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चक्रधरपुर रेलमंडल में पैसेंजर ट्रेनों से कोयले-लकड़ी की तस्करी, आरपीएफ का मौन – मिलीभगत या लापरवाही!

चक्रधरपुर रेलमंडल में पैसेंजर ट्रेनों से कोयले-लकड़ी की तस्करी, आरपीएफ का मौन - मिलीभगत या लापरवाही!
  • आरपीएफ की सीआईबी और एसआईबी के सक्रियता पर उठ रहे सवाल

चक्रधरपुर/राउरकेला.  रेलमंडल के बिमलगढ़, बंडामुंडा और राउरकेला सेक्शन में इन दिनों कोयला चोरों की चांदी है. इस सेक्शन पर पहले भी कोयला चोरी की सूचनाएं आम रही है और कई बार बड़ी मात्रा में रेलवे लाइन के किनारे गिराया गया कोयला जब्त भी किया गया है. हालांकि सेक्शन में कोयला चोरी पर लगाम तो नहीं लगी अलबत्ता कोयला तस्करी सर चढ़ कर बोल रहा है.

कोयला माफियाओं के सामने बिमलगढ़, बंडामुंडा और राउरकेला आरपीएफ बौना नजर आ रहे है. हर दिन कोयला तस्करी का यह खेल बिमलगढ़ से शुरू होकर बीरमित्रपुर में खत्म हो रहा है. मिली जानकारी के अनुसार बिमलगढ़ आरपीएफ के अधीन रांगड़ा, पाटासाही, बिमलगढ़ आदि क्षेत्र में रेलवे साइडिंग से बड़े पैमाने पर कोयले की तस्करी हो रही है.

चक्रधरपुर रेलमंडल में पैसेंजर ट्रेनों से कोयले-लकड़ी की तस्करी, आरपीएफ का मौन - मिलीभगत या लापरवाही!

वैगन से गिराया गया कोयला उठाते लोग

लौह पत्थर की ढुलाई करने के लिए रेल साइडिंग पहुंच रहे मालगाड़ियों में पड़े कोयला को स्थानीय लोग उतार रहे हैं. उस कोयले को बोरे में भरकर बरसूआ- बीरमित्रपुर पैसेंजर ट्रेन के माध्यम से तस्करी की जा रही है. इस पैसेंजर ट्रेन को बीरमित्रपुर पहुंचने के लिए बिमलगढ़, बंडामुंडा और राउरकेला तीन आरपीएफ थाना के क्षेत्र होकर गुजरना पड़ता है.

तीनों आरपीएफ पोस्ट के अधिकारी और कोयला तस्कारी के इस खेल पर मौन हैं! ऐसा माना जार रहा है कि तस्करों के साथ सांठ-गांठ के कारण ही यह कारोबार इनदिनों सर चढ़ कर बोल रहा है. पैसेंजर ट्रेन के कोच में सीट के नीचे एवं ट्रेनों की बाथरूम में कोयले से भरे बोरों को ठूस-ठूस कर घुसाया जाता है. बरसुआ-बीरमित्रपुर पैसेंजर में बीती रात इस अवैध ढुलाई का नजारा नजर आया है.

चक्रधरपुर रेलमंडल में पैसेंजर ट्रेनों से कोयले-लकड़ी की तस्करी, आरपीएफ का मौन - मिलीभगत या लापरवाही!

ट्रेन में खुलेआम कोयले की अवैध ढुलाई

पाटासाही और बिमलगढ़ रेल स्टेशन से रोजाना नियमित रूप से कोयला की ढुलाई की जाती है. लेकिन स्टेशन पर मौजूद ऑपरेटिंग, वाणिज्य समेत अन्य विभागीय अधिकारी भी इस पर मौन हैं. इनका कहना है कि यह काम आरपीएफ का है. रेलवे में अवैध गतिविधियों पर स्थानीय पोस्ट की मिलीभगत के बीच आरपीएफ के इंजेलीजेंस विंग सीआईबी और एसआईबी के अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में हैं.

वहीं ट्रेनों में कोयला के बाेरे ढुलाई किए जाने के कारण यात्रियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दिलचस्प है कि खुलेआम ट्रेनों में कोयले के ढुलाई पर बिमलगढ़, बंडामुंडा और राउरकेला आरपीएफ संदिग्ध रूप से चुप्पी साधे हुए है. बताया जाता है कि बिमलगढ़ आरपीएफ का एक हवालदार इस अवैध कारोबार में संलिप्त है.

ट्रेनों में चल रहे कोयले के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए स्थानीय लोगों ने रेल मंत्रालय का ध्यान आकर्षण किया है. उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले दो निर्दोष आदिवासी युवकों को बिमलगढ़ आरपीएफ रात के समय घर से उठाकर थाने ले जाकर जमकर पिटाई की थी. ऐसे में यह सवाल लोग उठा रहे है कि आरपीएफ द्वारा निर्दोष आदिवासियों की पिटाई की जा रही है और गुनहगारों को सहयोग किया जा रहा है?

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