- पांशकुड़ा – हल्दिया दीघा दक्षिण पूर्व रेलवे पेसेजंर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने रखी समस्याएं
- तमलुक : यात्रियों की समस्याओं पर हुआ गहन मंथन, रेलवे को स्थिति में सुधार के लिए दिया समय-चेतावनी
KHARAGPUR: दक्षिण पूर्व रेलवे खड़गपुर रेल मंडल अंतर्गत तमलुक स्टेशन परिसर में पांशकुड़ा – हल्दिया दीघा दक्षिण पूर्व रेलवे पेसेजंर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने विभिन्न संगठनों और आम यात्रियों के साथ बैठक का आयोजन किया. बैठक में एसोसिएशन के कई सदस्य एवं इकाई के अधिकांश पदाधिकारी प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित थे. कई दैनिक यात्री विभिन्न क्षेत्रों से शामिल हुए हैं, कुछ संतरागाछी से, कुछ तमलुक से और कुछ काकतिया से. इसके अलावा ओड़िशा के बारीपदा से नीलकंठ महतो, झाड़ग्राम से झाड़ग्राम डेली पैसेंजर एसोसिएशन के सचिव सौगत महतो, मेदिनीपुर से खड़गपुर – मेदिनीपुर डेली पैसेंजर एसोसिएशन के सचिव जॉय दत्ता, वस्तुतः पांशकुड़ा से मौसमी दास, दीघा से राजर्षि साहू, बसुलिया सुताहाटा से अशोक कुमार दास, और विभिन्न स्थानों से लगभग 15 से 20 लोग शामिल थे.
कई लोगों ने कहा कि वे तकनीकी समस्याओं के कारण शामिल नहीं हो सके, लेकिन वहां मोबाइल टावरों की कुछ समस्याओं के कारण गूगल मीट सफल नहीं हो सका. गूगल मीट से वर्चुअली करीब 15 से 20 लोग जुड़े. गूगल मीट से जुड़ने वालों में कौशिक कर, अशोक कर, अजय बेरा, सुभदीप बेरा, गौतम राव, अरुण कुमार बेरा, विकास सामंत, राजकुमार माईती- संतरागाछी, मनोरंजन महतो, तन्मय कर-. कांथी, सुदीप किला, चंदन बेरा, नागेंद्र बाबू, सुभाष दास अधिकारी, अमर्त्य बेरा, सुशील डे, भावेश अधिकारी, मलय कुमार बेरा, दीपक कुमार पंडा, गोकुल चंद्र माईती और प्रदीप माईती. इनमें तमलुक के कई दैनिक यात्री भी शामिल हैं.
उड़ीसा से नीलकंठ महतो, झाड़ग्राम से सौगत महतो, मेदिनीपुर से जॉय दत्ता और बसुलिया सुताहाटा से अशोक कुमार दास ने वर्चुअली वक्तव्य रखा. भाषण में सभी ने रेलवे सेवाओं से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर प्रकाश डाला, कमी की शिकायतें उठाईं . हर कोई लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनों के समय सारिणी का पालन न करने के मौजूदा ज्वलंत मुद्दे पर प्रकाश डाला . व्यक्तिगत रूप से उपस्थित सभी लोग एक वाक्य में इस बात से सहमत थे कि लोकल ट्रेन टाइम टेबल का पालन न करने के कारण यात्रियों को बड़े पैमाने पर उत्पीड़न और नुकसान का सामना करना पड़ रहा है और यात्री सुरक्षा पर भी सवाल उठाया जा रहा है.
रेलवे अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद वे समस्या का समाधान करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं I इसलिए सभी की एक ही आवाज है कि रेल रोको का आह्वान किया जाए. सभी की बातों को ध्यान से सुनने के बाद एसोसिएशन की ओर से बयान था कि इतनी जल्दबाजी में रेल चक्का जाम करना ठीक नहीं होगा. उससे पहले रेलवे अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए या तो किसी अन्य विरोध स्थल के माध्यम से एक प्रतिनिधिमंडल या ज्ञापन दिया जाना चाहिए. सर्वसम्मत चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि हम इस समय रेल नाकाबंदी का आह्वान नहीं करना चाहते हैं. रेलवे अधिकारियों को कुछ और समय देना चाहिए .’ क्योंकि रेलवे जाम कर यात्रियों को परेशान और रेलवे को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते. साथ ही सभी के भाषण को संयुक्त ज्ञापन एवं विरोध पत्र के माध्यम से भावी कार्यक्रम का संदेश देना चाहिए.