- ड्यूटी पर सो गये स्टेशन मास्टर, सिग्नल के इंतजार में खड़ी रही कोटा एक्सप्रेस
NEW DELHI. रेलवे में संरक्षा की एक छोटी से चूक बड़े हादसे का कारण बन जाती है. हालांकि तकनीकी के कारण अब इसमें गुंजाइश कम रह गयी है लेकिन फिर भी रेलकर्मियों की लापरवाही का खामियाजा यात्रियों को भुगतान पड़ता है. तीन मई को इटावा के पास उदी मोड रोड स्टेशन पर स्टेशन मास्टर को झपकी लग जाने पटना-एक्सप्रेस के चालक को सिग्नल क्लीयर नहीं मिला और ट्रेन आधे घंटे तक स्टेशन पर खड़ी रह गयी. चालक की रिपोर्ट पर रेल प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है. स्टेशन मास्टर को शो-कॉज भी किया गया है.
मीडिया को दी गयी जानकारी में आगरा डिवीजन की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया है कि इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. उदी मोड रोड इटावा से पहले छोटा स्टेशन है. यहां से होकर आगरा के साथ-साथ झांसी से भी प्रयागराज की ओर जाने वाली ट्रेनें गुजरती हैं.
यहां जब पटना-कोटा एक्सप्रेस के चालक को पासिंग सिग्नल नहीं मिला तो उसने ट्रेन खड़ी कर दी. इसके बाद उसने कई बार हॉन बनाया ताकि उसे पासिंग सिग्नल ग्रीन मिले और वह आगे बढ़ सके. इसके बाद स्टेशन मास्टर से सिग्नल देकर ट्रेन को आगे की ओर रवाना किया. रेलवे सूत्रों के अनुसार स्टेशन मास्टर ने चूक मान ली है. वह स्टेशन पर अकेले ड्यूटी पर थे और पॉइंट्समैन ट्रैक निरीक्षण को गया था. इस दौरान उसे झपकी आ गयी.
मालूम हो कि अक्सर ऐसी घटनाएं घटती रही है जब सिग्नल नहीं मिलने के कारण ट्रेनें घंटों खड़ी रही. कुछ साल पहले मुरादाबाद मंडल में मुरशदपुर में स्टेशन मास्टर के डयूटी पर शराब पीकर सो जाने से सिग्नल क्लीयर नहीं मिलने के कारण दर्जनों ट्रेनें जहां-तहां खड़ी हो गयी थी. हालांकि रेल प्रशासन ने इस मामले में एसएम को निलंबित कर दिया था.
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