- यात्रियों को रेलवे कर रहा जागरूक, छोटे कारणों से ट्रेन कोच में अलार्म चेन न खींचें
चेन्नई. दक्षिणी रेलवे ने यात्रियों से छोटे कारणों पर अलार्म खींचने से बचने की सलाह दी है. मुख्य जनसंपर्क अधिकारी एस धनंजयण ने जारी बयान में कहा है कि रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 141 के तहत वैध और पर्याप्त कारण के बिना अलार्म खींचना एक दंडनीय अपराध है. इसमें जुर्माना में एक साल तक कारावास या 1,000 रुपये या दोनों का जुर्माना किया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि इस साल के पहले छह माह में अनाधिकृत तरीके से 744 लोगों ने चेन खींचकर ट्रेन को रोका. इसमें 737 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उनमें 2.8 लाख रुपये जुर्माना वसूले गये. अलार्म चेन खींचने के मामले बढ़ रहे है. यह देखा गया है कि ज्यादातर अवसरों पर यात्री छोटे कारणों पर ही ऐसा कर दे रहे. मोबाइल फोन/ सामान गिरने या गायब हो जाने, यात्री जो पानी/खाने योग्य पदार्थ खरीदने के लिए उतर गये, यात्रियों के overslept और गंतव्य तक नहीं पहुंचने के कारण चेन खींचा जा रहा है. ऐसे यात्रियों को पकड़ा जा रहा है. चेन खींचने से ट्रेन संचालन में विलंब के साथ कई ट्रेनें प्रभावित होती है, ऐसे लोग अन्य यात्रियों को परेशान कर रहे है.
धनंजयण ने कहा है कि यात्रियों को अलार्म चेन खींचने से बचना चाहिए. यात्री ट्रेन के कप्तान, टीटीई, आरपीएफ ट्रेन एस्कॉर्ट्स, कोच परिचरों और ऑन-बोर्ड रेलवे स्टाफ से अपनी परेशान बयां कर सकते है. अखिल भारतीय आरपीएफ सुरक्षा हेल्पलाइन 182 की सेवाएं का उपयोग कर अगले स्टेशन पर सहायता ली जा सकती है. सुरक्षा से संबंधित सहायता के लिए जीआरपी हेल्पलाइन 1512 का भी उपयोग किया जा सकता है. रेल यात्री हेल्पलाइन 138 यात्रियों को ऑन-बोर्ड सुविधाओं से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए भी सहायता प्रदान करेगा. रेलवे सुरक्षा बल उल्लंघन करने वालों पर घनिष्ठ नजर रख रहा है और बिना किसी उचित कारण के अलार्म श्रृंखला खींचने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा.