- नाईट ड्यूटी फेलियर गैंग बनाने, रिस्क एवं हार्डशिप अलाउंस देने, HOER, 2005 का उल्लंघन रोकने की मांग
- चौथी बार काला दिवस में काली पट्टी बांध कर दिवसीय मौन व्रत व उपवास रखेंगे एसएंडटी कर्मचारी
- 27 सितम्बर, 2016, 09 फरवरी 2019, 31 अक्टूबर2020, तथा 09 फरवरी 2022 को मनाया था काला दिवस
NEW DELHI. रेलवे की अहम सेवाओं में एक माने जाने वाले संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारी सरकार व रेलवे बोर्ड के नाकारात्मक रवैया के विरोध में एक बार फिर से मौन प्रदर्शन करने वाले हैं. IRSTMU इंडियन रेलवे सिग्नल एंड दूरसंचार मेंटेनर्स यूनियन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 14 मार्च, 2024 को एक दिवसीय उपवास, मौन-व्रत एवं काला दिवस के रूप में मनाये जाने का संकेत दे दिया है.
IRSTMU के राष्ट्रीय महासचिव आलोकचंद्र प्रकाश ने प्रधानमंत्री के नाम भेजे अपने पत्र में जमीनी हकीकत को उजागर करते हुए वर्तमान व भविष्य की चुनौतियों के साथ रेलवे में आने वाली परेशानियों को लेकर आगाह किया है. इसमें एक के बाद एक घटनाओं को जिक्र करते हुए बताया गया है कि मात्र 16 दिन में एसएंडटी के 06 कर्मचारी ऑनडयूटी रनओवर हो गये.
दिनांक 22 जनवरी, 2024 को पश्चिम रेलवे, मुम्बई मंडल के सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग के तीन कर्मचारी वासु मित्रा (सीनियर सेक्शन इंजीनियर / सिग्नल), सोमनाथ उत्तम लाम्बुत्रे (सिग्नल मैंटेनर तथा श्री सचिन वानखड़े ( सहायक सिग्नल), वसई रोड स्टोशन के KM 49/18 के पास ट्रेन नंबर VR 90910 UP/LL से रात 20.55 बजे रनओवर हो गये. उसके पांच दिन बाद ही 27 जनवरी, 2024 को उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल के रुंधी स्टेशन के पास तकनीशियन संजय कुमार सिन्हा सुबह 07:55 को ट्रैक सर्किट फेलियर ठीक करने के दौरान रन ओवर हो गए.
यही नहीं 06 फरवरी, 2024 को पूर्व मध्य रेलवे के पं. दीन दयाल उपाध्याय मंडल के पुसौली स्टेशन पर सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग के दो कर्मचारी सुधांशु कुमार, तकनीशियन 1 एवं हरदेव, सहायक एक साथ रन ओवर हो गये. इन 16 दिनों में 06 सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों के रनओवर ने संरक्षा को कई चिंताओं को उजागर किया है.
यूनियन ने ऐसे में सभी हादसों की न्यायिक जांच की मांग की है. बताया है कि पिछले चार-पांच सालों में संकेत एवं दूरसंचार विभाग के सैकड़ों कर्मचारी रन ओवर या ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में मारे जा चुकें हैं. इससे कर्मचारियों का मनोबल गिर चुका है. हर साल दो दर्जन (24) से अधिक कर्मचारी रन ओवर या ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में मारे जाते हैं.
यूनियन ने बताया है कि सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों के लिए वर्ष 2019 में रिस्क तथा हार्डशिप अलाउंस देने के लिए कमेटी का गठन किया गया लेकिन रिस्क तथा हार्डशिप अलाउंस नहीं मिला. ना ही HOER, 2005 के नियमों का उल्लंघन को रोका जा रहा है. यही नहीं बार-बार आश्वासनों के बावजूद नाईट ड्यूटी फेलियर गैंग की स्थापना भी अब तक नहीं की गयी है.
बिना किसी ड्यूटी रोस्टर के या अपने कार्य अवधि के बाद कभी भी सिगनल फेलियर होने पर HOER, 2005 के नियमों का उल्लंघन कर कर्मचारियों को काम पर बुलाया जाता है. इसके लिए कोई भत्ता नहीं दिया जाता. नींद में कोई गलती हो जाती है तो चार्जशीट, सस्पेंशन का सामान करना पड़ता है. कई को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. संकेत एवं दूरसंचार विभाग में सबसे ज्यादा चार्जशीट (करीब 70% ) ईएसएम को दी जा रही है. बिना ड्यूटी रोस्टर के काम करने से कर्मचारी आसाध्य रोगों मरीज बन रहे. इससे कई बड़े हादसे भी हुए. उदाहरण बालसोर का है जिसमें तीन कर्मचारी अब तक जेल में हैं. जिन्हें जल्द रिहा किया जाना चाहिए.
दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों के लिए यूनियन ने तीन मांगें रखी हैं.
- 1. रिस्क एवं हार्डशिप अलाउंस
2. नाईट ड्यूटी फेलियर गैंग की स्थापना तथा
3. HOER, 2005 के नियमों का उल्लंघन को रोकना
अपनी मांगों और कर्मचारियों के अकाल मौत की घटनाओं के शोक में 14 मार्च, 2024 को चौथी बार काला दिवस के रूप में मनाने की घोषण IRSTMU इंडियन रेलवे सिग्नल एंड दूरसंचार मेंटेनर्स यूनियन ने की है. सिग्नल एवं टेलिकॉम विभाग के कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री ने उनके मामले में तत्काल निर्णय लेने का अनुरेाध किया है.