध्यक्ष शिवजी शर्मा तथा मंडल संयोजक जवाहरलाल ने कहा की हमे हर समय तैयार रहना है हमे आगे के रेलवे प्रशासन के हर कदम को ध्यान में रखते हुए अपना तैयारी करनी होगी. मौके पर मौजूद पारस कुमार, सागर प्रसाद और एनएन सिंह ने कहा की हमलोग इस लड़ाई के लिए हर वक्त तैयार है. प्रदर्शन में एके सिंह, गोपाल कर, बाबू राव, आनंद प्रसाद आदि मौजूद थे टाटा नगर डिपो केेे स्थानांतरण की लड़ाई में रेलवे मजदूर संघ सक्रिय हो गया है. मजदूर संघ केे नेता अभिमन्यु सिंह मौके पर कहांं की संघ रेलकर्मियों के हित से जुड़े इस जंग में यूनियन के साथ है और लड़ाई को अंतिम मुकाम तक पहुंचाया जाएगा. इस मौके पर मजदूर संघ के वॉइ शुक्ला ने कहा कि टाटानगर एपीओ को हस्तांतरित करने का मामला काफी गंभीर है इससे 4000 से अधिक रेलकर्मी प्रभावित होंगे इसके बावजूद रेलवे ने बिना यूनियन से बात किए एक तरफा निर्णय लेकर मनमानी की है.
रेलवे मेंस यूनियन नेताओं के साथ अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं नेताओं की मौजूदगी को लेकर रेलवे अधिकारियों ने तबादला सूची वाले कर्मचारियों को रिलीज करने के आदेश पर अभी चुप्पी साध ली है. यूनियन नेताओं का कहना है की रेल प्रबंधन टाटानगर एपीओ को बंद करने को लेकर काफी बेचैन है अधिकारियों की बेचैनी इस बात से समझी जा सकती है की अब तक सभी आदेश गोपनीय रूप से जारी किए गए और चुपचाप उनको अमलीजामा पहनाने का प्रयास किया गया. रेलवे नेताओं का आरोप है कि पूर्व के सीनियर डीपीओ ने आनन फानन में अपनी पीठ थपथपाने के लिए कई पोस्ट सरेंडर करा दिया. नतीजा यह हुआ की चक्रधरपुर कार्मिक कार्यालय में कर्मचारियों की बड़ी कमी हो गई. यहां का काम इस कारण प्रभावित हो रहा है और अब टाटानगर एपीओ को बंद कर यहां से कर्मचारी रेल प्रबंधन वहां ले जाना चाहता है ताकि किसी तरह काम चलाया जा सके. इसके लिए तकनीकी तर्क दिए जा रहे हैं जो हकीकत की जमीन पर कहीं नहीं ठहरते. टाटानगर एपीओ को स्थानांतरित करने का सीधा प्रभाव यहां के 4000 से अधिक ऑन ड्यूटी रेलकर्मी के अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर पड़ेगा
रेलवे मेंस यूनियन नेताओं ने टाटानगर एपीओ कार्यालय के मामले को लेकर मुख्य कार्मिक अधिकारी से मिलने का प्लान बनाया है. यह मुलाकात शुक्रवार को प्रस्तावित है. रेलवे नेताओं का करना है कि सीपीओ से वार्ता होने तक मंडल रेल प्रशासन अपने निर्णय पर चुप्पी साधे रहे हालांकि यूनियन नेता यह मानकर चल रहे हैं की मंडल रेल प्रशासन आनन फानन में चौंकाने वाला फैसला ले सकता है जो रेलकर्मियों के हित में नहीं होगा.