- ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंनटेनर यूनियन ने उठायी मांग, भेजा मंत्री को पत्र
- पीडब्ल्यूआइ और सीपीडब्ल्यूआइ पर मानसिक प्रताड़ना का लग रहा आरोप
मृतक ट्रैकमैन बबलू मंडल
नई दिल्ली. मध्य रेलवे के सोलापुर मंडल अंतर्गत दौंड-अहमदनगर खंड के वांबोरी रेलवे स्टेशन पर ट्रैकमैन बबलू कुमार नामक की आत्महत्या ने रेलवे की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिये है. 15 अगस्त को ट्रैकमैन बबलू ने ट्रेन आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी. बताया गया था कि बबलू ने कार्य स्थल पर प्रताड़ना से परेशान होकर यह कदम उठाया है. उसने 14 अगस्त को भी आत्महत्या का प्रयास किया था तब आरपीएफ के एक जवान और साथी ट्रैकमैनों ने उसे बचा लिया था.
ट्रैकमैन बबलू कुमार द्वारा 14 अगस्त को किये गये आत्महत्या के प्रयास को एक अन्य ट्रैकमैन रवीश कुमार ने चेयरमैन, रेलवे बोर्ड (सीआरबी) अश्वनी लोहानी को उनके व्हाट्सएप पर दी थी. चेयरमैन के निर्देश और रेलवे बोर्ड की पहल पर डीआरएम, सोलापुर ने तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. 15 अगस्त की सुबह 11 बजे डीआरएम ने बबलू को प्रताड़ित किये जाने के मामले में संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. इसमें बबलू कुमार सहित सेक्शन एसएसई और इंचार्ज एसएसई/पी-वे को भी बुलाया गया था, ताकि आमने-सामने बातचीत से समस्या का समाधान निकाला जा सके. हालांकि बैठक से पूर्व ही बबलू ने वांबोरी रेलवे स्टेशन से गुजर रही एक ट्रेन के सामने कूदकर सुबह करीब 9 बजे आत्महत्या कर ली.
ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर यूनियन के राष्ट्रीय संगठन महासचिव अभय सिंह मीना ने ट्रैक मैन की मौत के जिम्मेदारी कर्मचारी व अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल रेल प्रबंधक को भेजे पत्र में अभय सिंह मीना ने कहा है कि बबलू मंडल द्वारा सोशल मीडिया पर जारी वीडियों के आधार पर पीडब्ल्यूआइ अजय कुमार राणा और सीपीडब्ल्यूआई धमेंद्र कुमार पर प्रताड़ना की बात सामने आयी है. इसमें उनसे दो दिन में आत्महत्या करने की बात कही थी.
संगठन की ओर से अभय सिंह मीना ने यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि ट्रैकमैन को पास-पीटीआ जैसे सुविधा कार्यस्थल पर ही उपलब्ध करायी जाये. उनका प्रमोशन समय पर मिले और उनके साथ अच्छा बर्ताव किया जाये. उनकी समस्याओं के लिए सभी मंडल में एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाये. संगठन ने जबलपुर मंडल के सागर में तैनात टै्कमैन हेमंत राठौर को सेवामुक्त करने के मामले की जांच भी मांग की है. अभय सिंह मीना ने अपनी मांगों से रेलमंत्री, चेयरमैन, जीएम पश्चिम मध्य रेलवे और मुख्य इंजीनियर को भी अवगत कराया है.