नई दिल्ली. इंडियन रेलवे सिग्नल एवं टेलीकॉम मेंटेनर्स युनियन (IRSTMU) के बैनर तले S&T कर्मचारियों ने 31 अक्टूबर शनिवार को काला दिवस मनाया. कर्मचारियों ने S&T विभाग में भारतीय रेलवे के प्रत्येक एस एस ई युनिट में नाईट फेलियर गैंग की स्थापना, नाईट ड्यूटी अलाउंस की सीलिंग हटाने तथा 01.07.2017 से नाईट ड्यूटी अलाउंस की रिकवरी का आदेश वापस लेने की मांग को लेकर देश भर में प्रदर्शन किया. इस दौरान सरकार के गलत नीतियों का विरोध काला रिबन लगा कर तथा 24 घंटे का उपवास करके किया गया.
IRSTMU के अध्यक्ष नवीन कुमार ने बताया कि सिग्नल और टेलीकॉम विभाग के कर्मचारियों की हालत बहुत खराब है जो दिन में पूरे दिन मेहनत करता है रात को उसे ही कोई फेलियर होने पर जाना पड़ता है. भारतीय रेलवे में नाईट फेलियर गैंग की अभी तक स्थापना नहीं की गई है जबकि रेलवे बोर्ड ने दिनांक 27.12.2019 को एक पत्र PC-VII/2019/R-O/1 जारी कर DRM तथा GM को नाईट फेलियर गैंग की स्थापना के लिए पोस्ट क्रिएट करने के आदेश दे दिए थे, बावजूद इसके अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इसलिए कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है जो आज काला दिवस के रूप में दिख रहा है.
S&T : नाईट फेलियर गैंग की स्थापना एवं नाईट ड्यूटी अलाउंस को लेकर उपवास व काला दिवस आज
गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड ने अभी हाल ही में दिनांक 29.09.2020 को एक मेमोरेंडम आरबीई 83/2020 जारी कर दी है जिसमें उन सभी रेल कर्मचारियों की नाईट अलाउंस पर रोक लगा दी गई है जिनकी बेसिक 43600/- के ऊपर है. यही नहीं 1 जुलाई, 2017 से दिये गए नाईट अलाउंस की रिकवरी के भी आदेश दिए जा रहे हैं. कर्मचारियों में असंतोष की वजह इस प्रकार के तुगलकी आदेश के कारण ही है. IRSTMU के महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश का कहना है कि नाईट ड्यूटी में जो भी कर्मचारी काम करते हैं वो सभी संरक्षा श्रेणी में आते हैं जो ट्रेन के संचालन से सीधे जुड़े हैं और नाईट ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. ऐसे में नाईट अलाउंस नहीं देना कर्मचारियों के साथ अन्याय है.