RAIPUR. रेलवे में महिला रेलकर्मियों के आत्महत्या करने का सिलसिला थम नहीं रहा है. 15 दिनों के अंतराल पर तीन महिला रेलकर्मियों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. तीनों की आत्महत्या करने के कारण अलग-अलग हो सकते है लेकिन तीनों केस में मानसिक दबाव नहीं झेल पाना बड़ा कारण बना हुआ है. बिलासपुर में दो दिन पूर्व महिला कॉमर्शियल इंस्पेक्टर 37 साल की विनीता साहनी ने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था. 15 दिनों में रेलवे में किसी महिला कर्मचारी की यह तीसरी मौत है. इससे पहले बरेली में महिला रेलकर्मी व शहडोल में महिला लोको पायलट आरती सनोरिया आत्महत्या कर चुकी हैं.
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में महिला कॉमर्शियल इंस्पेक्टर 37 साल की विनीता साहनी की मौत के मामले में सीनियर डीसीएम विकास कश्यप प्रताड़ना के आरोपों से घिर गये हैं. हालांकि उन्होंने मीडिया को दिये गये बयान में साफ कहा कि विनिता बहादुर महिला थीं. वह बेटी की तबीयत को लेकर परेशान थीं. आवश्यकता अनुसार उन्हें अवकाश व दूसरी सहूलियतें भी प्रदान की जाती थीं. कुछ लोग उनके सख्त स्वभाव के कारण झूठे आरोप लगे हैं लेकिन जांच में सच सामने आ जायेगा.
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विनीता साहनी तोरवा थाना क्षेत्र के एनी कॉलोनी में रहती थी. उनकी पोस्टिंग दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जोन मुख्यालय बिलासपुर में थी. वह पति ओब्राहम हेल और आठ साल की बेटी के साथ रहती थीं. पति हेमूनगर में जिम ट्रेनर हैं. शनिवार 6 अप्रैल को विनीता ने दोपहर ढाई बजे फांसी लगा ली. सूचना मिलते ही मायके वाले दिल्ली से वहां पहुंचे. विनीता की शादी 10 साल पहले हुई थी. उनकी आठ साल की बेटी है. विनीता साहनी उत्तर प्रदेश की रहने वाली थीं. उन्हें स्पोर्ट्स कोटे में कमर्शियल क्लर्क की नौकरी मिली थी. पांच साल पहले ही उनका प्रोमोशन कर्मशियल टैक्स इंस्पेक्टर में हुआ था. विनीता यूनियन की पदाधिकारी भी थीं.