दिल्ली से सुस्मिता. राजीव गुप्ता के रिटायर हो जाने से डीजी/नायर, वीपी पाठक के डीजी/स्टोर्स बनने से सीएलडब्ल्यू, गिरीश पिल्लई के मेंबर ट्रैफिक बनने से पश्चिम मध्य रेलवे और एसएन अग्रवाल के मेंबर स्टॉफ बनने से दक्षिण पूर्व रेलवे के जीएम समेत चार महाप्रबंधकों का पद रिक्त हो गया था. 31 जुलाई को एमसी चौहान के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद उत्तर मध्य रेलवे के जीएम का भी पद रिक्त हो गया. एमआरएस बनने पर जीएम का एक पद और खाली होने वाला है. इस तरह अगस्त माह में रेलवे के छह महाप्रबंधकों के पद रिक्त हो जायेंगे. नया जीएम पैनल एसीसी से पास होकर काफी पहले से ही रेलवे बोर्ड को मिल चुका है. बावजूद अब तक महाप्रबंधकों की पोस्टिंग को लेकर रेलवे बोर्ड की ओर से पहल नहीं की गयी है. अगले कुछ माह में एक बोर्ड मेंबर सहित जोनल महाप्रबंधकों के दो-तीन और पद खाली होने जा रहे हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि एमआर सेल, सीआरबी सेल और सेक्रेटरी/रेलवे बोर्ड सेल में बैठे दर्जनों अधिकारी क्या कर रहे हैं? आखिर इन आला पदों पर पोस्टिंग की प्रक्रिया समय पर पूरी करने की पहल क्यों नहीं की जा रही है? आखिर इसके लिए किसका इंतजार किया जा रहा है?
तीन मेंबर्स से लिया प्रभार, मिलेगी कार्य को धार
- जीएम/द.पू.रे. एस.एन.अग्रवाल ने एमएस में ज्वाइन किया
- जीएम/एमसीएफ राजेश अग्रवाल होंगे अगले एमआरएस
- सुधांशु मणि को सेवा-विस्तार देने का प्रस्ताव हुआ अमान्य
दिल्ली. रेलवे बोर्ड में 10-15 वर्षों के लंबे कार्यकाल के बाद मेंबर ट्रैफिक मोहम्मद जमशेद 30 को जून सेवानिवृत्त हो गए. मोहम्मद जमशेद की जगह पश्चिम मध्य रेलवे, जबलपुर के महाप्रबंधक गिरीश पिल्लई की पदस्थापना की गयी है. कार्य में गंभीर माने जाने वाले श्री पिल्लई ने 30 जून को ही बतौर मेंबर ट्रैफिक का पदभार ग्रहण कर लिया था.
रेलवे बोर्ड में बतौर मेंबर स्टाफ देबल कुमार गायन उर्फ डीके गायन भी 30 जून को रिटायर हो गए. बोर्ड मेंबर स्टाफ के तौर पर देबल ने एक साल से भी कम काम किया. उनके स्थान पर दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक एसएन अग्रवाल को मेंबर स्टाफ बनाया गया है. अग्रवाल को एक ईमानदार, सक्षम और योग्य अधिकारी माना जाता है. स्पष्टवादी और बेलाग बातचीत करने वाले श्री अग्रवाल को एसीआर अपने मातहत और सहयोगी अधिकारियों से लिखवाने वाले अधिकारी के रूप में जाना जाता है. इसके अलावा वह अपने कार्यों का स्वयं भी विश्लेषण एवं पुनरीक्षण करते रहते हैं और उसमें ज्यादा बेहतर सुधार कैसे किया जाए, इसका भी वह लगातार अवलोकन करते रहे हैं. बतौर मंडल रेल प्रबंधक, नागपुर, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे और बतौर महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व रेलवे, उनका कामकाज नजदीक से देखने वाले तमाम अधिकारियों की उनके बारे में यही राय रही है.
श्री अग्रवाल की पदस्थापना में देरी का एक कारण यह माना जा रहा है कि इस दरम्यान रेलवे बोर्ड ने मेंबर स्टाफ की पोस्ट को ‘इन-कैडर पोस्ट’ बनाए जाने का एक प्रस्ताव डीओपीटी को भेज दिया था. बताया जाता है कि एक्स-कैडर मेंबर स्टाफ के रूप में एसएन अग्रवाल की नियुक्ति अंतिम हो सकती है, क्योंकि ‘इन-कैडर पोस्ट’ बनाने की समस्त प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब 30 जून 2019 को श्री अग्रवाल के रिटायर होने पर कार्मिक कैडर के पहले मेंबर स्टाफ के रूप में एनके प्रसाद की नियुक्ति हो सकती है, जो कि वर्तमान में महाप्रबंधक, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे, निर्माण हैं.
मेंबर रोलिंग स्टॉक रवीन्द्र गुप्ता भी 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे है. डीआरएम, चक्रधरपुर, एसडीजीएम/म.रे., सीएमई/स्पेशल प्रोजेक्ट, बिहार, सीएमई/प.रे में वह काम कर चुके है. रवीन्द्र गुप्ता की जगह बतौर मेंबर रोलिंग स्टॉक (एमआरएस) राजेश अग्रवाल की नियुक्ति हो सकती है.
एसीसी से पारित वर्ष 2018-19 के लिए महाप्रबंधक पैनल