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मर्जिंग के विरोध में उतरे स्टेशन मास्टरों ने कहा, हम पहले से कर रहे मल्टी स्केलिंग कार्य

  • काला रिबन लगाकर जताया विरोध, फ्रिज डीए के साथ मांगा 50 लाख का बीमा कवर
  • स्टेशन मास्टरों का देशव्यापी विरोध, मास्टर्स फॉर नेशन के सिद्धांत पर चलने का आह्वान

रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली

कोरोना काल में रेलवे को रफ्तार देने में अहम भूमिका निभाने वाले स्टेशन मास्टरों ने मल्टी स्केलिंग के नाम सरकार द्वारा थोपी जा रही मर्जर प्रक्रिया का खुलकर विरोध किया है. स्टेशन मास्टरों का तर्क है कि वह पहले से मल्टी स्केलिंग कार्य कर रहे हैं. ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन की केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर 2 जून से ही स्टेशन मास्टर विरोध प्रदर्शन कर है. 2 जून से 15 जून तक प्रधानमंत्री के नाम पोस्टकार्ड भेजने के अभियान के बाद 13 जून की सुबह 6 बजे से 15 जून की शाम 18.00 बजे तक स्टेशन मास्टरों ने काली पट्टी लगाकर ड्यूटी की और सरकार का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कराने का प्रयास किया. इस क्रम में उपवास कर स्टेशन मास्टरों ने ड्यूटी की.

स्टेशन मास्टरों के केंद्रीय एसोसिएशन ने पांच सूत्री मांग सरकार व रेलवे बोर्ड के सामने रखी है. इसमें फ्रिज डीए को जारी करना, स्टेशन मास्टरों को भी 50 लाख का बीमा कवर देना, स्टेशन मास्टर कैडर के निम्न स्तरीय पदों में मर्जर का विरोध, श्रमिक नियमों में अनावश्यक संशोधन को बंद करना और स्टेशन मास्टर का एसएनटी के साथ मर्जर रोकना शामिल है. स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ने स्टेशन मास्टर की मर्जिंग को सेफ्टी के लिए घातक बताते हुए इसे अलग रखने का समर्थन किया है. स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उसका यही रुख रहा तो आने वाले समय में स्टेशन मास्टर एसोसिएशन देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए तैयार रहेगा. एसोसिएशन ने एस्मा फॉर मास्टर्स और मास्टर्स फॉन नेशन के सिद्धांत की दुहाई दी है.

यह भी पढ़ें : स्टेशन मास्टरों का डिमांड डे शुरू, आधी रात से प्रोटेस्ट बैच लगाकर जतायी एकजुटता

स्टेशन मास्टरों का कहना है कि कोरोना के संक्रमण के बीच उन्होंने ट्रेनों की रफ्तार बनाये रखी है. इसके अन्य विभागों का भी सहयोग जरूरी है लेकिन उनकी भूमिका को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है. सरकार उनकी मांगों पर तत्काल पहल करें और ऐसी स्थिति आने से रोके ताकि रेलवे की सेफ्टी भी बरकरार रह सके. डब्ल्यू सी आर के जोनल अध्यक्ष हेमराज मीणा ने बयान जारी कर सरकार से निर्णय पर पुर्नविचार करने की अपील की है. वहीं दूसरी ओर एससीआर के गुंतकल मंडल यादगीर ब्रांच में भी स्टेशन मास्टरों ने काली पट्टी लगाकर विरोध दर्ज कराया है. इसमें आइस्मा के यादगीर ब्रांच सचिव संतोष कुमार पासवान, डिविजनल सचिव अशोक कुमार, डिप्टी एसएस ओम प्रकाश, दिलीप कुमार समेत सभी स्टेशन मास्टर विरोध प्रदर्शन में शामिन रहे.

यह भी पढ़ें : रेलवे का प्रतिनिधित्व करते हैं स्टेशन मास्टर : रेल राज्य मंत्री

कैमरे की नजर में स्टेशन मास्टरों का विरोध (गुंतकल मंडल यादगीर ब्रांच)


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