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ढाई साल में एसएंडटी के 35 कर्मियों की डयूटी पर मौत, रेलमंत्री ने मांगी रिपोर्ट

  • एसएनटी यूनियन के सुरक्षा और संरक्षण अभियान ने पूरा किया निर्णायक पड़ाव, संरक्षा मार्गदर्शक पुस्तिका का अनावरण

नई दिल्ली. सिग्नल एंड टेलीकम्युनिकेशन विभाग के लगभग 35 कर्मचारियों की मौत ढ़ाई साल के दौरान ऑन डयूटी रन ओवर या अन्य कारणों से हो चुकी है. यह मामला ऑल इंडिया रेलवे सिग्नल एंड टेलीकम्युनिकेशन मेंटेनर्स यूनियन ने बीते दिनों रेल मंत्री पियूष गोयल से मुलाकात में उठाया. यूनियन की मांग पर तत्काल पहल करते हुए रेलमंत्री ने ऐसी मौतों को लेकर सभी जीएम से रिपोर्ट मांगी है. यूनियन के अनुसार कार्य के दौरान रनओवर व अन्य कारणों से हो रही मौतों की संख्या से यह साफ है कि कर्मचारी मानसिक दबाव में है.

इससे पहले इंडियन रेलवे सिगनल एंड टेलीकम्युनिकेशन मेंटेनर्स यूनियन ने संरक्षा और सुरक्षा अभियान चलाकर कर्मचारियों को जागरूक किया. अभियान की शुरुआत राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन कुमार ने 21 नवंबर को अहमदाबाद से साबरमती एक्सप्रेस में शुरू की जो 30 नवंबर को खत्म हुई. अभियान के विभिन्न पड़ाव में 24 नवंबर को समस्तीपुर रेल मंडल में आयोजित संरक्षा सेमिनार में सीनियर डीएसटी और लोजपा की महिला प्रदेश अध्यक्ष शामिल भी शामिल हुई जिन्होंने कर्मचारियों की समस्याओं को समझा. सेमिनार में संरक्षा मार्गदर्शक पुस्तिका का विमोचन किया गया, इस पुस्तिका में सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग की गतिविधियां और जानकारी सहेजी गयी है.

अभियान के दौरान 25 नवंबर को दिल्ली में मेंटेनर यूनियन की राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी भी रामलीला मैदान में पुरानी पेंशन स्कीम बहाली को लेकर आयोजित आंदोलन का हिस्सा बने. इसी क्रम में 27 नवंबर को रेलमंत्री पीयूष गोयल से मिलकर यूनियन ने अपनी बात रखी. की ओर से रेलमंत्री को बताया गया की मात्र ढाई साल में ही सिग्नल व कम्युनिेकेशन के 35 कर्मियों की मौत रनओवर या अन्य दुर्घटनाओं में हो चुकी है. कार्य के दबाव में कर्मचारी आत्महत्या तक कर चुके हैं. इसे गंभीरता से लेते हुए रेलमंत्री ने सभी जोनों से तीन साल में मरने वाले सिगनल एंड टेक्निकल कर्मचारियों की सूची मंगायी है.

28 नवंबर को गाजियाबाद के एसटीटीसी में सेफ्टी कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इसके बाद यूनियन के नेताओं ने विभिन्न सांसदों से मिलकर अपनी बात रखी और मांगों को पूरा करने के लिए रणनीति बनायी. अभियान के क्रम में ही 29 नवंबर को यूनियन का प्रतिनिधिमंडल डायरेक्टर जनरल ऑफ सिगनल एंड टेलीकम्युनिकेशन से मिला और उन्हें कर्मचारियों के ड्रेस कोड में बदलाव के आदेश पर आभार जताया. डीजी ने यूनियन को बताया की रिस्क अलाउंस भुगतान के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. 5 साल के अंतराल में रिफ्रेशर कोर्स को अनिवार्य किये जाने पर यूनियन डीजी का आभार जताया. डीजी के सामने यूनियन ने कर्मचारियों की समस्याओं को संरक्षा उपकरणों से जुड़ी समस्याओं को रखा. यूनियन ने स्टेशन मास्टर के लिए जीएंडएसआर नियम का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया.

30 नवंबर को यात्रा के अंतिम पड़ाव में धनबाद मंडल के गोमो स्टेशन पर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन कुमार का साथियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. अभियान को सफल बनाने में अध्यक्ष नवीन कुमार के साथ महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महबूब संधि, सीडब्ल्यूसी सदस्य कल्पेश पर्वतीय, रेवती रमण, राघवेंद्र नारायण, सुरेश गोहिल आदि का सक्रिय योगदान रहा.

संरक्षा मार्गदर्शक पत्रिका का प्रारूप

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