Connect with us

Hi, what are you looking for?

Rail Hunt

देश-दुनिया

शिवगोपाल मिश्रा ने दोहराया कहा – रेलवे का निजीकरण मंजूर नहीं, निर्णायक लड़ाई लड़ेगें

शिवगोपाल मिश्रा ने दोहराया कहा - रेलवे का निजीकरण मंजूर नहीं, निर्णायक लड़ाई लड़ेगें
  • पंजाबी पत्रकार कलमनवीस मंच के अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार में एक्ट अप्रेंटिस के मुद्दे को बताया अहम
  • निजीकरण से जितनी परेशानी रेलकर्मचारियों को होगी, उससे कहीं अधिक यात्रियों को होने वाली है
  • रेलवे के निजीकरण के खिलाफ 14 सितंबर से 19 सितंबर तक विशेष जनसंपर्क अभियान चलेगा 

नई दिल्ली. पंजाबी पत्रकार कलमनवीस मंच द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार में ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने दोहराया कि भारतीय रेलवे का निजीकरण मंजूर नहीं होगा और इसके लिए निर्णायक लड़ाई लड़ी जायेगी. उन्होंने कहा कि रेलवे के निजीकरण से जितनी परेशानी रेलकर्मचारियों को होगी, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल रेल यात्रियों को होने वाली है. महामंत्री ने आज फिर दोहराया कि एक्ट अप्रेंटिस का मुद्दा हमारे लिए महत्वपूर्ण है, इस पर हमने भारतीय रेल के सीईओ से पहली ही मुलाकात में विस्तार से चर्चा की है.

शिवगोपाल मिश्रा ने दोहराया कहा - रेलवे का निजीकरण मंजूर नहीं, निर्णायक लड़ाई लड़ेगेंशिवगोपाल मिश्रा ने दोहराया कहा - रेलवे का निजीकरण मंजूर नहीं, निर्णायक लड़ाई लड़ेगेंमहामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहाकि आज भारतीय रेल दुनिया की एक मात्र ऐसी रेल है जो सबसे सस्ती सेवा दे रही है, ये रेल गरीब और मजदूरों के हितों को सबसे ऊपर रखती है. कोरोना काल में हजारों श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाया गया. आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की सेवा बहाल रखी गयी. उन्होंने कहा कि हम राजधानी, शताब्दी और बंदे भारत जैसी ट्रेनों का संचालन कर रहे हैं.

बंदेभारत ट्रेन को जितने कम लागत में तैयार कर इसका संचालन भी शुरू कर दिया गया है, जबकि विदेशी कंपनी टैल्गो की ट्रेन अपने ट्रायल में ही फेल हो गई थी. विदेशों से जिस इंजन का आयात 28 करोड में किया जा रहा था, भारतीय रेल के कर्मचारियों ने उसे आठ करोड में तैयार कर दिया, जिस यात्री बोगी को 6 करोड में खरीदा जाता था, उसे 90 से 95 लाख में तैयार कर दिया गया. भारतीय रेल के कर्मचारी कुशल है और उनसे बेहतर ट्रेन का संचालन कोई और कर ही नहीं सकता.

हर साल पांच से छह सौ रेलकर्मचारी ट्रैक पर कट जाते है, बावजूद ट्रेनों के संचालन पर कभी असर नहीं पड़ा. महामंत्री ने कहाकि दुनिया के दूसरे देशों का उदाहरण हमारे सामने है, जहां कहीं भी रेलवे का निजीकरण हुआ, वहां मुश्किल बढ़ी और अब रेलवे का दोबारा राष्ट्रीयकरण किया जा रहा है. बावजूद सरकार रेलवे के खिलाफ कुचक्र रच रही है. अभी 109 रुट पर 150 ट्रेनों का संचालन प्राईवेट आँपरेटर को देने की बात हो रही है. सवाल ये है कि जब प्रीमियम क्लास ट्रेनों का संचालन करने में रेलकर्मचारी सक्षम है,फिर ट्रेनों का संचालन प्राईवेट आँपरेटर को क्यों दिया जा रहा है ?

शिवगोपाल मिश्रा ने दोहराया कहा - रेलवे का निजीकरण मंजूर नहीं, निर्णायक लड़ाई लड़ेगेंशिवगोपाल मिश्रा ने दोहराया कहा - रेलवे का निजीकरण मंजूर नहीं, निर्णायक लड़ाई लड़ेगेंउन्होंने सवाल किया कि जब हमारी उत्पादन इकाइयां क्वालिटी की इंजन और बोगी तैयार करने में सक्षम है, फिर इनके निगमीकरण की साजिश क्यों हो रही है ? महामंत्री फिर दोहराया कि निजीकरण का सबसे बड़ा नुकसान देश की करोड़ों जनता को होगा. बहरहाल निजीकरण के खिलाफ आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन ने एक बड़े संघर्ष की तैयारी की है, अभी हम 14 से 19 सितंबर तक जनसंपर्क सप्ताह मना रहे हैं. इसमें हमारी कोशिश है कि रेल कर्मचारियों के साथ रेल यात्रियों को भी शामिल किया जाये.

वेबीनार में बड़ी संख्या में एक्ट अप्रेंटिस भी शामिल थे, लिहाजा महामंत्री ने एक्ट अप्रेंटिस के बारे में भी विस्तार से चर्चा की और कहाकि रेलवे बोर्ड के नए सीईओ से पहली ही मुलाकात में एक्ट अप्रेटिसों को नौकरी देने का मुद्दा उठाया. महामंत्री ने कहाकि हमने अप्रेंटिसों को भर्ती करने के तीन चार विकल्प दिए है, मुझे उम्मीद है कि इस मामले में जल्द ही कोई सार्थक निर्णय होगा. उन्होंने कहाकि अप्रेंटिसों का मुद्दा एआईआरएफ और मेरे लिए कोर इश्यू है और इसे निर्णायक हल तक ले जाऊंगा.

इस वेबीनार में नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन के अध्यक्ष एसके त्यागी ने भी संबोधित किया. बेवीनार में मुख्य रूप से परमिंदर जीत सिंह, वीरेन्द्र शर्मा, जीएस सुखविंदर, प्रो. रंजीत, डा. एस पी सिंह , एआईआरएफ नेशनल यूथ कन्वीनर प्रीती सिंह, सुरेन्द्र मचानी, केहर शरीफ, के जाबंदा, ज्ञान सिंह,एस एल विर्दी, जगदीप सिंह, चंद्रजीत सिंह, हरजेंदर सिंह, दर्शन सिंह समेत तमाम लोग शामिल थे.

19 सितंबर की रात आठ बजे से 8:05 तक राष्ट्रव्यापी ब्लैकआउट कर दर्ज करायेंगे विरोध  : जवाहरलाल 

शिवगोपाल मिश्रा ने दोहराया कहा - रेलवे का निजीकरण मंजूर नहीं, निर्णायक लड़ाई लड़ेगेंजमशेदपुर. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन से जुड़ी रेलवे मेंस यूनियन के चक्रधरपुर मंडल को-ऑर्डिनेटर जवाहरलाल ने बयान जारी कर बताया कि निजीकरण के विरोध में 14 सितंबर से 19 सितंबर तक जनसंपर्क अभियान चलाकर रेल कर्मियों के अलावा रेल यात्रियों को भी रेलवे में निजीकरण से नुकसान की जानकारी दी जायेगी. छह दिनों तक अभियान के बाद 19 सितंबर को राष्ट्रव्यापी ब्लैक आउट कर केंद्र सरकार का विरोध होगा. ब्लैकआटर पांच मिनट का होगा जो 8:00 बजे से 8:05 तक चलेगा. इसमें लोगों से घरों और प्रतिष्ठानों की लाइट बंद कर समर्थन मांगा जायेगा. कहा कि रेलवे में निजीकरण होने से न केवल रेलकर्मी, बल्कि आम यात्रियों को भी परेशानी उठानी पड़ेगी. यह बात हम टाटानगर समेत राष्ट्रीय स्तर पर चलने वाले जनसंपर्क अभियान में लोगों को बतायेंगे.

 

Spread the love
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबरें

You May Also Like

रेलवे यूनियन

पश्चिम मध्य रेलवे कर्मचारी परिषद ने सीआरबी को थमायी समस्याओं की सूची, लाइन बॉक्स सुविधा जारी रखने का अनुरोध BHOPAL. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन...

रेलवे यूनियन

General Secretary IRSTMU writes letter to PM for recreation of post of Member (S&T) and filling of the post of AM (Signal) NEW DELHI. The...

Breaking

सूरत के कीम-कोसंबा के बीच निकाली गई थीं फिश प्लेट, स्टेशन मास्टर को दी गयी थी सूचना   कर्मचारी सुभाष पोद्दार ने 71 पेडलॉक निकालने...

रेलवे यूनियन

New Delhi. The Railway Board has given an additional charge of Member (Infrastructure) to DG (HR) after the former superannuated on September 30, 2024....