- रेलवे में नाइट अलाउंस में वेतनमान की सीलिंग लगाने का विरोध शुरू, स्टेशन मास्टर भी आंदोलित
- 15 को मोमबत्ती जलाकर और 20 अक्टूबर से काली पट्टी बांधकर सप्ताह भर विरोध दर्ज करायेंगे
- नाइड फ्लेयोर गैंग के लिए 31 अक्टूबर को देशव्यापी आंदोलन करेगा एसएंडटी मेंटेनर्स यूनियन
नई दिल्ली. रेलवे में नाइट ड्यूटी अलाउंस की सीमा तय करने का बड़े स्तर पर विरोध शुरू हो गया है. स्टेशन मास्टरों के बाद सिग्नल एंड टेलीकम्यूनिकेशन विभाग के कर्मियों ने भी इसके खिलाफ आवाज बुलंद की है. इंडियन रेलवे सिग्नल एंड टेलीकम्युनिकेशन मेंटेनर्स यूनियन ने अपनीनाईट ड्यूटी फेलियर गैंग की लंबित मांग को लेकर आवाज बुलंद करते हुए 31 अक्टूबर को देशव्यापी आंदोलन के तहत ब्लैक डे मनाने और 24 घंटे का भूख हड़ताल करने की घोषणा की है. इससे पहले ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन नाइट डयूटी अलाउंस में 43,600 वेतनमान का सीलिंग लगाने के विरोध में 15 अक्टूबर को मोमबत्ती जलाकर विरोध दर्ज कराने और 20 अक्टूबर से विरोध सप्ताह मनाने की घोषणा कर चुका है.
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रेलमंत्री को भेजे गये अपने पत्र में यूनियन के महामंत्री आलोक चंद्र प्रकाश ने बताया है कि हर साल 24 एसएंडटी कर्मियों की रनओवर अथवा दूसरे कारणों से ड्यूटी के दौरान मौत हो जाती है. रेलवे बोर्ड ने भी अपनी रिकॉर्ड में यह माना है कि अप्रैल 15 से जून 2019 के बीच 54 एसएंडटी कर्मचारियों की मौत ड्यूटी के दौरान हुई है.
इंडियन रेलवे सिग्नल एंड टेलीकम्युनिकेशन मेंटेनर्स यूनियन की पहल पर रेलवे बोर्ड ने दिसंबर 2019 में नाईट ड्यूटी फेलियर गैंग पर सहमति जताते हुए उसकी स्थापना की जरूरी प्रक्रिया पूरी करने का आदेश जीएम और डीआरएम को दिया था. इसके बाद जून 2020 में हुई वार्ता के आधार पर सभी जोन में वर्तमान नाइट फ्लेयोर गैंग वर्तमान मैनपावर के अनुसार बनाने का आदेश दिया गया. इसके लिए मेंटेनर्स यूनियन ने लगातार पहल की और विभिन्न स्तर तक अपनी मांगों को रखा.
इस बीच रेलवे बोर्ड ने एक आदेश जारी कर नाइट डयूटी अलाएंस के लिए 43,600 वेतनमान का बार लगा दिया है. यह निर्णय जुलाई 2017 से लागू किये जाने का आदेश है जिसके तहत अब तक भुगतान किये गये भत्तों की रिकवरी शुरू कर दी गयी है. मेंटेनर्स यूनियन के महामंत्री आलोक चंद्र प्रकाश में रेलमंत्री को लिखे अपने पत्र में तीन मांगों के समर्थन में 31 अक्टूबर को ब्लैक डे मनाने और 24 घंटे का भूख हड़ताल रखने की बात कही है.
यूनियन ने सभी एसएससी सिग्नल यूनिट में तत्काल नाईट ड्यूटी फेलियर गैंग की स्थपना करने, नाइट डयूटी अलाउंस के लिए सीलिंग की सीमा खत्म करने और तत्काल रिकवरी रोकने की मांग की है.
स्टेशन मास्टर मोमबती जलाकर जतायेंगे विरोध
नाइट एलाउंस को वेतनमान के दायरे में लाने का विरोध शुरू हो गया है. रेलवे के नये आदेश से अब रात्रि ड्यूटी भत्ता उन्हीं को मिलेगा जिनका मूल बेतन 43600 से कम होगा. यही नहीं सरकार अब तक किये गये भुगतान को भी वापस लेने की तैयारी में है. इसका विरोध रेलवे में बड़े स्तर पर शुरू हो गया है. देश भर के स्टेशन मास्टरों ने 15 अक्टूबर को मोमबत्ती जलाकर इसका विरोध करने की घोषणा की है. ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर रात्रिकालीन शिफ्ट में ब्रांच हेड क्वार्टर पर पांच और रोड साइड स्टेशनों पर ऑनडयूटी स्टेशन मास्टर सभी बिजली की लाइट बंद कर सरकार के निर्णय पर विरोध दर्ज करायेंगे.
एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर रेलवे बोर्ड ने अपना आदेश वापस नहीं लिया तो 20 अक्टूबर से देश के सभी स्टेशन मास्टर चेतावनी सप्ताह मनायेंगे और बांह पर काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे. इसके बाद 31 अक्टूबर को सभी स्टेशन मास्टर इसमें ऑनडयूटी और ऑफडयूटी शामिल होंगे वह 12 घंटे की भूख हड़ताल करेंगे. स्टेशन मास्टरों का कहना है कि संरक्षा के साथ लगातार नाइट ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों के साथ ऐसा व्यवहार बड़ा खिलवाड़ है.
क्या है आदेश में
रेलवे बोर्ड ने पिछले महीने रेल कर्मचारियों को मिलने वाले नाइट ड्यूटी एलाउंस के मामले में जारी आदेश में सीलिंग की लिमिट तय कर दी है. आदेश में जिन रेल कर्मचारियों का मूल वेतन 43,600 या इससे कम है, केवल उन्हें ही नाइट ड्यूटी एलाउंस देने के आदेश दिए हैं. इस आदेश के कारण 90 प्रतिशत रेलकर्मी इस सुविधा से बाहर हो गए हैं. वहीं, कार्मिक विभाग ने 43,600 मूल वेतन से ज्यादा पाने वाले कर्मचारियों को अब तक दिए गए नाइट ड्यूटी एलाउंस को वापस जमा करने के आदेश दिए हैं. ऐसे रेल कर्मियों की संख्या हजारों में है, जिनसे तीन से चार लाख रुपये तक की रिकवरी होनी है।
10 से 16 तक कर्मचारी संघ मनायेगा चेतावनी सप्ताह
केंद्र सरकारी की मजदूर विरोधी नीतियों और नवीन श्रम संहिता के विरोध में भारतीय रेलवे मजदूर संघ 10 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक चेतावनी सप्ताह मनायेगा. उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ के मंडल मंत्री बंशी बदन झा ने बताया कि इस दौरान 16 अक्टूबर को आगरा मंडल रेल प्रबंधन को शाम पांच बजे एक पत्र सौंपा जायेगा.